जामताड़ा: जिले का नारायणपुर थाना क्षेत्र में सफेद पत्थर कारोबार के लिए काफी मशहूर है. नारायणपुर थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में जंगली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सफेद पत्थर पाया जाता है. जिसे अवैध खनन कर पत्थर कारोबार करने वाले एक जगह स्टॉक करके रखते है. फिर उसे पश्चिम बंगाल भेज दिया जाता है. इस बारे में जेवीएम के नेता ने कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, जिला उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जिला खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.
बताया जाता है कि जामताड़ा जिले में सफेद पत्थर का एक भी लीज नहीं है लेकिन पत्थर कारोबारी खनन विभाग से इस क्षेत्र में सफेद पत्थर स्टॉक करने का लाइसेंस सांठगांठ कर ले लेते हैं और चालान दूसरे जगह का दिखाया जाता है. जबकि पत्थर अवैध खनन किया हुआ ही स्टॉक रहता है. इसमें सरकार को लाखों करोड़ों का राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. बताया जाता है कि इस धंधे में प्रतिदिन डंपर और ट्रक से बंगाल में भेज कर फिर उसे भूटान भेजा जाता है. जिसमें इस कारोबार करने वाला एक बड़ा गिरोह सक्रिय है.
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झारखंड विकास मोर्चा के नेता राकेश लाल ने कहा कि बड़े पैमाने पर सफेद पत्थर का अवैध कारोबार कर जामताड़ा मिहिजाम रास्ते हुए बंगाल और भूटान भेजा जाता है. इस पर उन्होंने कार्रवाई करने की मांग करते हुए आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है. वहीं, इस बारे में जब जिला के उपायुक्त से संपर्क कर पूछा गया तो उपायुक्त गणेश कुमार ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जिला खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.
राकेश लाल का कहना है कि इस क्षेत्र में सफेद पत्थर के हो रहे कारोबार को लेकर स्थानीय पुलिस और खनन विभाग के पदाधिकारी को जानकारी है, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी वे अनभिज्ञ बने हुए हैं. कहा जाता है कि सही तरीके से यदि इसकी जांच की जाए तो बड़े पैमाने पर सफेद पत्थर स्टॉक के नाम पर हो रहे कारोबार का खुलासा हो जाएगा. बल्कि कई पदाधिकारी और कारोबारी जेल के सलाखों के पीछे नजर आएंगे.