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ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होते ही हरकत में आया प्रशासन, खूंटी में अवैध खनन करने वालों पर हुई FIR

खूंटी में अवैध खनन को लेकर ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद प्रशासन ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कई जगह छापेमारी की है. इसके बाद कई लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है. हालांकि अवैध खनन मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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Published : Jun 3, 2022, 10:10 PM IST

खूंटी: जिले में अवैध धनन लगातार जारी है. सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी खूंटी में अवैध खनन नहीं रुक रहा था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद खनन विभाग ने हरकत में आया और कार्रवाई शुरू कर दी. दोपहर से लेकर देर शाम तक डीएमओ मो. नदीम शफी के नेतृत्व में खूंटी थाना के हुटार क्षेत्र के चलागी ग्राम में छापेमारी अभियान चलाया गया.

ये भी पढ़ें: सरकार के सख्त आदेश के बाद भी खूंटी में नहीं रुक रहा अवैध खनन, सरकार को करोड़ों का हो रहा नुकसान

ईटीवी भारत ने बताया था कि खूंटी में अवैध खनन जारी है और कई ऐसे इलाके भी है जहां कभी पहाड़ हुआ करते थे जो अब पूरी तरह से गायब हो चुके हैं. सरकार के सख्त आदेश के बाद भी कई इलाके ऐसे है जहां अवैध खनन धड़ल्ल से हो रहा है और माफिया अपना काम आराम से कर रहे हैं. खबर प्रकाशित होते ही जिला में अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर डीसी के निर्देश पर पुलिस और खनन विभाग खनन माफियाओं के खिलाफ कारवाई में जुट गए हैं.

शुक्रवार दोपहर से लेकर देर शाम तक डीएमओ मो नदीम शफी के नेतृत्व में खूंटी थाना इलाके के हुटार क्षेत्र में अवैध उत्खनन को लेकर छापेमारी चलती रही. खनन निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि छापामारी टीम को देखते ही खदान में काम कर रहें कुछ मजदूर जंगल की ओर भाग गये. उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में पता चला कि पीयूष सांगा, चमरा सांगा, सोहराई उरांव, मर्कुस सांगा, कुंडा पाहन, पट्टू पाहन, सभी चलागी गांव निवासी है. इनके अलावा निकोटिन सांगा, अमर सांगा, पवन गोप, नेहरू साहू, लोड्डू साहू (सभी मंदरोंटोली) के द्वारा पत्थर का अवैध उत्खनन किया जाता है.

खनन निरीक्षक ने बताया कि इस सूचना के आधार पर उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 4 एवं 21, झारखंड लघु खनिज समानुदान नियमावली 2004 की धारा 54 और झारखंड मिनरल्स रूल 2017 के नियम 3, 7 एवं 13 के तहत खूंटी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि खनन विभाग कार्रवाई करती है लेकिन विभागीय सहयोग नही मिलने के कारण दिक्कत होती है जिसका लाभ माफिया आसानी से उठा लेते हैं. उन्होंने बताया कि ईटीवी भारत पर प्रकाशित खबर सही पाई गई है. ईटीवी भारत में बताए गए स्थानों का सत्यापन किया गया तो अवैध खनन की पुष्टि हुई है. जल्द ही चिन्हित कर उन माफियाओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

खूंटी: जिले में अवैध धनन लगातार जारी है. सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी खूंटी में अवैध खनन नहीं रुक रहा था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद खनन विभाग ने हरकत में आया और कार्रवाई शुरू कर दी. दोपहर से लेकर देर शाम तक डीएमओ मो. नदीम शफी के नेतृत्व में खूंटी थाना के हुटार क्षेत्र के चलागी ग्राम में छापेमारी अभियान चलाया गया.

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ईटीवी भारत ने बताया था कि खूंटी में अवैध खनन जारी है और कई ऐसे इलाके भी है जहां कभी पहाड़ हुआ करते थे जो अब पूरी तरह से गायब हो चुके हैं. सरकार के सख्त आदेश के बाद भी कई इलाके ऐसे है जहां अवैध खनन धड़ल्ल से हो रहा है और माफिया अपना काम आराम से कर रहे हैं. खबर प्रकाशित होते ही जिला में अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर डीसी के निर्देश पर पुलिस और खनन विभाग खनन माफियाओं के खिलाफ कारवाई में जुट गए हैं.

शुक्रवार दोपहर से लेकर देर शाम तक डीएमओ मो नदीम शफी के नेतृत्व में खूंटी थाना इलाके के हुटार क्षेत्र में अवैध उत्खनन को लेकर छापेमारी चलती रही. खनन निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि छापामारी टीम को देखते ही खदान में काम कर रहें कुछ मजदूर जंगल की ओर भाग गये. उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में पता चला कि पीयूष सांगा, चमरा सांगा, सोहराई उरांव, मर्कुस सांगा, कुंडा पाहन, पट्टू पाहन, सभी चलागी गांव निवासी है. इनके अलावा निकोटिन सांगा, अमर सांगा, पवन गोप, नेहरू साहू, लोड्डू साहू (सभी मंदरोंटोली) के द्वारा पत्थर का अवैध उत्खनन किया जाता है.

खनन निरीक्षक ने बताया कि इस सूचना के आधार पर उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 4 एवं 21, झारखंड लघु खनिज समानुदान नियमावली 2004 की धारा 54 और झारखंड मिनरल्स रूल 2017 के नियम 3, 7 एवं 13 के तहत खूंटी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि खनन विभाग कार्रवाई करती है लेकिन विभागीय सहयोग नही मिलने के कारण दिक्कत होती है जिसका लाभ माफिया आसानी से उठा लेते हैं. उन्होंने बताया कि ईटीवी भारत पर प्रकाशित खबर सही पाई गई है. ईटीवी भारत में बताए गए स्थानों का सत्यापन किया गया तो अवैध खनन की पुष्टि हुई है. जल्द ही चिन्हित कर उन माफियाओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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