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पांच महीने में खूंटी वन प्रमंडल में 4 हाथियों की मौत, लापरवाही को लेकर बिजली विभाग के खिलाफ एफआईआर - झारखंड में हाथी

खूंटी में जंगली हाथी लगातार मौत के मुंह में समाते जा रहे (elephants died in Khunti) हैं. पिछले 5 महीने में खूंटी वन प्रमंडल में 4 हाथियों की मौत हुई है. बिजली के करंट से हाथियों की मौत हुई, जिनकी संख्या दो है. वहीं दो हाथी की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है. दो हाथियों की मौत के लिए वन विभाग ने बिजली विभाग के खिलाफ एफआईआर किया (FIR against Executive Engineer and JE In Khunti) है.

FIR against electricity department for four elephants died in Khunti
खूंटी
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Published : Nov 18, 2022, 9:11 AM IST

खूंटीः जिला में पिछले कई महीनों में बिजली के करंट से हाथियों की मौत (elephants died in Khunti) हुई है. इसको लेकर वन विभाग के पदाधिकारियों ने बिजली विभाग के खिलाफ एफआईआर कराया है. उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाएगी, ये कहना है खूंटी वन प्रमंडल डीएफओ कुलदीप मीणा का है.

इसे भी पढ़ें- एक महीने के भीतर दो हाथियों की मौत, 11 हजार वोल्ट करंट की चपेट में आने से हुआ हादसा

खूंटी में हाथियों की मौत से वन विभाग सकते में आ गया है. दो हाथी की मौत बिजली के 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आने से हो (Elephants died due to electric current in Khunti) गयी. एक मामला रनियां प्रखंड के कोयनारा का है जहां बिजली तार की चपेट में आने से 55 साल के हाथी की मौत सोमवार को हो गयी. जबकि दूसरी घटना 27 अक्टूबर की है, जब रात में तमाड़ थाना क्षेत्र के चोगाडीह बरवाडीह गांव के समीप 11 हजार वोल्ट के बिजली तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गयी.

खूंटी वन प्रमंडल डीएफओ कुलदीप मीणा


वन प्रमंडल क्षेत्र में दो अलग अलग घटनाओं की बात करें तो 2 अन्य हाथी की मौत का मामला भी संदिग्ध रहा है. वन विभाग लगातार हाथियों की मौत से हरकत में आया है और 2 हाथियों की मौत में बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. हाथियों की मौत के बाद खूंटी वन प्रमंडल बिजली विभाग पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू करने जा रहा है.

जिला में पहली बार वन विभाग बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता और जेई के खिलाफ एफआईआर (FIR against Executive Engineer and JE In Khunti) दर्ज की गयी है. वन विभाग ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट) 1972 की धारा 9, 50, 51, 57 और 58 के तहत कांड दर्ज किया है. वन विभाग ने बताया है कि हाथियों के कॉरिडोर इलाके में गुजरी हाईटेंशन तार को हटा दें या फिर उसे ऊपर कर दें. लेकिन वन विभाग के पत्रचार के वावजूद भी बिजली विभाग की लापरवाही के कारण दो बड़े हाथियों की मौत हुई है.

इसको लेकर डीएफओ ने बताया कि रांची के तमाड़ और खूंटी के रनिया में हुए हाथी की मौत मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में हाथियों का आतंक नही बल्कि हाथियों के कॉरिडोर इलाके में ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर दिया है, जिसके कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. हालांकि डीएफओ ने कहा कि हाथियों को संरक्षित व सुरक्षित करने की दिशा में पहल की जा रही है.

