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Jamtara News: विधानसभा अध्यक्ष हूल दिवस में हुए शामिल, कहा- पूर्वजों के इतिहास को हमेशा याद रखना चाहिए - सिदो कान्हू झारखंड हूल दिवस

हूल दिवस के मौके पर झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबींद्र नाथ महतो जामताड़ा पहुंचे. इस दौरान सिदो-कान्हू के इतिहास को याद किया.

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झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने हूल दिवस सिदो-कान्हू को याद किया
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Published : Jul 1, 2023, 1:26 PM IST

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जामताड़ा: झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने हूल दिवस के मौके पर जामताड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहां उन्होंने शोषण अत्याचार के खिलाफ हूल के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंकने वाले हूल को आदिवासियों का पहला आंदोलन बताया.

ये भी पढ़ें: Pakur News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओं से की मुलाकात, किसानों के लिए की अच्छी बारिश की कामना

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सिदो-कान्हू के बलिदान और त्याग को याद किया. कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान जब देश में अल्पसंख्यक दलित और शोषण अत्याचार चरम पर था, उसके खिलाफ आजादी का पहला बिगुल सिदो-कान्हू ने फूंका था.

रबींद्र नाथ महतो ने बताया कि सिदो-कान्हू का हूल अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की पहली लड़ाई थी. सिदो-कान्हू ने अपनी संस्कृति को बचाने एवं शोषण अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि शोषण अत्याचार के खिलाफ उपजा आंदोलन ही हूल है. जिसे आज के दिन शहर से लेकर गांव तक लोग याद करते हैं.

ऐसे महापुरुषों के इतिहास को हमेशा याद रखने का संदेश दिया. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने ऐसे महापुरुषों के बलिदान त्याग और इतिहास को आने वाले युवा पीढ़ी को स्मरण करने पर बल दिया और कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे महापुरुषों के इतिहास को नहीं भूलना चाहिए. हूल की जरूरतों से सभी को परिचित कराया.

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने बताया कि आज भी हमारे समाज में जुल्म अत्याचार और तरह-तरह के शोषण व्याप्त है. जिसके खिलाफ एक और हूल करने की आवश्यकता है. तभी सभ्य समाज की परिकल्पना की जा सकती है.

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जामताड़ा: झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने हूल दिवस के मौके पर जामताड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहां उन्होंने शोषण अत्याचार के खिलाफ हूल के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंकने वाले हूल को आदिवासियों का पहला आंदोलन बताया.

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इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सिदो-कान्हू के बलिदान और त्याग को याद किया. कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान जब देश में अल्पसंख्यक दलित और शोषण अत्याचार चरम पर था, उसके खिलाफ आजादी का पहला बिगुल सिदो-कान्हू ने फूंका था.

रबींद्र नाथ महतो ने बताया कि सिदो-कान्हू का हूल अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की पहली लड़ाई थी. सिदो-कान्हू ने अपनी संस्कृति को बचाने एवं शोषण अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि शोषण अत्याचार के खिलाफ उपजा आंदोलन ही हूल है. जिसे आज के दिन शहर से लेकर गांव तक लोग याद करते हैं.

ऐसे महापुरुषों के इतिहास को हमेशा याद रखने का संदेश दिया. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने ऐसे महापुरुषों के बलिदान त्याग और इतिहास को आने वाले युवा पीढ़ी को स्मरण करने पर बल दिया और कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे महापुरुषों के इतिहास को नहीं भूलना चाहिए. हूल की जरूरतों से सभी को परिचित कराया.

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने बताया कि आज भी हमारे समाज में जुल्म अत्याचार और तरह-तरह के शोषण व्याप्त है. जिसके खिलाफ एक और हूल करने की आवश्यकता है. तभी सभ्य समाज की परिकल्पना की जा सकती है.

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