खूंटी: खूंटी थाने में पदस्थापित एसआई भारत रंजन पाठक ने खूंटी अंचलाधिकारी विनोद प्रजापति पर गाली देने और अभद्र भाषा से बुलाने का आरोप लगाया है. कोरोना से पीड़ित एसआई का कहना है कि जब वह कोविड अस्पताल के बरामदे पर मंगवाया समान लेने पहुंचे तो उसी दौरान पहले से मौजूद अंचलाधिकारी (सीओ) उसे गाली देने लगे. पूरा मामला 24 अगस्त दोपहर का है. हालांकि सीओ ने ईटीवी भारत से बातचीच करते हुए आरोपों को बेबुनियाद बताया.
मानसिक तनाव में पीड़ित एसआई भारत रंजन पाठक
एसआई ने इसका विरोध करते हुए खुद का परिचय दिया और बताया कि वो उनके साथ काम कर चुका है. इतना कहने के बाद भी सीओ ने दोबारा गाली देते हुए कहा कि तुम जो भी हो उन्हें कोई लेना देना नहीं, भागो यहां से. सीओ ने फिर एसआई की मृत मां को लगाकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर गाली-गलौज करने लगा, जिससे कोरोना संक्रमित एसआई भारत रंजन पाठक मानसिक तनाव में चले गए.
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इंसाफ नहीं मिला तो जिले में पुलिसकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे
पहले से कोरोना संक्रमित एसआई फिलहाल कोविड केयर में इलाजरत हैं. एसआई ने सीओ विनोद प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई को लेकर डीसी, एसपी सहित राज्यपाल, मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई है. मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस एसोसिएशन भी एसआई को इंसाफ दिलाने के लिए सामने आया है और एलान किया है कि अगर एसआई को इंसाफ नहीं मिला तो जिले में पुलिसकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे. विधि व्यवस्था से लेकर सभी कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा और इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा.
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सीओ ने रखा पक्ष
सीओ विनोद प्रजापति ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपना पक्ष रखा. इस दौरान सीओ ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. सीओ ने कहा कि एसआई कोविड अस्पताल में वहां काम करने वालों को परेशान कर रहा था. उनके साथ वह गाली गलौज कर रहा था. वहां काम करनेवाली जो खाना बनाती हैं, उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहा था, खाना भी फेक दिया करता था. इस बात की लागातार शिकायत आ रही थी. सीओ ने कहा कि जब वे निरीक्षण पर गए तो भारत रंजन अपने कमरे से बाहर परिसर में घूम रहे थे, जबकि कोविड मरीज को रूम से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है. इस दौरान सीओ ने उन्हें डांटते हुए कहा कि अंदर चले जाओ, नहीं तो कार्रवाई होगी. सीओ ने कहा कि एसआई ने गलत आरोप लगाया है. इसकी सूचना उन्होंने अधिकारियों को दे दी है. सीओ ने कहा कि इसकी सूचना डीसी, एसडाओ को उन्होंने लिखित रूप से भी दिया है.