ETV Bharat / state

हाल बदहालः जामताड़ा का अनुमंडलीय पुस्तकालय भवन वर्षों से है बंद, दोबारा शुरू कराने की मांग

जामताड़ा का वर्षों पुराना अनुमंडलीय पुस्तकालय-वाचनालय भवन बदहाल अवस्था में है. भवन जर्जर चुका है, वर्षों से वाचनालय पुस्तकालय भवन में ताला लगा हुआ है. लेकिन इसको लेकर ना स्थानीय प्रशासन गंभीर है और ना ही जनप्रतिनिधि.

sub-divisional-library-building-closed-for-years-in-jamtara
अनुमंडलीय पुस्तकालय
author img

By

Published : Dec 3, 2020, 10:47 AM IST

जामताड़ाः जिला का वर्षों पुराना अनुमंडलीय वाचनालय पुस्तकालय भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है. पुस्तकालय एवं वाचनालय भवन का हाल बहुत जर्जर है. यह वर्षो से बंद पड़ा हुआ है, ना पुस्तकालय ना वाचनालय है, भवन बिल्कुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है.

देखें पूरी खबर
नहीं मिल रहा लोगों को लाभवर्षो पुराना अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन बंद हो जाने से इसका लाभ जामताड़ा के बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है. पहले अनुमंडलीय पुस्तकालय वाचनालय भवन में शहर के बुद्धिजीवी, बड़े-बूढ़े, बुजुर्ग पेपर पढ़ने आते थे. सुदूर ग्रामीण से पढ़ने आने वाले बच्चे यहां आकर अध्ययन करते थे. बुद्धिजीवी आकर भी यहां पर ज्ञान बांटते थे, अब ना बुद्धिजीवी आते हैं, ना कोई पेपर पढ़ने आता है, ना कोई बूढ़ा-बुजुर्ग ही नजर आते हैं. पेपर पढ़ने के जगह और बूढ़े बुजुर्ग के जगह यहां सिर्फ गंदगी और कूड़े कचरे का ढेर लगा हुआ है. पुस्तकालय वाचनालय भवन एक तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है. स्थानीय बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि जामताड़ा का यह वर्षों पुराना अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन था, यहां पर छात्र-छात्राएं आकर पढ़ते थे. बूढ़े बुजुर्ग और बुद्धिजीवी लोग आकर यहां पर पर भी पढ़ते थे और ज्ञान भी बांटते थे, अब लाइब्रेरी के बंद होने से इसका लाभ लोगों और बच्चों को नहीं मिल पा रहा है.1987 में हुआ था पुस्तकालय वाचनालय भवन का उद्घाटनजामताड़ा के लोगों के विकास के लिए यहां के छात्र छात्राओं को पढ़ने लिखने के जगह के लिए संयुक्त बिहार में तत्कालीन दुमका जिला के उपायुक्त यूके संगमा ने 1987 में अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन का उद्घाटन किया था.जब तक अनुमंडल था अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन काफी सुचारू रूप से संचालित होता था. काफी चहलपहल के साथ यहां पर छात्र, बूढ़े-बुजुर्ग बुद्धिजीवियों यह वाचनालय पुस्तकालय भवन गुलजार रहता था.

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: करीब 8 माह बाद रेलवे पैसेंजर ट्रेन का परिचालन हुआ शुरू, लोगों को मिली राहत


जिला बनने के बाद पुस्तकालय वाचनालय भवन पर लगा ग्रहण
उद्घाटन के बाद जब तक जामताड़ा अनुमंडल था इस पुस्तकालय वाचनालय भवन सुचारू रूप से संचालित होता था. लेकिन जिला बनने के बाद अनुमंडलीय पुस्तकालय वाचनालय भवन पर ग्रहण लग गया है. जिला बनने के बाद इस पुस्तकालय भवन में ताला लग गया, उसके बाद से आज तक इसे ना तो दोबारा खोलने का प्रयास किया गया और ना ही प्रशासन के कोई अधिकारी ही इसे फिर से सुचारू से संचालन करने को लेकर कभी दिलचस्पी दिखाई. नतीजा जामताड़ा का वर्षों पुराना पुस्तकालय वाचनालय भवन जो यहां के बुद्धिजीवियों छात्र छात्राओं के लिए काफी लाभदायक साबित होता था, वह वह भी खत्म होते चला गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला बनने के बाद स्कूल कॉलेज छात्र-छात्राओं और लोगों की संख्या बढ़ी है इससे लोगों में काफी मायूसी है. स्थानीय लोग बंद पड़े इससे अनुमंडलीय पुस्तकालय वाचनालय भवन को फिर से चालू करने की मांग की है.

