जामताड़ा: साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों ने साइबर फ्रॉड करने का नया तरीका ईजाद किया है. इसमें साइबर अपराधी पैसे छुपाने के लिए फर्जी अकाउंट खोलकर किसी दूसरे के अकाउंट से ट्रांसफर के जरिए साइबर फ्रॉड कर पैसा निकाल लेते हैं. पुलिस को इसका खुलासा तब हुआ जब साइबर थाने की पुलिस ने साइबर अपराधियों को एटीएम से पैसे निकालते रंगे हाथ पकड़ा.
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गिरफ्तार साइबर अपराधी का नाम सतीश दास बताया गया है, जो नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहलडीह का रहने वाला है. गिरफ्तार साइबर अपराधी के पास से पुलिस ने दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, दो एटीएम और 10 हजार रुपये और एक मोटरसाइकिल बरामद किया है. पुलिस ने इसमें हरियाणा और पंजाब के बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता का भी खुलासा किया है.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मामले में पकड़ा गया साइबर अपराधी फर्जी लिंक भेजकर डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाता था और फर्जी लिंक भेजकर ओटीपी से सारी जानकारी हासिल कर लेता था. साथ ही इस मनी ट्रेल को छुपाने के लिए वह फर्जी खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिया करता था और फिर कमीशन के आधार पर पैसे निकाल लेता था.
आरोपी पहले भी जा चुका है जेल: जामताड़ा एसपी अनिमेष नैथानी ने पकड़े गए साइबर अपराधियों के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि पकड़ा गया साइबर अपराधी अब तक लाखों की साइबर ठगी कर चुका है. इससे पहले छत्तीसगढ़ पुलिस उसे साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है. जहां से जेल से छूटने के बाद वह दोबारा साइबर अपराध करने लगा था. इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उस पर कड़ी निगरानी रखी और वह पकड़ा गया.
उन्होंने यह भी बताया कि पूछताछ में इस मामले में पंजाब और हरियाणा के कई बैंक कर्मचारियों के शामिल होने का खुलासा हुआ है. इस संबंध में जांच की जा रही है. फिलहाल, गिरफ्तार साइबर अपराधी के खिलाफ जामताड़ा साइबर थाने में मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है और आगे की जांच में पुलिस जुट गयी है.