जामताड़ाः विधायक इरफान अंसारी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अपनी सरकार से पूरी तरह से खफा हैं. विधायक ने अपनी ही सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं. विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि वो सिस्टम से हार चुके हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने की मांग की है अन्यथा विभाग को ही बंद करने को कहा है.
जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी स्वास्थ्य व्यवस्था के खस्ताहाल स्थिति और चरमराई व्यवस्था को लेकर खफा हैं. सिस्टम से नाराज विधायक इरफान अंसारी में स्वास्थ्य व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा किया है. विधायक ने कहा कि व्यवस्था चौपट है, आउटसोर्सिंग के नाम पर सिर्फ लूट किया जा रहा है, दवाई और महंगी मशीनें खरीदी जा रही हैं और मरीज का इलाज नहीं हो रहा है. मरीजों की जान जा रही है, डॉक्टर नहीं रहते हैं.
विधायक इरफान अंसारी ने कहा आलम यह है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी कड़ी मेहनत के बावजूद भी अस्पताल में डॉक्टर्स नहीं रहते हैं. सरकार को बोलने के बावजूद भी विभाग द्वारा ऐसे डॉक्टरों को पदस्थापित किया जाता है जो यहां रहते नहीं हैं और धनबाद में प्रैक्टिस करते हैं. उन्होंने नारायणपुर में बीती रात वज्रपात से बंजारा परिवार के तीन बच्चे और एक मां की भी दर्दनाक मौत की घटना को जिक्र करते हुए कहा कि नारायणपुर स्वास्थ्य केंद्र में अगर डॉक्टर मौजूद रहते तो बच्चों की जान बच सकती थी लेकिन लापरवाही के कारण जान चली गई.
विधायक इरफान अंसारी ने बताया कि जिस डॉक्टर को मना किया गया था फिर भी वहां पोस्टिंग किया जो धनबाद में रहते हैं और बोलने पर कहा जाता है कि ऊपर से मैंनेज करके आये हैं. विधायक ने जामताड़ा के सिविल सर्जन पर भी सवाल दागा और उनके कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा किया. विधायक ने सिविल सर्जन पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सिविल सर्जन लेनदेन करने में मस्त रहते हैं, लोगों को इलाज क्या कराएंगे. विधायक ने कहा कि सिविल सर्जन को हटाने के लिए विभाग को सचिव से कहा था और कहा गया की हटा देंगे लेकिन नहीं हटाया गया उनको कहा जाता है कि मैनेज करके आए हैं. विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि जामताड़ा में जब यह हाल है तो झारखंड के दूसरे जिले में क्या स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल होगा. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में सुधार को लेकर मुख्यमंत्री और अपनी पार्टी के प्रदेश प्रभारी से भी मिलकर स्वास्थ्य का सुधार लाने को कहेंगे वहीं तो मुख्यमंत्री से कहेंगे कि अगर व्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो विभाग को ही बंद कर दें.