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जामताड़ाः सदर अस्पताल में ऑपरेशन के लिए घंटों भटकती रही प्रसूति महिला, DC ने दिए कार्रवाई के निर्देश

जामताड़ा का सदर अस्पताल लगातार सुर्खियों में है. यहां प्रसूति महिला को रेफर किया जाता है या ऑपरेशन करने में आनाकानी की जाती है. अस्पताल में प्रसूति के लिए एक गर्भवती महिला को डॉक्टरों के सामने घंटों मिन्नतें करती रही. उसे निजी अस्पताल में ऑपरेशन करने को कहा गया. बाद में डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया.

ऑपरेशन के लिए घंटो भटकती रही प्रसूति महिला
ऑपरेशन के लिए घंटो भटकती रही प्रसूति महिला
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Published : May 9, 2020, 11:45 AM IST

Updated : May 9, 2020, 4:02 PM IST

जामताड़ाः सदर अस्पताल में प्रसूति कराने आई है एक गरीब महिला से पैसे मांगने का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार पहले कहा गया कि उसका ऑपरेशन नहीं होगा, बाहर ले जाओ बाहर निजी अस्पताल में उससे ₹30,000 की मांग की गई, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि घर वाले खर्चा उठा पाते हैं. फिर किसी तरह वापस सदर अस्पताल में ही परिजन महिला को लेकर आए और किसी तरह ऑपरेशन करने को कहा.

ऑपरेशन के लिए घंटों भटकती रही प्रसूति महिला.

सदर अस्पताल जामताड़ा में प्रसूति महिला के ऑपरेशन करने में आनाकानी की जाती है. मामला सदर अस्पताल जामताड़ा का है जहां प्रसूति महिलाओं को ऑपरेशन करने के नाम पर काफी परेशान और रेफर किया जाता है.

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां सदर अस्पताल में प्रसूति कराने पहुंची एक गरीब महिला को पहले तो यह कहा गया कि यहां ऑपरेशन संभव नहीं है और उसे एक निजी अस्पताल में ले जाया जाता है. जहां उसे ₹ 30,000 खर्चा बताया जाता है, जो इतना पैसा खर्च उठाने में यह गरीब परिवार असमर्थ था.

किसी तरह फिर सदर अस्पताल उस प्रसूति महिला को परिजन सदर अस्पताल ले आते हैं और सदर अस्पताल में ही वहां के चिकित्सक स्टाफ से ऑपरेशन करने की गुहार लगाते हैं. तत्पश्चात सदर अस्पताल में ही उसी प्रसूति महिला का सफल ऑपरेशन होता है. यह कहानी है पार्वती महतो नाम की एक प्रस्तुति महिला की.

बताया जाता है कि प्रसूति पार्वती महिला को पिता ने सदर अस्पताल इलाज के लिए पहले लाया, जहां उसे बोला गया कि यहां ऑपरेशन सीजर नहीं होगा. बाहर ले जाना पड़ेगा. वह अपनी बेटी को बाहर ले गया, लेकिन निजी अस्पताल में उसे ₹30000 खर्चा बताया गया. जिसे वह जुटाने में असमर्थ था.

पार्वती के पिता का कहना था कि वह फिर अपनी बेटी को सदर अस्पताल में ही ले आए और किसी तरह आपरेशन करने को कहा, जहां उसकी बेटी का सफल ऑपरेशन हुआ.

उपाधीक्षक ने लौटाने की बात से किया इंकार

इस मामले को लेकर जब जामताड़ा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चंद्रशेखर आजाद से पूछा गया, तो उपाधीक्षक ने बताया कि प्रसूति महिला का पहले किसी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहां भर्ती थी. पैसा न रहने के कारण सदर अस्पताल में आई और सदर अस्पताल में उसका ऑपरेशन और इलाज किया गया.

इस मामले में बताया जाता है कि प्रसूति महिला के ऑपरेशन के लिए सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने सहयोग करने से इंकार कर दिए था . चिकित्सक को ऑपरेशन के लिए एनएसथीसिया देना था, जो कि देने से इंकार कर दिया, जिससे मामला बिगड़ गया और इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन जिले के उपायुक्त को दी गई.

चिकित्सक पर कार्रवाई का आदेश

प्रसूति महिला के ऑपरेशन में सहयोग नहीं करने और सहयोग करने से इंकार कर देने को मामले को लेकर उपायुक्त ने मामले को गंभीरता से लिया है.

जामताड़ा जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सक को लेकर ऑपरेशन में सहयोग देने से इंकार किए जाने और वरीय अधिकारी के बात न मानने को लेकर उन्हें सूचना दी गई थी.

जिस पर उन्होंने चिकित्सक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है और वेतन रोकने का आदेश दिया है. उपायुक्त ने बताया कि चिकित्सक के खिलाफ प्रपत्र गठित हो गया है और विभाग को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है.

उपायुक्त ने कहा कि अस्पताल में प्रसूति महिला का ऑपरेशन करने में आनाकानी करने नहीं दिया जाएगा, जो भी प्रसूति महिला के ऑपरेशन करने पर लापरवाही बरतेंगे उसके खिलाफ ठोस प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी .

