खूंटी: झारखंड में हाथियों की मौत की लगातार खबरें आ रही हैं. सिर्फ खूंटी वन प्रमंडल क्षेत्र में एक महीने के भीतर दो विशाल हाथियों की मौत 11 हजार वोल्ट के करंट की चपेट में हो गई है (Elephant dies due to electric shock). पहली घटना 27 अक्टूबर की रात तमाड़ थाना क्षेत्र के चोगाडीह बरवाडीह गांव के पास हुई थी. अब खूंटी के रनिया में एक हाथी की मौत हो गई है. हाथी की मौत पर वन विभाग कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
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जानकारी के अनुसार, जिले के रनिया प्रखंड के कोइनारा मैदान में मंगलवार को वन विभाग को एक जंगली हाथी का शव मिला. जंगली हाथी की मौत बिजली के 11 हजार वोल्ट के करंट की चपेट मे आने से हुई है. ग्रामीणों के अनुसार घटना सोमवार रात 10 बजे के आसपास हुई थी. ग्रामीणों ने ही वन विभाग को घटना की सूचना दी थी, जिसके बाद वन संरक्षक एएसआर नटेस, डीएफओ कुलदीप मीणा के साथ पशु चिकित्सा जांच टीम मंगलवार को कोयनारा गांव पहुंची.
इसके बाद पशु चिकित्सक की टीम और रांची से आए जंगली पशु चिकित्सक ने हाथी शव का पोस्टमार्टम कराया गया. अधिकारियों ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही के चलते यह घटना घटी है. घटना स्थल पर आठ फीट की ऊंचाई पर 11 हजार बोल्ट के तार के होने के कारण हाथी करंट का चपेट में आया, जिससे उसकी मौत हुई. वन विभाग के अनुसार नर हाथी का उम्र लगभग 55 वर्ष थी और उसकी लंबाई 11 फीट थी. मौके पर फॉरेस्टर नितेश केसरी संजय कुमार दीपक राकेश अनिल प्रवीण के अलावे वन विभाग कर्मी मौजूद थे.
इधर, कोयनरा गांव के लोगों के अनुसार इन दिनों हाथियों का तांडव प्रखंड क्षेत्र में काफी बढ़ गया है. कई हाथियों के झुंड गांव में घुस जा रहे हैं. इसके अलावा वे किसानों के खेतों में लगे फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. 18 जुलाई को भी एक विशालकाय नर हाथी की बोमटेल गांव में संदेहास्पद मौत हुई थी. जबकि 27 अक्टूबर की रात तमाड़ के चोगाडीह बरवाडीह गांव के पास एक हाथी की मौत 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आने से हो गई थी.