जामताड़ाः जिला का वर्षों पुराना अनुमंडलीय वाचनालय पुस्तकालय भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है. पुस्तकालय एवं वाचनालय भवन का हाल बहुत जर्जर है. यह वर्षो से बंद पड़ा हुआ है, ना पुस्तकालय ना वाचनालय है, भवन बिल्कुल जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है.

देखें पूरी खबर
नहीं मिल रहा लोगों को लाभवर्षो पुराना अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन बंद हो जाने से इसका लाभ जामताड़ा के बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है. पहले अनुमंडलीय पुस्तकालय वाचनालय भवन में शहर के बुद्धिजीवी, बड़े-बूढ़े, बुजुर्ग पेपर पढ़ने आते थे. सुदूर ग्रामीण से पढ़ने आने वाले बच्चे यहां आकर अध्ययन करते थे. बुद्धिजीवी आकर भी यहां पर ज्ञान बांटते थे, अब ना बुद्धिजीवी आते हैं, ना कोई पेपर पढ़ने आता है, ना कोई बूढ़ा-बुजुर्ग ही नजर आते हैं. पेपर पढ़ने के जगह और बूढ़े बुजुर्ग के जगह यहां सिर्फ गंदगी और कूड़े कचरे का ढेर लगा हुआ है. पुस्तकालय वाचनालय भवन एक तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है. स्थानीय बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि जामताड़ा का यह वर्षों पुराना अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन था, यहां पर छात्र-छात्राएं आकर पढ़ते थे. बूढ़े बुजुर्ग और बुद्धिजीवी लोग आकर यहां पर पर भी पढ़ते थे और ज्ञान भी बांटते थे, अब लाइब्रेरी के बंद होने से इसका लाभ लोगों और बच्चों को नहीं मिल पा रहा है.1987 में हुआ था पुस्तकालय वाचनालय भवन का उद्घाटनजामताड़ा के लोगों के विकास के लिए यहां के छात्र छात्राओं को पढ़ने लिखने के जगह के लिए संयुक्त बिहार में तत्कालीन दुमका जिला के उपायुक्त यूके संगमा ने 1987 में अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन का उद्घाटन किया था.जब तक अनुमंडल था अनुमंडल पुस्तकालय वाचनालय भवन काफी सुचारू रूप से संचालित होता था. काफी चहलपहल के साथ यहां पर छात्र, बूढ़े-बुजुर्ग बुद्धिजीवियों यह वाचनालय पुस्तकालय भवन गुलजार रहता था.

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: करीब 8 माह बाद रेलवे पैसेंजर ट्रेन का परिचालन हुआ शुरू, लोगों को मिली राहत


जिला बनने के बाद पुस्तकालय वाचनालय भवन पर लगा ग्रहण
उद्घाटन के बाद जब तक जामताड़ा अनुमंडल था इस पुस्तकालय वाचनालय भवन सुचारू रूप से संचालित होता था. लेकिन जिला बनने के बाद अनुमंडलीय पुस्तकालय वाचनालय भवन पर ग्रहण लग गया है. जिला बनने के बाद इस पुस्तकालय भवन में ताला लग गया, उसके बाद से आज तक इसे ना तो दोबारा खोलने का प्रयास किया गया और ना ही प्रशासन के कोई अधिकारी ही इसे फिर से सुचारू से संचालन करने को लेकर कभी दिलचस्पी दिखाई. नतीजा जामताड़ा का वर्षों पुराना पुस्तकालय वाचनालय भवन जो यहां के बुद्धिजीवियों छात्र छात्राओं के लिए काफी लाभदायक साबित होता था, वह वह भी खत्म होते चला गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला बनने के बाद स्कूल कॉलेज छात्र-छात्राओं और लोगों की संख्या बढ़ी है इससे लोगों में काफी मायूसी है. स्थानीय लोग बंद पड़े इससे अनुमंडलीय पुस्तकालय वाचनालय भवन को फिर से चालू करने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.