खूंटी: जल, जंगल, जमीन और अपने धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए भगवान बिरसा मुंडा द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध छेड़े गए उलगुलान और बलिदान की साक्षी रहे मुरहू प्रखंड के डोंबारी बुरु में शहीदों को याद किया गया. मंगलवार को हजारों लोग जुटे और शहीद हुए अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
शहीद दिवस के मौके पर हर साल डोंबारी बुरु में 9 जनवरी को मेला का आयोजन किया जाता है. यहां शहीदों की याद में लगने वाले इस मेले में आसपास गांवों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होकर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इसके बाद देर रात तक आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं.
मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और जिले के प्रशासनिक अधिकारी डोम्बारी बुरु पहुंचे और शहीद बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं शहीद ग्रामीणों के पत्थर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने श्रद्धा सुमन अर्पित करने में बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बलिदानों के धरती को नमन करना चाहिए. नहीं तो जो देश अपना इतिहास भूल जाता है और अपना भविष्य कभी बना नहीं सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोम्बारी में अंग्रेजों से लड़ते हुए बड़ी संख्या में आदिवासियों ने बलिदान दिया था, जिन्हें नमन करने वे पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. गौरव दिवस को ऐतिहासिक तौर पर मनाने देश के राष्ट्रपति पहुंची. प्रधानमंत्री ने भी बिरसा मुंडा की धरती पहुंच कर मिट्टी से तिलक लगाया.
अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी के कालखंड के बाद एक ऐसा समय देखा कि ऐसे महान लोगों के मिट्टी के नाम को भूलने लगे थे. उन्होंने कहा कि ऐसे महान लोगों को स्मरण करें. उन्होंने कहा कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है वो अपना भविष्य कभी बना नहीं सकता है. इसलिए भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर देश के राष्ट्रपति पहुंचे और प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा की जमीन की माटी से तिलक लगाई. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने डोम्बारी बुरु में कहा कि 15 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के जनजातीय समुदाय से सीधा संवाद करेंगे.
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