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प्रभारी के भरोसे चल रहा जामताड़ा जिला परिवहन कार्यालय, आमलोगों का समय से नहीं होता काम

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Published : May 30, 2021, 8:59 PM IST

जामताड़ा जिला परिवहन कार्यालय में स्टाफ की कमी है. हाल यह है कि यहां स्थायी डीटीओ तक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है. प्रभारियों के भरोसे यहां काम कराया जा रहा है. कामकाज के लिए लोगों को क्लर्क के घर जाना पड़ता है.

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प्रभारी के भरोसे चल रहा जामताड़ा जिला परिवहन कार्यालय

जामताड़ाः जिला परिवहन कार्यालय में न ही स्थायी रूप से डीटीओ पदस्थापित हैं और न ही एमवीआई. परिवहन कार्यालय प्रभारी पदाधिकारियों के भरोसे चल रहा है. धनबाद डीटीओ को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है और एमवीआई के पास कई जिलों का प्रभार है. इसके चलते लोगों का काम समय से नहीं होता है, जिससे रोजाना लोग परेशान हो रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःजामताड़ा में पुलिस को लुटेरों की खुली चुनौती, दिनदहाड़े बाइक सवार से 25 हजार की लूट


हेड क्लर्क संभाल रहा है कार्यालय

जिला परिवहन कार्यालय का हाल यह है कि है हेड क्लर्क कार्यालय संभाल रहा है. ड्राइवरी लाइसेंस बनवाना हो या फिर वाहन का परमिट लेना है, तो हेड क्लर्क से संपर्क करना पड़ता है. स्थिति यह है लंबित फाइलों को लेकर हेड क्लर्क पदाधिकारी के घर जाता है और निष्पादन कर लौटता है.


क्या कहते हैं स्थानीय लोग

सतेंद्र राउत कहते हैं कि डीटीओ में काम कराने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि वेंडर या दलाल के माध्यम काम कराने पर फटाफट काम हो जाता है. काम के एवज में पैसा नहीं देते हैं, तो काम नहीं होता है. उन्होंने बताया कि शोरूम मालिक और पदाधिकारी के बीच मिलीभगत है. इससे रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और वाहन ट्रांसफर के लिए अलग-अलग दर तय है. वहीं, कार्यालय के हेड क्लर्क ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पदाधिकारी नहीं आ रहे हैं. कभी जरूरत होती है, तो उनके घर जाकर काम करा लेते हैं.

भ्रष्टाचार का बना है अड्डा

भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष संतन मिश्रा ने बताया कि जिला परिवहन कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि कार्यालय की समस्या से आयुक्त और सरकार से शिकायत की जाएगी.

जामताड़ाः जिला परिवहन कार्यालय में न ही स्थायी रूप से डीटीओ पदस्थापित हैं और न ही एमवीआई. परिवहन कार्यालय प्रभारी पदाधिकारियों के भरोसे चल रहा है. धनबाद डीटीओ को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है और एमवीआई के पास कई जिलों का प्रभार है. इसके चलते लोगों का काम समय से नहीं होता है, जिससे रोजाना लोग परेशान हो रहे हैं.

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हेड क्लर्क संभाल रहा है कार्यालय

जिला परिवहन कार्यालय का हाल यह है कि है हेड क्लर्क कार्यालय संभाल रहा है. ड्राइवरी लाइसेंस बनवाना हो या फिर वाहन का परमिट लेना है, तो हेड क्लर्क से संपर्क करना पड़ता है. स्थिति यह है लंबित फाइलों को लेकर हेड क्लर्क पदाधिकारी के घर जाता है और निष्पादन कर लौटता है.


क्या कहते हैं स्थानीय लोग

सतेंद्र राउत कहते हैं कि डीटीओ में काम कराने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि वेंडर या दलाल के माध्यम काम कराने पर फटाफट काम हो जाता है. काम के एवज में पैसा नहीं देते हैं, तो काम नहीं होता है. उन्होंने बताया कि शोरूम मालिक और पदाधिकारी के बीच मिलीभगत है. इससे रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और वाहन ट्रांसफर के लिए अलग-अलग दर तय है. वहीं, कार्यालय के हेड क्लर्क ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पदाधिकारी नहीं आ रहे हैं. कभी जरूरत होती है, तो उनके घर जाकर काम करा लेते हैं.

भ्रष्टाचार का बना है अड्डा

भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष संतन मिश्रा ने बताया कि जिला परिवहन कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि कार्यालय की समस्या से आयुक्त और सरकार से शिकायत की जाएगी.

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