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जामताड़ा: कोरोना काल में रिक्शा और ऑटो चालकों की रोजी-रोटी पर आफत - कोरोना की दूसरी लहर झारखंड

कोरोना की दूसरी लहर पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक है. इस बीच जामताड़ा में रिक्शा और ऑटो चालकों की रोजी-रोटी पर बात बन आई है. छोटे-मोटे कारोबारियों के सामने भी आर्थिक संकट पैदा हो गया है.

rickshaw and auto drivers survival issue due to corona pandemic in jamtara
जामताड़ा: कोरोना काल में रिक्शा और ऑटो चालकों की रोजी-रोटी पर आफत
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Published : Apr 18, 2021, 8:24 PM IST

जामताड़ा: कोरोना की दूसरी लहर में रिक्शा और ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति और खराब होती दिख रही है. आलम ये है कि रिक्शा और ऑटो चालकों को घंटों सवारी के लिए इंतजार करना पड़ता है. ज्यादातर को तो सवारी भी नहीं मिलती है. इसके अलावा लोगों ने बाजार में निकलना बंद कर दिया है.

इसे भी पढ़ें- बैठक के बाद झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, शादी समारोह में शामिल होंगे सिर्फ 50 लोग, इन पर भी लगी पाबंदी

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं रिक्शा चालक

रिक्शा चालकों का कहना है कि कोरोना काल में उनकी रोजी रोजगार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. सवारी नहीं मिल रही है. अब लोगों के ज्यादा नहीं निकलने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

rickshaw and auto drivers survival issue due to corona pandemic in jamtara
सामान की बिक्री नहीं होने पर दुकानदार परेशान

छोटे दुकानदारों को भी हो रही है परेशानी

छोटे-मोटे कारोबारियों के सामने भी ये समस्या आकर खड़ी हो गई है. दुकानों पर ज्यादा ग्राहक नहीं आने से कारोबार पर प्रभाव पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि पहले लॉकडाउन में स्थिति खराब हो गई थी. मुश्किल से सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य होने लगा था, लेकिन दोबारा ऐसी स्थिति में फिर से आर्थिक परेशानी से उन्हें जूझना पड़ रहा है.

rickshaw and auto drivers survival issue due to corona pandemic in jamtara
शहर के छोटे दुकान खुल रहे हैं लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे

8 बजे शाम तक जल्दीबाजी में दुकानें बंद करनी पड़ती है, तो वहीं खरीदारी भी कम हो रही है. बाहरहाल कोरोना कहर के प्रभाव को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने और प्रभाव पर नियंत्रण करने को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है. मास्क चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है.

जामताड़ा: कोरोना की दूसरी लहर में रिक्शा और ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति और खराब होती दिख रही है. आलम ये है कि रिक्शा और ऑटो चालकों को घंटों सवारी के लिए इंतजार करना पड़ता है. ज्यादातर को तो सवारी भी नहीं मिलती है. इसके अलावा लोगों ने बाजार में निकलना बंद कर दिया है.

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क्या कहते हैं रिक्शा चालक

रिक्शा चालकों का कहना है कि कोरोना काल में उनकी रोजी रोजगार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. सवारी नहीं मिल रही है. अब लोगों के ज्यादा नहीं निकलने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

rickshaw and auto drivers survival issue due to corona pandemic in jamtara
सामान की बिक्री नहीं होने पर दुकानदार परेशान

छोटे दुकानदारों को भी हो रही है परेशानी

छोटे-मोटे कारोबारियों के सामने भी ये समस्या आकर खड़ी हो गई है. दुकानों पर ज्यादा ग्राहक नहीं आने से कारोबार पर प्रभाव पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि पहले लॉकडाउन में स्थिति खराब हो गई थी. मुश्किल से सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य होने लगा था, लेकिन दोबारा ऐसी स्थिति में फिर से आर्थिक परेशानी से उन्हें जूझना पड़ रहा है.

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शहर के छोटे दुकान खुल रहे हैं लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे

8 बजे शाम तक जल्दीबाजी में दुकानें बंद करनी पड़ती है, तो वहीं खरीदारी भी कम हो रही है. बाहरहाल कोरोना कहर के प्रभाव को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने और प्रभाव पर नियंत्रण करने को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है. मास्क चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है.

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