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जामताड़ा कोर्ट ने साइबर अपराधी को दी एक साल की जेल, नब्बे हजार का जुर्माना

साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा कोर्ट के प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश ने दोषी को 1 साल कारावास और 90000 जुर्माने की सजा सुनाई है. साइबर अपराध में जामताड़ा में सजा पाने का यह दूसरा ही मामला है.

jamtara Court
जामताड़ा व्यवहार न्यायालय
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Published : Dec 17, 2021, 9:08 AM IST

Updated : Dec 17, 2021, 2:55 PM IST

जामताड़ा: साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ने सलमान अंसारी को जामताड़ा साइबर थाना के केस भादवि की धारा 471 के तहत दोषी करार देते हुए 1 साल की कारावास और 90000 जुर्माने की सजा सुनाई है. साइबर अपराध में जामताड़ा में सजा पाने का यह दूसरा मामला है.

ये भी पढ़ें-आज सदन में अनुपूरक बजट पेश करेगी सरकार, हंगामे के आसार, जानें सदन में किस दिन क्या होगा

क्या है पूरा मामला

जामताड़ा साइबर थाना के साइबर अपराध के एक मामले में सलमान अंसारी के विरुद्ध वर्ष 2020 में जामताड़ा साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसमें आरोपी सलमान अंसारी को 471 एवं 66 सीआईटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर जामताड़ा जेल भेज दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान के बाद अभियुक्त के विरुद्ध जामताड़ा न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. इसके बाद जामताड़ा जिला व्यवहार न्यायालय के जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में सुनवाई चली.

इस मामले में बचाव पक्ष और पुलिस द्वारा दिए गए तमाम गवाहों और दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सलमान अंसारी को भादवि की धारा 471 के तहत दोषी पाया. इस पर अदालत ने दोषी को 1 साल कारावास और 10,000 जुर्माना एवं 66 सी आईटी एक्ट के तहत दोषी पाकर 1 साल कारावास और 80000 जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना नहीं देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा.


साइबर अपराध में सजा की जामताड़ा की दूसरी घटना

जामताड़ा कोर्ट द्वारा साइबर अपराध के मामले में सजा सुनाने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले एक साइबर अपराधी को जामताड़ा कोर्ट सजा सुना चुकी है. यह साइबर अपराध में जामताड़ा में सजा सुनाने की दूसरी घटना है.

कानून कठोर करने की मांग

जामताड़ा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं कहना है कि कठोर सजा का प्रावधान नहीं रहने के कारण साइबर अपराधी जेल जाते हैं फिर जेल से छूट जाते हैं और साइबर अपराध अंजाम देने लगते हैं. ऐसे में आवश्यक है कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कठोर कानून का प्रावधान किया जाए ताकि साइबर अपराध पर लगाम लग सके.

जामताड़ा: साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ने सलमान अंसारी को जामताड़ा साइबर थाना के केस भादवि की धारा 471 के तहत दोषी करार देते हुए 1 साल की कारावास और 90000 जुर्माने की सजा सुनाई है. साइबर अपराध में जामताड़ा में सजा पाने का यह दूसरा मामला है.

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क्या है पूरा मामला

जामताड़ा साइबर थाना के साइबर अपराध के एक मामले में सलमान अंसारी के विरुद्ध वर्ष 2020 में जामताड़ा साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसमें आरोपी सलमान अंसारी को 471 एवं 66 सीआईटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर जामताड़ा जेल भेज दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान के बाद अभियुक्त के विरुद्ध जामताड़ा न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. इसके बाद जामताड़ा जिला व्यवहार न्यायालय के जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में सुनवाई चली.

इस मामले में बचाव पक्ष और पुलिस द्वारा दिए गए तमाम गवाहों और दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सलमान अंसारी को भादवि की धारा 471 के तहत दोषी पाया. इस पर अदालत ने दोषी को 1 साल कारावास और 10,000 जुर्माना एवं 66 सी आईटी एक्ट के तहत दोषी पाकर 1 साल कारावास और 80000 जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना नहीं देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा.


साइबर अपराध में सजा की जामताड़ा की दूसरी घटना

जामताड़ा कोर्ट द्वारा साइबर अपराध के मामले में सजा सुनाने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले एक साइबर अपराधी को जामताड़ा कोर्ट सजा सुना चुकी है. यह साइबर अपराध में जामताड़ा में सजा सुनाने की दूसरी घटना है.

कानून कठोर करने की मांग

जामताड़ा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं कहना है कि कठोर सजा का प्रावधान नहीं रहने के कारण साइबर अपराधी जेल जाते हैं फिर जेल से छूट जाते हैं और साइबर अपराध अंजाम देने लगते हैं. ऐसे में आवश्यक है कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कठोर कानून का प्रावधान किया जाए ताकि साइबर अपराध पर लगाम लग सके.

Last Updated : Dec 17, 2021, 2:55 PM IST
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