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हजारीबाग: मनरेगा कार्य में महिलाएं ले रही है बढ़ चढ़कर हिस्सा, दिखा रही है अपना दमखम - हजारीबाग में मनरेगा कार्य में महिलाएं ले रही हिस्सा

हजारीबाग के कई जिलों में इन दिनों मनरेगा का कार्य चल रहा है. इस कार्य में सबसे अधिक संख्या महिला मजदूरों की देखने को मिल रही है. ऐसी महिलाएं अपने क्षमता के अनुसार कार्य कर रही हैं. इन दिनों मजदूरों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार मनरेगा कार्यक्रम चला रही हैं, जिसमें महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.

हजारीबाग: मनरेगा कार्य में महिलाएं ले रही है बढ़ चढ़कर हिस्सा
Women taking part in MNREGA work in Hazaribagh
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Published : Jun 13, 2020, 1:00 AM IST

हजारीबाग: इन दिनों जिले के सदर, दारू और कटकमदाग समेत अन्य प्रखंडों में मनरेगा का कार्य चल रहा है. इस कार्य में सबसे अधिक संख्या महिला मजदूरों की देखने को मिल रही है.

देखें पूरी खबर

क्षमता के अनुसार कार्य

बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स हाउस में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और अपने दम पर परिवार का भरण पोषण भी कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी जो महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं है वह भी अब पैसा कमाना चाहती है. ऐसे में महिलाएं अपने क्षमता के अनुसार कार्य कर रही हैं. इन दिनों मजदूरों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार मनरेगा कार्यक्रम चला रही हैं, जिसमें महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और अपना परिवार का भरण पोषण कर रही है. गांव की मुखिया कहती है कि उनकी कोशिश हैं कि महिलाओं को आगे लाएं और उनसे काम कराएं, ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके.

ये भी पढ़ें-बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को चुनाव आयोग ने माना निर्दलीय विधायक: सूत्र

परिवार का पालन-पोषण

डीआरडीए डायरेक्टर उमा महतो ने कहा कि जिला प्रशासन ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई प्रारूप बनाए हैं, जिसके तहत वो लोग महिलाओं को कार्य दे रहे हैं. इसी का प्रतिफल है कि महिलाएं अपने घर से निकलकर अब पैसा कमा रही हैं. वहीं, खेतों में काम करने वाली महिलाएं कहती हैं कि वो पुरुषों से कम नहीं है. पति-पत्नी एक साथ खेतों में काम कर रहे हैं, ताकि अच्छे से अपने परिवार का पालन पोषण कर सके. इसी उद्देश्य से हम लोग काम कर रहे हैं.

महिला सशक्तिकरण का नजारा

महिलाओं का कहना है कि पहले वे लोग घर में खाना बनाते थे और घर के चारदीवारी में ही रहते थे. पति पूरे परिवार का बोझ उठाते थे, लेकिन अब वह भी अपने पति के बोझ को हल्का कर रहे हैं. हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला सशक्तिकरण का नजारा दिख रहा है. महिलाएं अपने शक्ति के अनुरूप काम कर रही है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी उनको मदद कर रहे हैं, ताकि समाज में वे खुद को भी प्रतिष्ठित कर सकें.

हजारीबाग: इन दिनों जिले के सदर, दारू और कटकमदाग समेत अन्य प्रखंडों में मनरेगा का कार्य चल रहा है. इस कार्य में सबसे अधिक संख्या महिला मजदूरों की देखने को मिल रही है.

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क्षमता के अनुसार कार्य

बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स हाउस में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और अपने दम पर परिवार का भरण पोषण भी कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी जो महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं है वह भी अब पैसा कमाना चाहती है. ऐसे में महिलाएं अपने क्षमता के अनुसार कार्य कर रही हैं. इन दिनों मजदूरों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार मनरेगा कार्यक्रम चला रही हैं, जिसमें महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और अपना परिवार का भरण पोषण कर रही है. गांव की मुखिया कहती है कि उनकी कोशिश हैं कि महिलाओं को आगे लाएं और उनसे काम कराएं, ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके.

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परिवार का पालन-पोषण

डीआरडीए डायरेक्टर उमा महतो ने कहा कि जिला प्रशासन ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई प्रारूप बनाए हैं, जिसके तहत वो लोग महिलाओं को कार्य दे रहे हैं. इसी का प्रतिफल है कि महिलाएं अपने घर से निकलकर अब पैसा कमा रही हैं. वहीं, खेतों में काम करने वाली महिलाएं कहती हैं कि वो पुरुषों से कम नहीं है. पति-पत्नी एक साथ खेतों में काम कर रहे हैं, ताकि अच्छे से अपने परिवार का पालन पोषण कर सके. इसी उद्देश्य से हम लोग काम कर रहे हैं.

महिला सशक्तिकरण का नजारा

महिलाओं का कहना है कि पहले वे लोग घर में खाना बनाते थे और घर के चारदीवारी में ही रहते थे. पति पूरे परिवार का बोझ उठाते थे, लेकिन अब वह भी अपने पति के बोझ को हल्का कर रहे हैं. हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला सशक्तिकरण का नजारा दिख रहा है. महिलाएं अपने शक्ति के अनुरूप काम कर रही है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी उनको मदद कर रहे हैं, ताकि समाज में वे खुद को भी प्रतिष्ठित कर सकें.

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