हजारीबागः हजारीबाग के गोरहर इलाके का वायरल वीडियो कानून पर कालिख पोत रहे रखवालों की कहानी बयान कर रहा है. वायरल वीडियो में महिला थानेदार का तालीबानी न्याय इन दिनों हजारीबाग जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. जमीन के विवाद को लेकर मारपीट मामले की छानबीन करने पहुंची महिला थानेदार वीडियो में एक पक्ष की महिला के बाल खींचते और उसे थप्पड़ मारते दिखाई दे रही है. महिला को दूसरी पुलिसकर्मियों ने भी जमकर पीटा. बाद में पुलिस उसे साथ ले गई.
ये भी पढ़ें- खाकी वर्दी पर छाया 'काचा बादाम' का खुमार, एक लाइन में नाचा पूरा डिपार्टमेंट
बता दें कि इन दिनों हजारीबाग जिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें महिला थानेदार एक महिला को पीटते दिखाई दे रही है. उसका बाल भी खींचते नजर आर रही है. बाद में पुलिस महिला को साथ ले गई. इस मामले का एक दूसरा वीडियो भी वायरल है. इसमें दो पक्ष आपस में मारपीट कर रहे हैं. हाथ में लाठी डंडा लिए लोग एक दूसरे को मार रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, हजारीबाग के गोरहर थाना अंतर्गत बेलकप्पी में खाता नंबर 54 पर एसडीओ कोर्ट ने धारा 144 लगाई है. यहां किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक है. इधर, दूसरे पक्ष के बिहारी साहू द्वारा चाहरदीवारी तोड़ने की बात प्रकाश में आई थी. इसमें फुलवा देवी, चंपा देवी और आशा देवी के भी मदद करने का आरोप है. इस सूचना पर पुलिस वहां मामले को शांत कराने के लिए पहुंची.
करतूत को ऐसे छिपाने की कोशिशः पुलिस के पहुंचने के पहले ही एक पक्ष के जोधन और उनके भतीजे मंटू शाह घायल हो गए थे. इसी दौरान थाना प्रभारी राधा कुमारी ने दूसरे पक्ष की महिलाओं से मारपीट शुरू कर दिया. आरोप है कि थाना प्रभारी ने एक महिला का बाल खींचा, थप्पड़ मारे और अंत में अपने साथ थाने ले गई. इस घटना का स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिया. मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने खुद एक fir दर्ज कर ली. जिसमें कंप्लेंट थाने में पदस्थापित सिपाही राजकुमार ने दी.
यह है राजकुमार की शिकायतः राजकुमार ने आवेदन में बताया है कि दूसरे पक्ष (जिस पक्ष की महिलाओं को पीटा गया) द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया. जिसमें थाना प्रभारी को चोट लगी. वहीं पुलिस गाड़ी के ड्राइवर भी चोटिल हो गए. उन्होंने शिकायत में बताया है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि जिस जमीन पर धारा 144 लगाई गई है वहां निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में पुलिस गश्ती दल के साथ मामले को देखने के लिए पहुंची और यहां पुलिस पर हमला कर दिया गया. इस मामले पर थाना प्रभारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी.
पीड़ित परिवार का क्या है कहनाः घटना के बाद पीड़ित परिवार ने कहा है कि पुलिस पर उन्होंने पथराव नहीं किया है. पुलिस ने ही उन पर बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की है.