खूंटीः जिला में अवैध अफीम के खिलाफ अभियान तो चल रहा है. लगातार कार्रवाई से नशे की खड़ी फसलों को नष्ट किया जा रहा है. नशे के कारोबारियों के खिलाफ कानून का डंडा बरस रहा है. इसके बावजूद खूंटी में अवैध अफीम की खेती रूकने का नाम नहीं ले रही है. माफिया अब इस धंधे में नौनिहालों को झोंक रहे हैं. खूंटी थाना क्षेत्र के सुदूर गांव के ये बच्चे अफीम के फल में चीरा लगाते हुए ईटीवी भारत के कैमरे में कैद किए गए हैं.
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जिन हाथों में किताबें और पेंसिल होनी चाहिए, चंद पैसों के लालच में इस गांव के बच्चों के हाथ में ब्लेड या चाकू है. जिससे वो अफीम के फलों में चीरा लगा रहे हैं. ईटीवी भारत के कैमरे में कैद खूंटी थाना क्षेत्र के गांव की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ये छोटे छोटे बच्चे अफीम के इन फलों में चीरा लगाने के काम में लगे हैं. बातचीत के दौरान कुछ बच्चों ने बताया कि इस काम के लिए उन्हें 250 रुपया दिया जाता है, वो सुबह स्कूल जाने से पहले और दोपहर में भोजन के बाद अफीम के फल में चीरा लगाने आते हैं. उन्होंने बताया कि चीरा लगाने के दौरान हाथों और आंखों में जलन होती है फिर भी पैसों के खातिर वो इस काम को करते हैं.
एसपी ने दिया कार्रवाई का भरोसाः हालांकि इस पूरे मामले को लेकर खूंटी एसपी अमन कुमार ने कहा कि जांच के बाद इसमें कार्रवाई की जाएगी. बच्चों से ऐसा जघन्य काम कराने वालों को कतई नहीं बख्शा जाएगा, चाहे वो माफिया हों या बच्चों के अभिभावक ही क्यों ना हों. इसके अलावा एसपी ने कहा कि अवैध अफीम के खिलाफ कार्रवाई के साथ साथ ग्रामीणों के बीच जन जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे उन्हें नशे की खेती और कारोबार से दूर रहने की अपील की जा रही है.
अवैध अफीम के खिलाफ अभियानः खूंटी जिला प्रशासन और पुलिस दिसंबर महीने से अवैध अफीम के खिलाफ अभियान चला रही है और लगातार अफीम का विनष्टीकरण किया जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि रोजाना 5 से 10 जबकि कभी कभी 25 से 30 एकड़ तक अफीम की खेती को नष्ट किया जा रहा है. विनष्टीकरण अभियान के दौरान जिला प्रशासन ने लगभग 2000 एकड़ से अधिक फसलों को नष्ट किया है. यही नहीं जिला के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगभग 17 मामले दर्ज किये जा चुके हैं और 16 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं.