जामताड़ा: हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य रेलमार्ग में पड़ने वाला एक प्रमुख स्टेशन जामताड़ा रेलवे स्टेशन है. इसके बावजूद यहां यात्री सुविधा का घोर अभाव है. नतीजा यह कि यात्रियों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. जामताड़ा रेलवे स्टेशन आसनसोल रेल मंडल के अंतर्गत आता है. यात्री सुविधा के आभाव के साथ-साथ जामताड़ा रेलवे स्टेशन का अब तक उतना सुंदरीकरण भी नहीं हो पाया है, जितना होना चाहिए था.
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प्रमुख ट्रेनों का नहीं है ठहराव: जामताड़ा रेलवे स्टेशन में प्रमुख ट्रेनों का ठहराव नहीं है. प्रमुख ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से दूर तक सफर करने वाले यात्रियों को दूसरी जगह जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शुद्ध पेयजल, शौचालय, यात्री शेड की नहीं है व्यवस्था: रेलवे स्टेशन का हाल यह है कि यहां पर यात्रियों को शुद्ध पेयजल के लिए तरसना पड़ता है. पीने के पानी के लिए काफी पुराना महज दो चापाकल हैं. यात्री शेड की व्यवस्था नहीं है. गर्मी और बरसात के मौसम में यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा शौचालय की भी व्यवस्था ठीक नहीं है. कहने के लिए तो सुलभ शौचालय बनाया गया है, लेकिन वह नाम मात्र का है. क्योंकि वहां गंदगी इतनी है कि वह इस्तेमाल करने के लायक नहीं हैं.
महिला प्रतीक्षालय और फुट ओवर ब्रिज की मांग: जामताड़ा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रमुख रेलवे स्टेशन होने के कारण यहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है. इसके बावजूद यहां सुविधाओं की घोर कमी है. इसके अलावा स्थानीय ने भी बताया कि किस तरह से यहां के लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ता. उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन में महिला प्रतीक्षालय नहीं है. जिसके कारण अकेले सफर करने वाली महिलाओं को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है. उन्होंने बताया कि रेलवे के एक तरफ बसने वाले लोगों के लिए फुट ओवर ब्रिज नहीं है, जिसकी मांग रेलवे प्रशासन से कई बार की गई है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई.