जामताड़ा: झारखंड राज्य बने 21 साल हो गए, लेकिन पिछले 21 सालों में जामताड़ा जिले का औद्योगिक विकास नहीं हो पाया है. ऐसा नहीं है कि जामताड़ा को औद्योगिक रूप से विकसित करने के लिए कवायद नहीं की गए, औद्योगिक विकास (Industrial Development) के लिए वर्ष 2014 में 105 एकड़ भूखंड का लैंड बैंक (land bank in Jamtara) बनाया गया. ताकि उद्योग स्थापित किया जा सके. इसके बावजूद एक भी उद्योग नहीं लग सका है.
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झारखंड राज्य बनने के साथ ही जामताड़ा को जिला बनाया गया. जिला बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि नये-नये उद्योग लगेंगे और रोजगार के अवसर मिलेगा और क्षेत्र से पलायन की समस्या दूर होगी. स्थिति यह है कि स्थानीय लोगों को आज भी रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
उद्योग धंधे की है अपार संभावनाएं
संथाल परगना का जामताड़ा जिला, जो पश्चिम बंगाल के सीमा पर स्थित है. जिले में उद्योग-धंधे और कल कारखाने स्थापित करने के लिए अपार संभावना है. जिले में सुलभ यातायात के साथ साथ बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है. इतना ही नहीं, जिले में अपार खनिज संपदा भी मौजूद है. इसके बावजूद जिला औद्योगिक रूप से पिछड़ा हुआ है.
लैंड बैंक बनने के बाद पहल नहीं
जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल कहते हैं कि सरकार की उदासीन रवैये की वजह से जिला औद्योगिक रूप से पिछड़ा है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना से मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री और खेल मंत्री आते हैं, लेकिन किसी का संथाल पर ध्यान नहीं है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए 2014 में लैंड बैंक बनाई गई, जिसमें 105 एकड़ भूखंड है. लैंड बैंक बनने के बाद से कोई पहल नहीं की गई.
नहीं है औद्योगिक नीति
जिले में उद्योग नहीं लगने से बेरोजगारी की समस्या है. शिक्षित युवा रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेश जाने को मजबूर हैं. समाजसेवी और अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह कहते हैं कि राज्य सरकार ने अब तक औद्योगिक नीति नहीं बना पाई है. इससे जिले में उद्योग विकसित नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास नहीं होने से नौजवान युवा रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेश पलायन करते हैं.