जामताड़ा: कोरोना की दूसरी लहर में रिक्शा और ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति और खराब होती दिख रही है. आलम ये है कि रिक्शा और ऑटो चालकों को घंटों सवारी के लिए इंतजार करना पड़ता है. ज्यादातर को तो सवारी भी नहीं मिलती है. इसके अलावा लोगों ने बाजार में निकलना बंद कर दिया है.
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क्या कहते हैं रिक्शा चालक
रिक्शा चालकों का कहना है कि कोरोना काल में उनकी रोजी रोजगार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. सवारी नहीं मिल रही है. अब लोगों के ज्यादा नहीं निकलने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.
छोटे दुकानदारों को भी हो रही है परेशानी
छोटे-मोटे कारोबारियों के सामने भी ये समस्या आकर खड़ी हो गई है. दुकानों पर ज्यादा ग्राहक नहीं आने से कारोबार पर प्रभाव पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि पहले लॉकडाउन में स्थिति खराब हो गई थी. मुश्किल से सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य होने लगा था, लेकिन दोबारा ऐसी स्थिति में फिर से आर्थिक परेशानी से उन्हें जूझना पड़ रहा है.
8 बजे शाम तक जल्दीबाजी में दुकानें बंद करनी पड़ती है, तो वहीं खरीदारी भी कम हो रही है. बाहरहाल कोरोना कहर के प्रभाव को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने और प्रभाव पर नियंत्रण करने को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है. मास्क चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है.