जामताड़ा: कोरोना काल में शहर को साफ रखने की जिनके ऊपर जिम्मेदारी थी. अब वो सड़क पर उतरकर, सड़क पर कूड़ा फेंककर विरोध कर रहे हैं. जिले में सफाई कर्मचारी कम वेतन मिलने से नाराज है. नाराज कर्मचारियों ने सैलरी में कटौती से परेशान होकर शहर के सारे चौक चौराहों पर कचरे को सड़क पर फेंककर गंदगी का अंबार लगा दिया और विरोध किया.
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क्या कहते हैं सफाईकर्मी
सफाईकर्मियों का कहना था कि कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर अपनी सेवा दे रहे हैं और दो माह का वेतन उन्हें नहीं दिया जा रहा है. ऊपर से सफाईकर्मी को काम से हटाया जा रहा है. सफाईकर्मियों का कहना था कि कर्मचारियों को बकाया वेतन के साथ काम पर रखा जाए.
जामताड़ा शहर नगर पंचायत के अंतर्गत आता है. शहर की साफ-सफाई का जिम्मा नगर पंचायत के अधीन है जिसे लेकर सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष सफाईकर्मी काम करते हैं.
सफाईकर्मियों ने सुविधा न मिलने का लगाया आरोप
सफाईकर्मियों का कहना था कोरोना महामारी में जान जोखिम में डालकर सेवा दे रहे हैं. कोरोना महामारी में नर्स डॉक्टर को सरकार ज्यादा पैसा देने का काम कर रही है और हम दिन-रात सेवा दे रहे हैं तो ना अधिक पैसा दिया जा रहा है और ना पीएफ काटा जा रहा है. उल्टे कटौती की जा रही है. ऐसे में हमारे बाल बच्चे क्या खाएंगे.
बहराल सफाईकर्मियों के गुस्से से शहर में गंदगी का अंबार लग गया है. शहर की स्थिति नारकीय हो गई है. फिलहाल गुस्साए सफाईकर्मियों को मनाने का काम नगर पंचायत कर रहा है.