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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019ः एक घर से तीन जुलूस, कंघी, कमल, तीर-धनूष, कौन संभालेगा 'टेकलाल' की राजनीतिक विरासत! - Three brothers in Mandu battle

हजारीबाग के मांडू विधानसभा सीट से पहली बार किसी एक परिवार के तीन भाई अलग-अलग दल से चुनावी मैदान में उतरे हैं. तीनों ने टेकलाल महतो के सिद्धांतों पर चलने का दावा जरूर किया है, लेकिन जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है यह 23 दिसंबर को पता चल पाएगा.

Three brothers contesting from Mandu assembly seat in hazaribag
एक घर से तीन उम्मीदवार
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Published : Nov 26, 2019, 3:28 PM IST

हजारीबाग: जिले के मांडू विधानसभा सीट का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है. इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2 सहोदर समेत तीन भाई एक ही साथ विभिन्न राजनीतिक दलों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कहा जाए तो एक ही परिवार राजनीतिक लड़ाई मांडू की धरती से लड़ रही है.

देखें पूरी खबर

मांडू विधानसभा सीट से पांच बार विधायक और एक बार गिरिडीह से सांसद रह चुके टेकलाल महतो की विरासत को संभालने के लिए भी तीनों भाई आपस में भिड़ गए हैं. तीनों ने दावा किया है कि टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर हम लोग चल रहे हैं और हमें यहां की जनता आशीर्वाद भी देगी.

इसे भी पढ़ें:- देवघर में JVM ने उतारा एकलौती महिला प्रत्याशी, कहा- मूलभूत सुविधा होगी पहली प्राथमिकता

मांडू से वर्तमान विधायक जयप्रकाश भाई पटेल बीजेपी से उम्मीदवार हैं. वहीं उनके बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल जेएमएम से चुनाव लड़ रहे हैं. तीसरे भाई चंद्रनाथ भाई पटेल को जेवीएम ने चुनावी दंगल में उतारा है. एक ही घर से 3 अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों की अलग-अलग रणनीति के साथ मैदान में हैं.

टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चलने का वादा
बीजेपी उम्मीदवार जयप्रकाश भाई पटेल ने दावा किया है कि वह टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चल रहे हैं और उनके आशीर्वाद से उनका विजय रथ नहीं रुकेगा. उनका कहना है कि भले ही बड़ा भाई चुनाव लड़ रहा है, लेकिन पिता की राजनीतिक विरासत उन्हें मिली है और इस विरासत का लाभ चुनाव में मुझे ही मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह भाइयों की लड़ाई नहीं है, यह सिद्धांतों और नीति की लड़ाई है. जयप्रकाश भाई पटेल ने बताया कि सिद्धांत और नीति सिर्फ जेपी भाई पटेल के पास है और विपक्षियों का जमानत भी इस बार जप्त हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- प्रधानमंत्री दौरे पर बाबूलाल मरांडी ने कसा तंज, कहा- उनके दौरे का नहीं होगा झारखंड की राजनीति पर कोई असर

वहीं, दूसरी तरफ राम प्रकाश भाई पटेल ने अपने भाई पर हमला बोलते हुए कहा है कि जयप्रकाश भाई पटेल ने मांडू की जनता को धोखा दिया है. इसलिए जनता इस बार उन्हें यहां से हराकर भेजेगी. जयप्रकाश भाई पटेल के बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल का कहना है कि, जो भी टेकलाल बाबू के सिद्धांत को ठेस पहुंचाएगा उसे जनता कभी माफ नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि जयप्रकाश ने कैसे बीजेपी का दामन थामा यह भी एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब सिर्फ और वही दे सकते हैं.

तीसरे चचेरे भाई के रूप में चंद्रनाथ भाई पटेल जेवीएम की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र में अब लोग यह पूछते भी हैं कि एक ही परिवार से तीन-तीन भाई चुनाव में लड़ रहा है तो जनता किसे वोट देगी. उन्होंने दावा किया कि दो सगे भाइयों की लड़ाई में तीसरे चचेरे भाई को लाभ मिलेगा और वह सदन तक पहुंचेगा.

