हजारीबाग: जिले के वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बाघ देखे जाने की खबर है. वन विभाग को बाघ के पंजे के निशान और चार जानवरों के शव बरामद हुए हैं. इससे संकेत मिल रहा है कि हजारीबाग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में एक वयस्क बाघ घूम रहा है, जिसका वजन 200 से 250 किलोग्राम के बीच हो सकता है. इसकी पुष्टि के लिए वन विभाग ने एक टीम भी बनाई है, जो इस पर रिसर्च कर रही है और कई इनपुट पर काम भी किया जा रहा है. वन्य प्राणी प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार चौधरी ने भी इसके संकेत दिये हैं. रॉयल बंगाल टाइगर ने अब तक इंसानों पर हमला नहीं किया है. वह घने जंगलों के बीच घूम रहा है.
नेशनल पार्क के अंदर चार-पांच जानवरों की मौत के बाद इस ओर ध्यान गया. तभी से बाघ की तलाश शुरू हो गई. पंजे के निशान से यह आशंका जताई जा रही है कि जानवरों को मारने वाला बाघ हो सकता है. लेकिन वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी.
बाघ की तलाश के लिए बनाई गई टीम: राहत की बात यह है कि बाघ ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है. ऐसे में बाघ आदमखोर नहीं हो सकता. यह भी कहा जा रहा है कि जिस रास्ते पर बाघ के पंजे के निशान मिले हैं, उस रास्ते का इस्तेमाल कभी बाघ आने-जाने के लिए करते होंगे. इको सेंसिटिव जोन घोषित होने के बाद पिछले डेढ़ साल से इस क्षेत्र में कोई विस्फोट नहीं हुआ है, इसलिए यहां बाघ आ सकते हैं. ऐसे में वन विभाग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में कैमरे लगाने जा रहा है और साथ ही एक विशेष निगरानी टीम भी बनाई गई है जो पूरे इलाके पर नजर रखेगी.
इलाके में बाघ की मौजूदगी आम लोगों के लिए डर का माहौल पैदा कर सकती है. यहां रॉयल बंगाल टाइगर्स बड़ी संख्या में देखे जाते थे. लेकिन समय बीतने के साथ रॉयल टाइगर्स विलुप्त होते गए. अब एक बार फिर इलाके में बाघ मिलने की खबर है, जो राहत की बात है.
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