खूंटी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक राज्य के सभी नदियों से बालू उठाव पर रोक लगाई है. बावजूद इसके जिले में बालू माफियाओं का अवैध खनन का काम धड़ल्ले से जारी है. लगातार मिल रही सूचनाओं और झारखंड सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए सभी चेक प्वाइंट पर विशेष टीम बनाकर दंडाधिकारियों को लगाया गया है. चेक पोस्ट पर तैनात जवान और दंडाधिकारी खनन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जो अवैध तरीके से खनन का कार्य कर रहे हैं. इसके बावजूद अगर किसी तरह की चूक हुई तो जिला प्रशासन चेक पोस्टों पर लगे हिडेन कैमरे से निगरानी करेगा. एक सप्ताह के भीतर जिला प्रशासन ने 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वहीं 6 वाहनों को जब्त किया है.
अवैध बालू का परिवहन रोकने के लिए 4 चेक पोस्ट अधिस्थापित किए गए है. इन चेक पोस्टों में पर्याप्त पुलिस बल के 196 स्टैटिक दंडाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है. पहला चेक पोस्ट खूंटी-रांची मार्ग पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के पास, दूसरा चेक पोस्ट कर्रा थाना के पास कर्रा चौक पर, तीसरा चेक पोस्ट लोधमा कर्रा स्थित पुलिस पिकेट के सामने और बालामोड़ पर अधिस्थापित की गई है.
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बता दें, जिले के रनिया प्रखंड क्षेत्र के सोदे नदी, कारो नदी, तोरपा प्रखंड क्षेत्र से कारो नदी, कुंजला, अड़की प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कांची नदी का आधा भाग बालू माफियाओं के कब्जे में है. ये माफिया बेखौफ होकर दिनदहाड़े बालू का खनन कर सरकार और प्रशासन को चुनौती देने का काम कर रहे थे, जिसपर अंकुश लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन ने चेक प्वाइंट बनाए हैं. वहीं जिले में चार जगहों पर बने चेकपोस्ट से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है. जिला प्रशासन की पहल से अवैध बालू पाए अंकुश लगने की संभावना है.