जामताड़ा: जामताड़ा महिला थाना परिसर में फरियादियों का जमावड़ा लगा रहता है. महिला उत्पीड़न की शिकार महिलाएं अपनी समस्या को लेकर न्याय को लेकर महिला थाना पहुंचती हैं और न्याय की आस में लगी रहती हैं. इसमें अधिकतर किसी को पति ने छोड़ दिया है या कोई पति की मारपीट से परेशान है. महिला थाना में प्रतिदिन जमावड़ा लगा रहता है. दर्जनों की संख्या में महिलाएं अपनी शिकायत लेकर महिला थाना पहुंचती हैं और न्याय की गुहार लगाती है.
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अधिकतर महिला अत्याचार से संबंधित रहता है मामला
महिला थाना में अधिकतर महिला अत्याचार से संबंधित मामला आता है, जहां फरियादी शिकायत करती हैं. अधिकतर महिलाओं का पति-पत्नी के बीच अनबन की शिकायत रहती है, झगड़ा-झंझट को लेकर आपस में मेल नहीं खाना. ससुराल में प्रताड़ित किए जाने को लेकर भी महिला थाना में शिकायत करने पहुंचती है.
काउंसलिंग कर घर बसाने का किया जाता है प्रयास
महिला थाना में महिला से पीड़ित मामला सामने आने के बाद महिला थाना पुलिस दोनों पक्षों को नोटिस कर बुलाती है. दोनों पक्षों को नोटिस करने के बाद डेट दिया जाता है और आपस में समझौता कराकर काउंसलिंग करा कर उन्हें घर परिवार बसाने का प्रयास किया जाता है. दोनों पक्षों के सुलह के आधार पर अधिकतर मामले का निपटारा भी किया जाता है और घर परिवार बसा दिया जाता है. इसमें सफल भी महिला पुलिस होती है. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि महिला थाना में जितनी भी महिलाओं से संबंधित समस्या शिकायत आती है उन्हें दोनों पक्षों को नोटिस कर काउंसलिंग कराया जाता है और उनके घर परिवार को बसाने का काम किया जाता है.
अब तक 306 महिला उत्पीड़न से संबंधित मामले
जानकारी के अनुसार, इस वर्ष अब तक कुल 306 महिला अत्याचार से संबंधित मामले और महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायत महिला थाने में आए हैं. इसमें से अधिकतर मामले को काउंसलिंग करके निपटारा किया जा चुका है. महिला थाना प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि महिला थाना में इस वर्ष अब तक कुल 306 शिकायतें सामने आयी, जिसमें से अधिकतर मामले पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़ा की ही होती हैं. इसका निपटारा काउंसलिंग करा कर किया जाता है. गांव समाज में निपटारा हो जाता है, निपटारा नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है.
दिन प्रतिदिन महिला अत्याचार से संबंधित मामले बढ़ते जा रहे हैं. महिला उत्पीड़न की समस्या बढ़ती जा रही है जो समाज के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, हालांकि महिला उत्पीड़न से संबंधित मामले के निपटारे के लिए महिला थाना कारगर साबित हो रहा है, बावजूद इसके महिलाओं को हो रही समस्या को लेकर सरकार को और समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को आगे आकर पहल करने की जरूरत है.