जामताड़ा: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes and Tribes) की टीम जामताड़ा पहुंची. जहां उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे पांच पीड़ित दलित परिवार से मुलाकात की. परिवार ने अपनी जमीन को कब्जाने वाले दबंगों की शिकायत की. इसको लेकर आयोग ने परिवार को न्याय का भरोसा दिया और कहा कि इसको लेकर कार्रवाई भी की जाएगी.
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पिछले 22 दिन से अनिश्चितकालीन धरना पर चिरूडीह गांव के 5 दलित परिवार (Dalit family protesting in Jamtara) बैठे हैं. उनका हाल-चाल लेने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की टीम जामताड़ा पहुंची. आयोग के उपाध्यक्ष समेत तमाम अधिकारियों ने उनकी समस्याओं को सुना. आयोग ने पीड़ित परिवार को हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिया और आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया. आयोग ने 22 दिन तक स्थानीय प्रशासन और प्रशासन के कोई अधिकारी द्वारा सुध नहीं लिए जाने पर खेद जताया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने मामला पर संज्ञान लिया होता तो आज उन्हें दिल्ली से जामताड़ा नहीं पहुंचना पड़ता. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर कोई दलित के साथ न्याय करने में बाधा पहुंचाएगा तो आयोग उससे सख्ती से निपटेगी.
जामता किरोडी गांव के पांच दलित परिवार अपने सभी परिवार बच्चों के साथ पिछले 22 दिन से अनुमंडल कार्यालय के समक्ष खुले आसमान के नीचे सड़क किनारे अपने 7 एकड़ 19 डिसमिल जमीन दबंगों से वापस लेने और दोषी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना देकर न्याय की गुहार लगाई. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई उनकी सुध नहीं ली गयी. जिसके बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया और आयोग की टीम जामताड़ा पहुंची.
बहरहाल जो भी हो राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति जाति आयोग के केस जामताड़ा पहुंचने के बाद अब देखना होगा कि दलित पीड़ित परिवार के साथ इंसाफ हो पाता है या नहीं. वहीं दूसरी ओर इस मामले के विपक्षी परिवार अल्पसंख्यक परिवार के लोगों द्वारा अपने साथ इंसाफ को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं. जिससे की राजनीति और मामला काफी गहराने लगी है.