जामताड़ा: खून की कमी से मौत रोकने के लिए जामताड़ा में ब्लड बैंक की स्थापना कर दी गई, लेकिन स्टाफ की लापरवाही से मरीजों की जान पर खतरा बना हुआ है. लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है.
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दरअसल, जामताड़ा ब्लड बैंक एक तकनीशियन के भरोसे संचालित किया जा रहा है. यहां ब्लड के लिए आने वाले तीमारदारों को टेक्नीशियन के जरिये ही खून का लेनदेन करना पड़ता है. ब्लड बैंक के संचालन के लिए डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, पैथोलॉजिस्ट भी पदस्थापित हैं. लेकिन ब्लड बैंक से अधिकांश समय डॉक्टर और अन्य स्टाफ गायब रहते हैं. जामताड़ा ब्लड बैंक आने वाले रक्तदाता आकाश साव का आरोप है कि यहां बिना डॉक्टर, पैथोलॉजिस्ट की मौजूदगी में ही ब्लड का लेनदेन होता है. सारा काम लैब टेक्नीशियन ही करता है, इसलिए कभी स्थिति बिगड़ने पर रक्तदाताओं को परेशानी होने का खतरा मंडराता रहता है.
ब्लड डोनर एसोसिएशन से जुड़े समाजसेवी प्रदीप दत्ता ने बताया कि वे लोगों को ब्लड डोनेट के लिए प्रेरित करते हैं और लोगों को रक्तदाने के लिए लाते हैं लेकिन पैथोलॉजिस्ट कभी कभार ही दिखते हैं, जबकि ऐसे वक्त पर पैथोलॉजिस्ट रहना अनिवार्य है. दत्ता का कहना है कि जामताड़ा ब्लड बैंक में जरूरतमंद को लेने के लिए उतनी ही मात्रा में खून या डोनर देना पड़ता है. ऐसे में बगैर डॉक्टर और पैथोलॉजिस्ट के कभी भी परेशानी हो सकती है.
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रोजाना 5 से छह लोग करते हैं रक्तदानप्रदीप दत्ता ने बताया कि यहां रोजाना पांच से छह लोग रक्तदान करते हैं. लेकिन संबंधित स्टाफ नदारद रहता है. जामताड़ा ब्लड बैंक में हकीकत जानने के लिए जब ईटीवी की टीम ब्लड बैंक पहुंची तो वहां पाया कि टेक्नीशियन ही सारा काम कर रहा है. वही रक्त दाताओं के खून की जांच कर खून ले रहा है. टेक्नीशियन से जब पूछा गया तो उसने बताया कि पैथोलॉजिस्ट कब आते हैं जाते हैं इसका नहीं पता.