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चितरंजन रेलइंजन कारखाना की एक और उपलब्धि, 300वां रेल विद्युत इंजन का निर्माण कर देश को किया समर्पित - झारखंड न्यूज

चितरंजन रेलइंजन कारखाना (Chittaranjan Locomotive Factory) ने 300वें विद्युत रेल इंजन का निर्माण कर देश को समर्पित कर दिया है. कारखाना के सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों ने रेल इंजन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

Rail Electric Locomotive Dedicated To Country
Retiring employees flagging off the locomotive
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Published : Dec 23, 2022, 7:19 PM IST

जामताड़ा: चितरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) ने रेल इंजन उत्पादन के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. प्रमुख उपकरणों की आपूर्ति में उत्पन्न बाधाओं के बावजूद टीम चिरेका ने 300वें विद्युत इंजन का निर्माण करके समर्पण और प्रतिबद्धता की एक मिसाल पेश की है. चितरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) ने रेल इंजन उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-2023 के 216 कार्य दिवसों में 300वें WAG-9 HC (33831) लोको रेल इंजन का निर्माण (Rail Electric Locomotive Dedicated To Country) किया है.

ये भी पढे़ं-केंद्रीय राज्य मंत्री ने चिरेका का किया परिभ्रमण, रेल इंजन राष्ट्र को किया समर्पित

सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों ने दिखायी हरी झंडीः शुक्रवार को लोको कारखाना स्थित शॉप-19 के टेस्ट शेड से सेवानिवृत हो रहे कर्रमचारियों ने चिरेका के महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप की उपस्थिति में रेल इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना (Rail Engine Flagged Off) किया.वित्त वर्ष 22-23 के 216 कार्य दिवसों में उत्पादित 300वें WAG-9 HC (33831) लोको को देश को समर्पित कर दिया गया है. इस मौके पर प्रमुख विभागध्यक्ष, वरीय अधिकारी, पर्यवेक्षक, कर्मचारी मौजूद थे.

महाप्रबंधक ने रेल कर्मियों के कार्यो की सराहना कीः इस दौरान चिरेका महाप्रबंधक ने रेल कर्मियों के कार्यो की सराहना की. यह उल्लेखनीय उपलब्धि महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप के नेतृत्व और मार्गदर्शन में निरंतर प्रेरणा और प्रोत्साहन पाकर चिरेका के कार्य कुशल कर्मचारियों द्वारा समुचित योजना और संसाधनों के प्रयास से प्राप्त किया है. इस दौरान महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने चिरेका की पूरी टीम को बधाई दी. उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने में उनके सार्थक प्रयासों की सराहना की.

एशिया का सबसे बड़ा रेल इंजन कारखाना है चिरेकाः गौरतलब हो कि एशिया का सबसे बड़ा रेल इंजन बनाने वाली कारखाना चितरंजन रेल इंजन कारखाना आधुनिक तरीके से रेल विद्युत इंजन उत्पादन कर भारतीय रेल और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाते आ रहा है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

जामताड़ा: चितरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) ने रेल इंजन उत्पादन के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. प्रमुख उपकरणों की आपूर्ति में उत्पन्न बाधाओं के बावजूद टीम चिरेका ने 300वें विद्युत इंजन का निर्माण करके समर्पण और प्रतिबद्धता की एक मिसाल पेश की है. चितरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) ने रेल इंजन उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-2023 के 216 कार्य दिवसों में 300वें WAG-9 HC (33831) लोको रेल इंजन का निर्माण (Rail Electric Locomotive Dedicated To Country) किया है.

ये भी पढे़ं-केंद्रीय राज्य मंत्री ने चिरेका का किया परिभ्रमण, रेल इंजन राष्ट्र को किया समर्पित

सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों ने दिखायी हरी झंडीः शुक्रवार को लोको कारखाना स्थित शॉप-19 के टेस्ट शेड से सेवानिवृत हो रहे कर्रमचारियों ने चिरेका के महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप की उपस्थिति में रेल इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना (Rail Engine Flagged Off) किया.वित्त वर्ष 22-23 के 216 कार्य दिवसों में उत्पादित 300वें WAG-9 HC (33831) लोको को देश को समर्पित कर दिया गया है. इस मौके पर प्रमुख विभागध्यक्ष, वरीय अधिकारी, पर्यवेक्षक, कर्मचारी मौजूद थे.

महाप्रबंधक ने रेल कर्मियों के कार्यो की सराहना कीः इस दौरान चिरेका महाप्रबंधक ने रेल कर्मियों के कार्यो की सराहना की. यह उल्लेखनीय उपलब्धि महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप के नेतृत्व और मार्गदर्शन में निरंतर प्रेरणा और प्रोत्साहन पाकर चिरेका के कार्य कुशल कर्मचारियों द्वारा समुचित योजना और संसाधनों के प्रयास से प्राप्त किया है. इस दौरान महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने चिरेका की पूरी टीम को बधाई दी. उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने में उनके सार्थक प्रयासों की सराहना की.

एशिया का सबसे बड़ा रेल इंजन कारखाना है चिरेकाः गौरतलब हो कि एशिया का सबसे बड़ा रेल इंजन बनाने वाली कारखाना चितरंजन रेल इंजन कारखाना आधुनिक तरीके से रेल विद्युत इंजन उत्पादन कर भारतीय रेल और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाते आ रहा है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

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