तीनों भाईयों ने ली टेकलाल महतो से शिक्षा
तीनों भाइयों ने टेकलाल महतो के साथ रहकर राजनीति की शिक्षा ली है. 2004 में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से यूपीए प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद मांडू विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने अपने बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को जेएमएम से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, टेकलाल महतो के भतीजा चंद्रनाथ भाई पटेल उनके साथ रहकर राजनीति का काम देखते थे. उसे उम्मीद थी कि 2004 में संसदीय चुनाव जीतने के बाद चाचा मांडू विधानसभा सीट से अपनी विरासत को बचाने के लिए उन्हें मैदान में उतारेंगे, लेकिन पुत्र मोह के कारण टेकलाल महतो ने मांडू सीट से बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को जेएमएम से चुनाव लड़ाया. उनके इस निर्णय से नाराज होकर चंद्रनाथ भाई पटेल निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए. नतीजा दोनों भाईयों के बीच राजनीतिक प्रतिबद्धता में जदयू के खीरू महतो ने बाजी मार ली.

इसे भी पढ़ें:- पूर्व JMM विधायक समेत सामाजिक कार्यकर्ता ने थामा AJSU का दामन, सुदेश का दावा- बेहतर राजनीतिक विकल्प है आजसू

पिता की विरासत को बरकरार रखने में सफल रहे जयप्रकाश भाई पटेल
2009 के लोकसभा चुनाव में गिरिडीह से टेकलाल महतो चुनाव हार गए, जिसके बाद उन्होंने जेएमएम की टिकट से मांडू से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस चुनाव में उनके भतीजे चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे. टेकलाल महतो की मौत के बाद जेएमएम ने उनके छोटे बेटे जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया और वो चुनाव में बड़े अंतर से जीतने में सफल रहे. उस वक्त भी चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले से चुनाव लड़े और चौथे स्थान पर रहे.

विधानसभा चुनाव 2014 में एक बार फिर जेपी पटेल और चंद्रनाथ भाई पटेल आमने-सामने दिखे. जयप्रकाश भाई पटेल जेएमएम से और चंद्रनाथ भाई पटेल जेवीएम से चुनावी मैदान में उतरे. बीजेपी ने कुमार महेश सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया था, जिसमें जयप्रकाश भाई पटेल फिर से विजय हुए. एक बार फिर अब 2019 विधानसभा चुनाव में तीनों भाई आमने-सामने हुए हैं.

विधानसभा चुनाव 2014 में किसे मिला कितना वोट

  • जयप्रकाश भाई पटेल (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को 78499 वोट मिला.
  • कुमार महेश सिंह (बीजेपी) को 71487 वोट मिला.
  • चंद्रनाथ भाई पटेल (झारखंड विकास मोर्चा) 24622 वोट
  • खीरू महतो (जदयू) 17436 वोट

2011 विधानसभा उपचुनाव में किसे कितना वोट मिला.

  • जयप्रकाश भाई पटेल (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को 52404 मिला.
  • कुमार महेश सिंह (कांग्रेस) को 283 36 वोट मिला.
  • मनीष जयसवाल (झारखंड विकास मोर्चा) को 23433 वोट हासिल हुआ था.

अब देखना दिलचस्प होगा कि टेकलाल महतो की राजनीतिक विरासत को कौन आगे बढ़ाने में सफल हो पाता है, या फिर तीनों भाइयों की लड़ाई में कोई चौथा लाभ उठाता है.

हजारीबाग: जिले के मांडू विधानसभा सीट का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है. इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2 सहोदर समेत तीन भाई एक ही साथ विभिन्न राजनीतिक दलों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कहा जाए तो एक ही परिवार राजनीतिक लड़ाई मांडू की धरती से लड़ रही है.

देखें पूरी खबर

मांडू विधानसभा सीट से पांच बार विधायक और एक बार गिरिडीह से सांसद रह चुके टेकलाल महतो की विरासत को संभालने के लिए भी तीनों भाई आपस में भिड़ गए हैं. तीनों ने दावा किया है कि टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर हम लोग चल रहे हैं और हमें यहां की जनता आशीर्वाद भी देगी.

