जामताड़ा: जिले के निबंधन विभाग में स्थाई रूप से अब तक कोई पदाधिकारी नहीं है. एक साल हो गया, लेकिन निबंधन विभाग में पदाधिकारी का पद खाली है. विभाग का कामकाज ठप रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. स्थाई पदाधिकारी का स्थानांतरण नहीं होने के बाद अंचल अधिकारी को प्रभार दिया गया था. बताया जाता है कि अंचलाधिकारी तत्कालीन का स्थानांतरण होने के बाद अब इसका प्रभाव जिले के भूमि अपर समाहर्ता पदाधिकारी(Land Additional Collectorate Officer) अंजना दास को प्रभार में दिया गया है, जो अपने विभाग के अलावा निबंधन विभाग का प्रभार दिया गया है.
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प्रभार में विभाग चलने से लंबे समय से निबंधन का कार्य ठप(registration stopped) पड़ा हुआ है. नतीजा ये है कि जमीन संबंधी और वैवाहिक संबंधी अन्य निबंधन कार्य ठप है. काम नहीं होने से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लाभुकों को घंटों वैवाहिक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए खड़ा रहना पड़ता है.
क्या कहते हैं है लोग
स्थाई रूप से पदाधिकारी का नहीं होना और प्रभार में पदाधिकारी के रहने के कारण लोगों के हो रही इस परेशानी के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि घंटों उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लाभुकों के लिए खड़ा रहना पड़ता है. पदाधिकारी जो हैं, उनका जब समय होता है, तब आते हैं. इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सामान्य वैवाहिक निबंधन अन्य जमीन निबंधन काम नहीं हो पाने से लोग परेशानी बता रहे हैं. जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ता जिला निबंधन कार्यालय को लेकर प्रशासन और सरकार से शिकायत कर चुके हैं. इसके बाद भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.
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कामकाज ठप होने से परेशानी
लोगों की परेशानी को देखते हुए जिला अधिवक्ता संघ(District Advocates Association) की ओर से अधिवक्ताओं ने इसकी कई बार शिकायत जिला प्रशासन और सरकार से की है, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर ही साबित रहा है. स्थानीय जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ता बताते हैं कि उपायुक्त और सरकार को कई बार लिखित दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. जामताड़ा जिला का निबंधन विभाग हमेशा अपने कामों और कार्यों को लेकर सुर्खियों में रहने वाला एक लंबे समय से पदाधिकारी की कमी महसूस करता है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.