सदर अस्पताल जामताड़ा में प्रसूति महिलाओं को इलाज के लिए सारी व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है. बावजूद इसके प्रसूति महिला को रेफर किया जाता है या ऑपरेशन करने में आनाकानी की जाती है. जोकि सदर अस्पताल की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है .

जामताड़ाः सदर अस्पताल में प्रसूति कराने आई है एक गरीब महिला से पैसे मांगने का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार पहले कहा गया कि उसका ऑपरेशन नहीं होगा, बाहर ले जाओ बाहर निजी अस्पताल में उससे ₹30,000 की मांग की गई, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि घर वाले खर्चा उठा पाते हैं. फिर किसी तरह वापस सदर अस्पताल में ही परिजन महिला को लेकर आए और किसी तरह ऑपरेशन करने को कहा.

ऑपरेशन के लिए घंटों भटकती रही प्रसूति महिला.

सदर अस्पताल जामताड़ा में प्रसूति महिला के ऑपरेशन करने में आनाकानी की जाती है. मामला सदर अस्पताल जामताड़ा का है जहां प्रसूति महिलाओं को ऑपरेशन करने के नाम पर काफी परेशान और रेफर किया जाता है.

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां सदर अस्पताल में प्रसूति कराने पहुंची एक गरीब महिला को पहले तो यह कहा गया कि यहां ऑपरेशन संभव नहीं है और उसे एक निजी अस्पताल में ले जाया जाता है. जहां उसे ₹ 30,000 खर्चा बताया जाता है, जो इतना पैसा खर्च उठाने में यह गरीब परिवार असमर्थ था.

किसी तरह फिर सदर अस्पताल उस प्रसूति महिला को परिजन सदर अस्पताल ले आते हैं और सदर अस्पताल में ही वहां के चिकित्सक स्टाफ से ऑपरेशन करने की गुहार लगाते हैं. तत्पश्चात सदर अस्पताल में ही उसी प्रसूति महिला का सफल ऑपरेशन होता है. यह कहानी है पार्वती महतो नाम की एक प्रस्तुति महिला की.

बताया जाता है कि प्रसूति पार्वती महिला को पिता ने सदर अस्पताल इलाज के लिए पहले लाया, जहां उसे बोला गया कि यहां ऑपरेशन सीजर नहीं होगा. बाहर ले जाना पड़ेगा. वह अपनी बेटी को बाहर ले गया, लेकिन निजी अस्पताल में उसे ₹30000 खर्चा बताया गया. जिसे वह जुटाने में असमर्थ था.

पार्वती के पिता का कहना था कि वह फिर अपनी बेटी को सदर अस्पताल में ही ले आए और किसी तरह आपरेशन करने को कहा, जहां उसकी बेटी का सफल ऑपरेशन हुआ.

उपाधीक्षक ने लौटाने की बात से किया इंकार

इस मामले को लेकर जब जामताड़ा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चंद्रशेखर आजाद से पूछा गया, तो उपाधीक्षक ने बताया कि प्रसूति महिला का पहले किसी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहां भर्ती थी. पैसा न रहने के कारण सदर अस्पताल में आई और सदर अस्पताल में उसका ऑपरेशन और इलाज किया गया.

इस मामले में बताया जाता है कि प्रसूति महिला के ऑपरेशन के लिए सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने सहयोग करने से इंकार कर दिए था . चिकित्सक को ऑपरेशन के लिए एनएसथीसिया देना था, जो कि देने से इंकार कर दिया, जिससे मामला बिगड़ गया और इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन जिले के उपायुक्त को दी गई.

चिकित्सक पर कार्रवाई का आदेश

प्रसूति महिला के ऑपरेशन में सहयोग नहीं करने और सहयोग करने से इंकार कर देने को मामले को लेकर उपायुक्त ने मामले को गंभीरता से लिया है.

जामताड़ा जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सक को लेकर ऑपरेशन में सहयोग देने से इंकार किए जाने और वरीय अधिकारी के बात न मानने को लेकर उन्हें सूचना दी गई थी.

जिस पर उन्होंने चिकित्सक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है और वेतन रोकने का आदेश दिया है. उपायुक्त ने बताया कि चिकित्सक के खिलाफ प्रपत्र गठित हो गया है और विभाग को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है.

उपायुक्त ने कहा कि अस्पताल में प्रसूति महिला का ऑपरेशन करने में आनाकानी करने नहीं दिया जाएगा, जो भी प्रसूति महिला के ऑपरेशन करने पर लापरवाही बरतेंगे उसके खिलाफ ठोस प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी .

सदर अस्पताल जामताड़ा में प्रसूति महिलाओं को इलाज के लिए सारी व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है. बावजूद इसके प्रसूति महिला को रेफर किया जाता है या ऑपरेशन करने में आनाकानी की जाती है. जोकि सदर अस्पताल की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है .

Last Updated : May 9, 2020, 4:02 PM IST
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