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जामताड़ा में शहरी जलापूर्ति योजना हुई फेल, बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहे लोग - construction of water tank

मिहिजाम वासियों को शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. शहरी जलापूर्ति योजना चालू रहने के बाद भी नियमित रूप से पानी नहीं मिल पाता है. नतीजा बूंद बूंद पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ता है.

बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहे लोग
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Published : Apr 17, 2019, 12:53 PM IST

जामताड़ा: शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार ने करोड़ों की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण करवाया. घर-घर कनेक्शन भी लगवाए गए. इसके जिले के कई इलाकों में चापाकल भी लगाए गए हैं. बावजूद इसके मिहिजाम वासियों को पानी के लिए तरसना पड़ता है.

बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहे लोग

दरअसल, मिहिजाम में पानी के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ती है. इस इलाके के चापाकल अधिकतर खराब पड़े हैं. साथ ही शहरी जलापूर्ति योजना भी नियमित नहीं हो पाती, जिससे कभी पानी आता है तो कभी नहीं आता है. ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. गर्मी के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है. नदी नाले सूख जाते हैं. चापाकल भी पानी देना बंद कर देता है.

ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है. वहीं, समाजसेवी दिनेश सिंह का कहना है कि करोड़ों की लागत से जल मीनार बनाया गया है, कनेक्शन भी दिया गया. लेकिन जितना पानी मिलना चाहिए नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

इधर, नगर परिषद के चेयरमैन कमल गुप्ता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बिजली की समस्या आपूर्ति में बाधक बनने का कारण बताया. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस दिशा में पहल कर समाधान किया जाएगा. जिससे लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी.

जामताड़ा: शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार ने करोड़ों की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण करवाया. घर-घर कनेक्शन भी लगवाए गए. इसके जिले के कई इलाकों में चापाकल भी लगाए गए हैं. बावजूद इसके मिहिजाम वासियों को पानी के लिए तरसना पड़ता है.

बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहे लोग

दरअसल, मिहिजाम में पानी के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ती है. इस इलाके के चापाकल अधिकतर खराब पड़े हैं. साथ ही शहरी जलापूर्ति योजना भी नियमित नहीं हो पाती, जिससे कभी पानी आता है तो कभी नहीं आता है. ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. गर्मी के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है. नदी नाले सूख जाते हैं. चापाकल भी पानी देना बंद कर देता है.

ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है. वहीं, समाजसेवी दिनेश सिंह का कहना है कि करोड़ों की लागत से जल मीनार बनाया गया है, कनेक्शन भी दिया गया. लेकिन जितना पानी मिलना चाहिए नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

इधर, नगर परिषद के चेयरमैन कमल गुप्ता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बिजली की समस्या आपूर्ति में बाधक बनने का कारण बताया. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस दिशा में पहल कर समाधान किया जाएगा. जिससे लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी.

Intro:मिहिजाम वासियों को शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहरी जलापूर्ति योजना चालू रहने के बाद भी नियमित रूप से पानी नहीं मिल पाता है। नतीजा बूंद बूंद पानी के लिए लोगो को तरसना पड़ता है।


Body:जामताड़ा जिला का प्रमुख शहर मिहिजाम पश्चिम बंगाल के सीमा पर स्थित है । जो नगर परिषद के अंतर्गत आता है ।धनी आबादी वाले इस शहर का लोगों को प्यास बुझाने के लिए करोड़ों की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण किया गया है ।घर घर कनेक्शन भी दिया गया है। इसके अलावा चापाकल भी गाड़ेत्रगए हैं बावजूद इसके मिहिजाम वासियों को दो बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है ।पानी के लिए दर-दर की ठोकरे खाने पड़ती है ।चापाकल अधिकतर खराब पड़े हैं ।जो शहरी जलापूर्ति योजना पानी की आपूर्ति की जाती है वह भी नियमित नहीं हो पाती ।कभी पानी आता है तो कभी नहीं आ पाता है । ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है ।गर्मी के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। नदी नाले सुख जाते हैं ।चापाकल भी पानी देना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है ।समाजसेवी दिनेश सिंह बताते हैं कि करोड़ों की लागत से जल मीनार तो मनाया गया है ।कनेक्शन भी लिया गया है ।लेकिन पानी जितना मिलना चाहिए नहीं मिल पाता है ।अनियमित पानी की आपूर्ति होती है ।चापाकल खराब पड़ा रहता है ।ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बाईट दिनेश सिंह स्थानीय समाजसेवी

V2 यूं तो मिहिजामजाम में पानी की समस्या 12 मास बनी रहती है लेकिन गर्मी के मौसम में समस्या ज्यादा बढ़ जाती है स्थिति भयावह हो जाती है लोगों को पानी के लिए त्राहिमाम होना पड़ता
है ।मिहिजाम वासियों को पानी की समस्या से निदान दिलाने और हर सुख सुविधा उपलब्ध कराना मिहिजाम नगर परिषद का जिम्मा और दायित्व बनता है ।इस बाबत जब नहीं जान नगर परिषद के चेयरमैन कमल गुप्ता से संपर्क कर पूछा गया तो तो उन्होंने बिजली की समस्या आपूर्ति में बाधक बनने का कारण बताया उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस दिशा में पहल कर समाधान किया जाएगा जिससे लोगों की पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी।
बाईट कमल गुप्ता चेयरमैन निजाम नगर परिषद।


Conclusion: पानी की समस्या से निजात दिलाने को लेकर कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान राजस्थानी लोगों ने आकृष्ट कराया और नियमित पानी की आपूर्ति करने की मांग भी रखी। और नतीजा अभी तक सिफर ही साबित रहा है। अब देखना है कि मिहिजाम वासियों को पानी की समस्या से आखिर कब तक निजात मिल पाती है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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