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हजारीबाग: बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत काम शुरू, प्रवासी मजदूरों को मिल रहा है रोजगार

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Published : Jun 4, 2020, 8:14 PM IST

हजारीबाग में लगभग 20 एकड़ जमीन पर बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत काम किया जा है. फिलहाल मजदूरों की मदद से गड्ढा खोदने का काम शुरू हो गया है. इसी महीने के बीच में पौधा भी लगाया जाएगा और उस पौधे को सुरक्षित रखने के लिए घेराव भी किया जाएगा, जिससे काफी लोगों को रोजगार मिलेगा.

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत काम शुरू
Work started under Birsa Green Village Scheme in Hazaribag

हजारीबाग: वर्तमान दौर में रोजगार मुहैया कराना चुनौती से कम नहीं है. जब अर्थव्यवस्था ही चौपट हो रही हो और बाहर से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है, लेकिन इस चुनौती को दूर करने के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रहा है. अब इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे अपना जीवन यापन कर सकें.

देखें पूरी खबर

झारखंड सरकार बिरसा हरित ग्राम योजना चला रही है. इस योजना के तहत फलदार वृक्ष लगाना है, जिसके लिए आम लोगों से जमीन ली जा रही है और उस पर वृक्षारोपण किया जा रहा है. आने वाले 5 सालों तक सरकार उस जमीन पर अपने खर्च से पौधा लगाएगी और फिर उस बागान को मालिक के हाथ में सुपुर्द कर दिया जाएगा. वर्तमान समय में वैसे प्रवासी मजदूर जिन्हें इस काम में लगाया गया है उन्हें दो वक्त की रोटी मिलेगी तो दूसरी ओर मिट्टी अपरदन भी रुकेगा और आने वाले दिनों में उस पेड़ से आर्थिक रूप से लाभ जमीन के मालिक को मिलेगा.

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पौधे को सुरक्षित रखने का तरीका

इन सबसे अलग महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे वातावरण भी स्वच्छ रहेगा. इसी उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है. हजारीबाग के दारू प्रखंड में लगभग 20 एकड़ जमीन पर यह कार्य किया जा रहा है, जहां प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूरों की मदद से गड्ढा खोदने का कार्य शुरू हो गया है. इसी महीने के बीच में पौधा भी लगाया जाएगा और उस पौधे को सुरक्षित रखने के लिए घेराव भी किया जाएगा. रोजगार पाने के बाद प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूर भी काफी खुश हैं.

प्रति एकड़ में 112 आम के पौधे

स्थानीय मजदूरों का कहना है कि सरकार की यह योजना उन लोगों को रोजगार दे रहा है, जिससे उनका घर चलेगा. वहीं, प्रवासी मजदूर जो दूसरे प्रदेशों से आए हैं, उनका कहना है कि जितना पैसा वो बाहर रहकर कमाते है वो यहां मिलेगा तो बाहर क्यों जाएंगे. इसलिए यह एक बेहतर विकल्प है. दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी रामरतन बरनवाल ने बताया कि प्रति एकड़ वो लोग 112 आम के पौधे लगाने जा रहे हैं, जिससे लोगों को रोजगार तो मिल ही रहा है, साथ ही गांव की संपत्ति भी तैयार हो रही है, जिसका लाभ लोगों को कुछ सालों बाद मिलेगा.

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बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ

बीडीओ ने कहा कि पौधे लगाकर हम अपने वातावरण को भी शुद्ध कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए ग्रामीणों से अपील की है कि इस योजना का लाभ उठाएं और खाली पड़े जमीन पर फल लगाएं. बता दें कि बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है, साथ ही इस योजना के जरिए कई तरह के लाभ समाज को मिलेगा. जरूरत है इस योजना को इमानदारी पूर्वक धरातल पर उतारने की.

हजारीबाग: वर्तमान दौर में रोजगार मुहैया कराना चुनौती से कम नहीं है. जब अर्थव्यवस्था ही चौपट हो रही हो और बाहर से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है, लेकिन इस चुनौती को दूर करने के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रहा है. अब इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे अपना जीवन यापन कर सकें.

देखें पूरी खबर

झारखंड सरकार बिरसा हरित ग्राम योजना चला रही है. इस योजना के तहत फलदार वृक्ष लगाना है, जिसके लिए आम लोगों से जमीन ली जा रही है और उस पर वृक्षारोपण किया जा रहा है. आने वाले 5 सालों तक सरकार उस जमीन पर अपने खर्च से पौधा लगाएगी और फिर उस बागान को मालिक के हाथ में सुपुर्द कर दिया जाएगा. वर्तमान समय में वैसे प्रवासी मजदूर जिन्हें इस काम में लगाया गया है उन्हें दो वक्त की रोटी मिलेगी तो दूसरी ओर मिट्टी अपरदन भी रुकेगा और आने वाले दिनों में उस पेड़ से आर्थिक रूप से लाभ जमीन के मालिक को मिलेगा.

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पौधे को सुरक्षित रखने का तरीका

इन सबसे अलग महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे वातावरण भी स्वच्छ रहेगा. इसी उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है. हजारीबाग के दारू प्रखंड में लगभग 20 एकड़ जमीन पर यह कार्य किया जा रहा है, जहां प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूरों की मदद से गड्ढा खोदने का कार्य शुरू हो गया है. इसी महीने के बीच में पौधा भी लगाया जाएगा और उस पौधे को सुरक्षित रखने के लिए घेराव भी किया जाएगा. रोजगार पाने के बाद प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूर भी काफी खुश हैं.

प्रति एकड़ में 112 आम के पौधे

स्थानीय मजदूरों का कहना है कि सरकार की यह योजना उन लोगों को रोजगार दे रहा है, जिससे उनका घर चलेगा. वहीं, प्रवासी मजदूर जो दूसरे प्रदेशों से आए हैं, उनका कहना है कि जितना पैसा वो बाहर रहकर कमाते है वो यहां मिलेगा तो बाहर क्यों जाएंगे. इसलिए यह एक बेहतर विकल्प है. दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी रामरतन बरनवाल ने बताया कि प्रति एकड़ वो लोग 112 आम के पौधे लगाने जा रहे हैं, जिससे लोगों को रोजगार तो मिल ही रहा है, साथ ही गांव की संपत्ति भी तैयार हो रही है, जिसका लाभ लोगों को कुछ सालों बाद मिलेगा.

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बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ

बीडीओ ने कहा कि पौधे लगाकर हम अपने वातावरण को भी शुद्ध कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए ग्रामीणों से अपील की है कि इस योजना का लाभ उठाएं और खाली पड़े जमीन पर फल लगाएं. बता दें कि बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है, साथ ही इस योजना के जरिए कई तरह के लाभ समाज को मिलेगा. जरूरत है इस योजना को इमानदारी पूर्वक धरातल पर उतारने की.

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