इसे भी पढ़ें:- देवघर में JVM ने उतारा एकलौती महिला प्रत्याशी, कहा- मूलभूत सुविधा होगी पहली प्राथमिकता

मांडू से वर्तमान विधायक जयप्रकाश भाई पटेल बीजेपी से उम्मीदवार हैं. वहीं उनके बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल जेएमएम से चुनाव लड़ रहे हैं. तीसरे भाई चंद्रनाथ भाई पटेल को जेवीएम ने चुनावी दंगल में उतारा है. एक ही घर से 3 अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों की अलग-अलग रणनीति के साथ मैदान में हैं.

टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चलने का वादा
बीजेपी उम्मीदवार जयप्रकाश भाई पटेल ने दावा किया है कि वह टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चल रहे हैं और उनके आशीर्वाद से उनका विजय रथ नहीं रुकेगा. उनका कहना है कि भले ही बड़ा भाई चुनाव लड़ रहा है, लेकिन पिता की राजनीतिक विरासत उन्हें मिली है और इस विरासत का लाभ चुनाव में मुझे ही मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह भाइयों की लड़ाई नहीं है, यह सिद्धांतों और नीति की लड़ाई है. जयप्रकाश भाई पटेल ने बताया कि सिद्धांत और नीति सिर्फ जेपी भाई पटेल के पास है और विपक्षियों का जमानत भी इस बार जप्त हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- प्रधानमंत्री दौरे पर बाबूलाल मरांडी ने कसा तंज, कहा- उनके दौरे का नहीं होगा झारखंड की राजनीति पर कोई असर

वहीं, दूसरी तरफ राम प्रकाश भाई पटेल ने अपने भाई पर हमला बोलते हुए कहा है कि जयप्रकाश भाई पटेल ने मांडू की जनता को धोखा दिया है. इसलिए जनता इस बार उन्हें यहां से हराकर भेजेगी. जयप्रकाश भाई पटेल के बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल का कहना है कि, जो भी टेकलाल बाबू के सिद्धांत को ठेस पहुंचाएगा उसे जनता कभी माफ नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि जयप्रकाश ने कैसे बीजेपी का दामन थामा यह भी एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब सिर्फ और वही दे सकते हैं.

तीसरे चचेरे भाई के रूप में चंद्रनाथ भाई पटेल जेवीएम की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र में अब लोग यह पूछते भी हैं कि एक ही परिवार से तीन-तीन भाई चुनाव में लड़ रहा है तो जनता किसे वोट देगी. उन्होंने दावा किया कि दो सगे भाइयों की लड़ाई में तीसरे चचेरे भाई को लाभ मिलेगा और वह सदन तक पहुंचेगा.

तीनों भाईयों ने ली टेकलाल महतो से शिक्षा
तीनों भाइयों ने टेकलाल महतो के साथ रहकर राजनीति की शिक्षा ली है. 2004 में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से यूपीए प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद मांडू विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने अपने बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को जेएमएम से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, टेकलाल महतो के भतीजा चंद्रनाथ भाई पटेल उनके साथ रहकर राजनीति का काम देखते थे. उसे उम्मीद थी कि 2004 में संसदीय चुनाव जीतने के बाद चाचा मांडू विधानसभा सीट से अपनी विरासत को बचाने के लिए उन्हें मैदान में उतारेंगे, लेकिन पुत्र मोह के कारण टेकलाल महतो ने मांडू सीट से बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को जेएमएम से चुनाव लड़ाया. उनके इस निर्णय से नाराज होकर चंद्रनाथ भाई पटेल निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए. नतीजा दोनों भाईयों के बीच राजनीतिक प्रतिबद्धता में जदयू के खीरू महतो ने बाजी मार ली.