कब कब हुई हाथी की मौतः पहला मामला 18 जुलाई का है, जहां गिरगा रेंज क्षेत्र के बोंगटेल में एक 32 साल के हाथी की मौत हो गयी. मौत की वजह अब साफ नहीं हो पाई है. वहीं 28 अक्टूबर को तमाड़ के चोगाडीह बरवाडीह गांव के पास 11 हजार वोल्ट तार की चपेट में आने से करीब 40 साल के एक हाथी की मौत हो गयी. 6 नवंबर को इचा के जंगल में करीब 5 साल के एक हाथी की मौत हुई है. वहीं सोमवार 14 नवंबर को 11 हजार वोल्ट बिजली के तार की चपेट में आने से एक 55 साल के हाथी की मौत हुई है.

खूंटीः जिला में पिछले कई महीनों में बिजली के करंट से हाथियों की मौत (elephants died in Khunti) हुई है. इसको लेकर वन विभाग के पदाधिकारियों ने बिजली विभाग के खिलाफ एफआईआर कराया है. उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाएगी, ये कहना है खूंटी वन प्रमंडल डीएफओ कुलदीप मीणा का है.

इसे भी पढ़ें- एक महीने के भीतर दो हाथियों की मौत, 11 हजार वोल्ट करंट की चपेट में आने से हुआ हादसा

खूंटी में हाथियों की मौत से वन विभाग सकते में आ गया है. दो हाथी की मौत बिजली के 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आने से हो (Elephants died due to electric current in Khunti) गयी. एक मामला रनियां प्रखंड के कोयनारा का है जहां बिजली तार की चपेट में आने से 55 साल के हाथी की मौत सोमवार को हो गयी. जबकि दूसरी घटना 27 अक्टूबर की है, जब रात में तमाड़ थाना क्षेत्र के चोगाडीह बरवाडीह गांव के समीप 11 हजार वोल्ट के बिजली तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गयी.

खूंटी वन प्रमंडल डीएफओ कुलदीप मीणा


वन प्रमंडल क्षेत्र में दो अलग अलग घटनाओं की बात करें तो 2 अन्य हाथी की मौत का मामला भी संदिग्ध रहा है. वन विभाग लगातार हाथियों की मौत से हरकत में आया है और 2 हाथियों की मौत में बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. हाथियों की मौत के बाद खूंटी वन प्रमंडल बिजली विभाग पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू करने जा रहा है.

जिला में पहली बार वन विभाग बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता और जेई के खिलाफ एफआईआर (FIR against Executive Engineer and JE In Khunti) दर्ज की गयी है. वन विभाग ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट) 1972 की धारा 9, 50, 51, 57 और 58 के तहत कांड दर्ज किया है. वन विभाग ने बताया है कि हाथियों के कॉरिडोर इलाके में गुजरी हाईटेंशन तार को हटा दें या फिर उसे ऊपर कर दें. लेकिन वन विभाग के पत्रचार के वावजूद भी बिजली विभाग की लापरवाही के कारण दो बड़े हाथियों की मौत हुई है.

इसको लेकर डीएफओ ने बताया कि रांची के तमाड़ और खूंटी के रनिया में हुए हाथी की मौत मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में हाथियों का आतंक नही बल्कि हाथियों के कॉरिडोर इलाके में ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर दिया है, जिसके कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. हालांकि डीएफओ ने कहा कि हाथियों को संरक्षित व सुरक्षित करने की दिशा में पहल की जा रही है.

कब कब हुई हाथी की मौतः पहला मामला 18 जुलाई का है, जहां गिरगा रेंज क्षेत्र के बोंगटेल में एक 32 साल के हाथी की मौत हो गयी. मौत की वजह अब साफ नहीं हो पाई है. वहीं 28 अक्टूबर को तमाड़ के चोगाडीह बरवाडीह गांव के पास 11 हजार वोल्ट तार की चपेट में आने से करीब 40 साल के एक हाथी की मौत हो गयी. 6 नवंबर को इचा के जंगल में करीब 5 साल के एक हाथी की मौत हुई है. वहीं सोमवार 14 नवंबर को 11 हजार वोल्ट बिजली के तार की चपेट में आने से एक 55 साल के हाथी की मौत हुई है.

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