जामताड़ाः जिला साइबर अपराधियों का हब है. जामताड़ा पुलिस साइबर अपराधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में नाकाम है. ऐसा नहीं है कि पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है. साइबर अपराधियों को लगातार गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है. इसके बावजूद ये पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. स्थिति यह है कि जिले में साइबर अपराध की घटना कम होने के बदले दिन-प्रतिदिन बढ़ ही रही है.
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जामताड़ा पुलिस और साइबर थाने की पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने को लेकर लगातार कार्रवाई कर रही है. साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज रही है. वहीं दूसरी ओर जेल से जमानत पर छूटते ही साइबर अपराधी फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो जा रहे हैं. इस स्थिति में पुलिस के लिए साइबर अपराध सिरदर्द बना हुआ है.
चिन्हित किया जा रहा है जेल से छूटे अपराधी
जामताड़ा पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि साइबर अपराधियों के अड्डे पर लगातार छापेमारी की जा रही है. अमूमन दो-चार अपराधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आम लोग साइबर अपराध के चंगुल में नहीं फंसे, इसको लेकर पुलिस की ओर से जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है. उन्होंने कहा कि जेल से छूटने के बाद साइबर अपराधी घटना को अंजाम दे रहे हैं. इसको लेकर जमानत पर जेल से बाहर आए अपराधियों को चिन्हित किया जा रहा है.
साइबर अपराध के मामले में चर्चित है जामताड़ा
साइबर अपराध के मामले में पूरे देश में जामताड़ा चर्चित है. जिले में साइबर अपराधियों का नेटवर्क फैला है. देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों की तलाश में पहुंचती है. इसके बावजूद अपराध पर अंकुश नहीं लग रहा है. स्थानीय लोग बताते हैं कि जब तक युवाओं को रोजगार से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक साइबर अपराध रोकना मुश्किल है. मनीष दुबे कहते हैं कि साइबर अपराधियों पर कार्रवाई की जा रही है. लेकिन जागरुकता पर कम ध्यान नहीं दिया जा रहा है.