इसे भी पढ़ें:- पूर्व JMM विधायक समेत सामाजिक कार्यकर्ता ने थामा AJSU का दामन, सुदेश का दावा- बेहतर राजनीतिक विकल्प है आजसू

पिता की विरासत को बरकरार रखने में सफल रहे जयप्रकाश भाई पटेल
2009 के लोकसभा चुनाव में गिरिडीह से टेकलाल महतो चुनाव हार गए, जिसके बाद उन्होंने जेएमएम की टिकट से मांडू से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस चुनाव में उनके भतीजे चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे. टेकलाल महतो की मौत के बाद जेएमएम ने उनके छोटे बेटे जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया और वो चुनाव में बड़े अंतर से जीतने में सफल रहे. उस वक्त भी चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले से चुनाव लड़े और चौथे स्थान पर रहे.

विधानसभा चुनाव 2014 में एक बार फिर जेपी पटेल और चंद्रनाथ भाई पटेल आमने-सामने दिखे. जयप्रकाश भाई पटेल जेएमएम से और चंद्रनाथ भाई पटेल जेवीएम से चुनावी मैदान में उतरे. बीजेपी ने कुमार महेश सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया था, जिसमें जयप्रकाश भाई पटेल फिर से विजय हुए. एक बार फिर अब 2019 विधानसभा चुनाव में तीनों भाई आमने-सामने हुए हैं.

विधानसभा चुनाव 2014 में किसे मिला कितना वोट

  • जयप्रकाश भाई पटेल (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को 78499 वोट मिला.
  • कुमार महेश सिंह (बीजेपी) को 71487 वोट मिला.
  • चंद्रनाथ भाई पटेल (झारखंड विकास मोर्चा) 24622 वोट
  • खीरू महतो (जदयू) 17436 वोट

2011 विधानसभा उपचुनाव में किसे कितना वोट मिला.

  • जयप्रकाश भाई पटेल (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को 52404 मिला.
  • कुमार महेश सिंह (कांग्रेस) को 283 36 वोट मिला.
  • मनीष जयसवाल (झारखंड विकास मोर्चा) को 23433 वोट हासिल हुआ था.

अब देखना दिलचस्प होगा कि टेकलाल महतो की राजनीतिक विरासत को कौन आगे बढ़ाने में सफल हो पाता है, या फिर तीनों भाइयों की लड़ाई में कोई चौथा लाभ उठाता है.

Intro:हजारीबाग जिले के मांडू विधानसभा क्षेत्र का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है ।इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2 सहोदर समेत तीन भाई एक ही साथ विभिन्न राजनीतिक दलों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं । कहा जाए तो एक ही परिवार के तीन सदस्य राजनैतिक लड़ाई मांडू की धरती पर लड़ने जा रहे है।


Body:मांडू विधानसभा से पांच बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके स्वर्गीय टेकलाल महतो की विरासत को बचाने के लिए भी तीनों भाई आपस में भिड रहे हैं। तीनों ने दावा किया है कि टेकलाल बाबू के सिद्धांत पर हम लोग चल रहे हैं और हमें यहां की जनता आशीर्वाद भी देगी।

मांडू विधानसभा से वर्तमान विधायक जयप्रकाश भाई पटेल भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार हैं। वही उनके बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ रहे हैं और तीसरे भाई चंद्रनाथ भाई पटेल झारखंड विकास मोर्चा से चुनावी दंगल में है ।कहा जाए तो एक ही परिवार से 3 लोगों ने चुनावी ताल ठोका है। एक ही घर से 3 अलग-अलग उम्मीदवारों की अलग अलग रणनीति बन रही है।

जयप्रकाश भाई पटेल ने दावा किया है कि वह टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चल रहे हैं और उनके आशीर्वाद से वह चुनाव विजय होंगे ।उनका कहना है कि भले ही बढ़ा भाई चुनाव मैं उतरा है लेकिन पिता की राजनीति विरासत मिली है और इस विरासत का लाभ चुनाव में लाभ भी मिला है । उनका कहना है कि यह भाइयों का लड़ाई नहीं है यह सिद्धांतों और नीति की लड़ाई है। सिद्धांत और नीति सिर्फ और सिर्फ जेपी भाई पटेल के पास है। और विपक्षियों का जमानत भी इस बार जप्त हो जाएगा।

