हजारीबाग: जिले के मांडू विधानसभा सीट का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है. इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2 सहोदर समेत तीन भाई एक ही साथ विभिन्न राजनीतिक दलों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कहा जाए तो एक ही परिवार राजनीतिक लड़ाई मांडू की धरती से लड़ रही है.
मांडू विधानसभा सीट से पांच बार विधायक और एक बार गिरिडीह से सांसद रह चुके टेकलाल महतो की विरासत को संभालने के लिए भी तीनों भाई आपस में भिड़ गए हैं. तीनों ने दावा किया है कि टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर हम लोग चल रहे हैं और हमें यहां की जनता आशीर्वाद भी देगी.
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मांडू से वर्तमान विधायक जयप्रकाश भाई पटेल बीजेपी से उम्मीदवार हैं. वहीं उनके बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल जेएमएम से चुनाव लड़ रहे हैं. तीसरे भाई चंद्रनाथ भाई पटेल को जेवीएम ने चुनावी दंगल में उतारा है. एक ही घर से 3 अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों की अलग-अलग रणनीति के साथ मैदान में हैं.
टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चलने का वादा
बीजेपी उम्मीदवार जयप्रकाश भाई पटेल ने दावा किया है कि वह टेकलाल बाबू के सिद्धांतों पर चल रहे हैं और उनके आशीर्वाद से उनका विजय रथ नहीं रुकेगा. उनका कहना है कि भले ही बड़ा भाई चुनाव लड़ रहा है, लेकिन पिता की राजनीतिक विरासत उन्हें मिली है और इस विरासत का लाभ चुनाव में मुझे ही मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह भाइयों की लड़ाई नहीं है, यह सिद्धांतों और नीति की लड़ाई है. जयप्रकाश भाई पटेल ने बताया कि सिद्धांत और नीति सिर्फ जेपी भाई पटेल के पास है और विपक्षियों का जमानत भी इस बार जप्त हो जाएगा.
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वहीं, दूसरी तरफ राम प्रकाश भाई पटेल ने अपने भाई पर हमला बोलते हुए कहा है कि जयप्रकाश भाई पटेल ने मांडू की जनता को धोखा दिया है. इसलिए जनता इस बार उन्हें यहां से हराकर भेजेगी. जयप्रकाश भाई पटेल के बड़े भाई राम प्रकाश भाई पटेल का कहना है कि, जो भी टेकलाल बाबू के सिद्धांत को ठेस पहुंचाएगा उसे जनता कभी माफ नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि जयप्रकाश ने कैसे बीजेपी का दामन थामा यह भी एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब सिर्फ और वही दे सकते हैं.
तीसरे चचेरे भाई के रूप में चंद्रनाथ भाई पटेल जेवीएम की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र में अब लोग यह पूछते भी हैं कि एक ही परिवार से तीन-तीन भाई चुनाव में लड़ रहा है तो जनता किसे वोट देगी. उन्होंने दावा किया कि दो सगे भाइयों की लड़ाई में तीसरे चचेरे भाई को लाभ मिलेगा और वह सदन तक पहुंचेगा.
तीनों भाईयों ने ली टेकलाल महतो से शिक्षा
तीनों भाइयों ने टेकलाल महतो के साथ रहकर राजनीति की शिक्षा ली है. 2004 में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से यूपीए प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद मांडू विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने अपने बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को जेएमएम से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, टेकलाल महतो के भतीजा चंद्रनाथ भाई पटेल उनके साथ रहकर राजनीति का काम देखते थे. उसे उम्मीद थी कि 2004 में संसदीय चुनाव जीतने के बाद चाचा मांडू विधानसभा सीट से अपनी विरासत को बचाने के लिए उन्हें मैदान में उतारेंगे, लेकिन पुत्र मोह के कारण टेकलाल महतो ने मांडू सीट से बड़े बेटे राम प्रकाश भाई पटेल को जेएमएम से चुनाव लड़ाया. उनके इस निर्णय से नाराज होकर चंद्रनाथ भाई पटेल निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए. नतीजा दोनों भाईयों के बीच राजनीतिक प्रतिबद्धता में जदयू के खीरू महतो ने बाजी मार ली.
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पिता की विरासत को बरकरार रखने में सफल रहे जयप्रकाश भाई पटेल
2009 के लोकसभा चुनाव में गिरिडीह से टेकलाल महतो चुनाव हार गए, जिसके बाद उन्होंने जेएमएम की टिकट से मांडू से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस चुनाव में उनके भतीजे चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे. टेकलाल महतो की मौत के बाद जेएमएम ने उनके छोटे बेटे जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया और वो चुनाव में बड़े अंतर से जीतने में सफल रहे. उस वक्त भी चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले से चुनाव लड़े और चौथे स्थान पर रहे.
विधानसभा चुनाव 2014 में एक बार फिर जेपी पटेल और चंद्रनाथ भाई पटेल आमने-सामने दिखे. जयप्रकाश भाई पटेल जेएमएम से और चंद्रनाथ भाई पटेल जेवीएम से चुनावी मैदान में उतरे. बीजेपी ने कुमार महेश सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया था, जिसमें जयप्रकाश भाई पटेल फिर से विजय हुए. एक बार फिर अब 2019 विधानसभा चुनाव में तीनों भाई आमने-सामने हुए हैं.
विधानसभा चुनाव 2014 में किसे मिला कितना वोट
- जयप्रकाश भाई पटेल (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को 78499 वोट मिला.
- कुमार महेश सिंह (बीजेपी) को 71487 वोट मिला.
- चंद्रनाथ भाई पटेल (झारखंड विकास मोर्चा) 24622 वोट
- खीरू महतो (जदयू) 17436 वोट
2011 विधानसभा उपचुनाव में किसे कितना वोट मिला.
- जयप्रकाश भाई पटेल (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को 52404 मिला.
- कुमार महेश सिंह (कांग्रेस) को 283 36 वोट मिला.
- मनीष जयसवाल (झारखंड विकास मोर्चा) को 23433 वोट हासिल हुआ था.
अब देखना दिलचस्प होगा कि टेकलाल महतो की राजनीतिक विरासत को कौन आगे बढ़ाने में सफल हो पाता है, या फिर तीनों भाइयों की लड़ाई में कोई चौथा लाभ उठाता है.