तो दूसरी राम प्रकाश भाई पटेल ने कहा कि जयप्रकाश भाई पटेल ने मांडू के की जनता को धोखा दिया है और इस बार मांडू की जनता उन्हें विजय बनाकर सदन तक भेजेगी। जयप्रकाश भाई पटेल के बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल का कहना है कि जो भी टिक लाल बाबू के सिद्धांत को ठेस पहुंच आएगा उसे जनता सीख देगी जयप्रकाश ने आखिर कैसे भाजपा का दामन थामा यह भी एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब सिर्फ और सिर्फ जेपी दे सकते हैं

तो तीसरे चचेरे भाई के रूप में चंद्रनाथ भाई पटेल झारखंड विकास मोर्चा से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना भी है कि क्षेत्र में अब लोग यह पूछते भी है कि एक ही परिवार से तीन तीन भाई चुनाव में लड़ रहा है तो जनता किसे वोट देगी। लेकिन उनका भी दावा है कि दो सगे भाइयों की लड़ाई में तीसरे चचेरे भाई को लाभ मिलेगा और वह सदन तक पहुंचेंगे।


तीनों भाइयों ने टेकलाल महतो के साथ रहकर राजनीति की शिक्षा पाई है ।2004 में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से यूपीए प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद मांडू विधानसभा क्षेत्र से टेकलाल महतो ने अपने बड़े पुत्र राम प्रकाश भाई पटेल को झारखंड मुक्ति मोर्चा से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि टेकलाल महतो का भतीजा चंद्रनाथ भाई पटेल उनके साथ रहकर राजनीति का काम देखता रहता था। उसे उम्मीद थी कि 2004 में संसदीय चुनाव जीतने के बाद चाचा मांडू विधानसभा सीट से अपनी विरासत को बचाने के लिए उसे चुनाव में लड़ आएंगे। पुत्र मोह के कारण इस सीट से बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ाया। इस निर्णय से छुब्ध होकर चंद्रनाथ भाई पटेल निर्दलीय चुनाव लड़े। नतीजा दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक प्रतिबद्धता में जदयू के खीरू महतो को 2005 में जीत मिली। 2009 के चुनाव में गिरिडीह से लोकसभा चुनाव हारने के बाद टेकलाल महतो फिर से झारखंड मुक्ति मोर्चा से मांडू से विधानसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की ।इस चुनाव में उनका भतीजा चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले का टिकट से चुनाव लड़ा। टेकलाल महतो की मौत के बाद छोटे बेटे जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया और जयप्रकाश भाई पटेल बड़ी जीत के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे ।उस वक्त भी चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले से चुनाव लड़े और चौथे स्थान पर रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जेपी पटेल और चंद्रनाथ भाई पटेल आमने सामने दिखे। जयप्रकाश भाई पटेल झारखंड मुक्ति मोर्चा से और चंद्रनाथ भाई पटेल झारखंड विकास मोर्चा से प्रत्याशी बने ।भाजपा ने महेश सिंह को यहां से चुनाव लड़ाया। पूर्व मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल 2014 के चुनाव में भी विजय हुए। एक बार फिर अब 2019 विधानसभा चुनाव में तीनो भाई आमने-सामने हैं।

विधानसभा चुनाव 2014 परिणाम
जयप्रकाश भाई पटेल झारखंड मुक्ति मोर्चा 78499
कुमार महेश सिंह भाजपा 71487
चंद्रनाथ भाई पटेल झारखंड विकास मोर्चा 24622
खीरू महतो जदयू 17436

विधानसभा उपचुनाव 2011
जयप्रकाश भाई पटेल झारखंड मुक्ति मोर्चा 52404
कुमार महेश सिंह कांग्रेस 283 36
मनीष जयसवाल झारखंड विकास मोर्चा 23433

byte..... जयप्रकाश भाई पटेल उम्मीदवार भाजपा मांडू
byte.... राम प्रकाश भाई पटेल उम्मीदवार जेएमएम मांडू
byte... चंद्रनाथ भाई पटेल उम्मीदवार जेवीएम मांडू




Conclusion:अब देखना दिलचस्प होगा कि टेकलाल महतो के विरासत में मिली राजनीत को आगे कौन बढ़ाता है। या फिर तीन भाइयों की लड़ाई में चौथा को लाभ तो नहीं मिलता।
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