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हजारीबाग: आनंद को थर्ड डिग्री टॉर्चर करना 3 पदाधिकारियों को पड़ा महंगा, एसपी ने किया सस्पेंड

हजारीबाग एसपी ने आनंद कुमार नामक युवक की पिटाई मामले में तीन पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले को लेकर पुलिस विभाग पर लगातार कई सवाल खड़े हो रहे थे. जिसके बाद एसपी ने इस मामले की जांच करने का आदेश एसडीपीओ कमल किशोर को दिया था. एसडीपीओ ने 24 घंटे के अंदर पूरे मामले की जांच कर एसपी को रिपोर्ट सौंप दी, जिसके बाद कार्रवाई की गई.

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Published : May 26, 2020, 6:35 PM IST

SP suspended three officials in Hazaribag
तीन पदाधिकारी सस्पेंड

हजारीबाग: जिले के एसपी कार्तिक एक्शन के मूड में दिखे और अलग-अलग मामले में दो थाना प्रभारी और दो प्रशिक्षुक दारोगा को निलंबित कर दिया. पुलिस की थर्ड डिग्री प्रताड़ना को लेकर हजारीबाग एसपी ने बड़कागांव के थाना प्रभारी और दो प्रशिक्षु दारोगा को सस्पेंड कर दिया है. जांच में लापरवाही को लेकर बड़कागांव इंस्पेक्टर को शोकॉज भी किया गया है. वहीं अनियमितता के एक मामले में चुरचू थाना प्रभारी पर भी गाज गिरी है.

देखें पूरी खबर
हजारीबाग में दो दिनों से पुलिस की थर्ड डिग्री प्रताड़ना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा था. ऐसे में हजारीबाग एसपी कार्तिक एस ने इस मामले की जांच की जिम्मेवारी हजारीबाग के एसडीपीओ कमल किशोर को दी थी. एसडीपीओ कमल किशोर ने 24 घंटे के अंदर अपनी जांच पूरी कर ली है. जांच में तीन पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं, जिसमें बड़कागांव थाना प्रभारी स्वप्न कुमार महतो, प्रशिक्षु दारोगा शिवदयाल सिंह और अभिषेक कुमार सिंह शामिल हैं. वहीं मामले में सही जांच नहीं करने के आरोप में बड़कागांव इंस्पेक्टर को शोकॉज भी किया गया है.

पुलिस कप्तान ने चुरचू थाना प्रभारी पर कोयला तस्करी में संलिप्तता को लेकर कार्रवाई की है. उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है. हाल के दिनों में कई वीडियो चुरचू थाना का वायरल हुआ था, जिसमें दिखाया गया था कि एक कोयला लदी हुई गाड़ी को छोड़ दिया गया है. वहीं कई महिलाओं ने भी चुरचू थाना प्रभारी तरुण बाखला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.



हजारीबाग के बड़कागांव के रहने वाले आनंद ने हजारीबाग पुलिस के 6 पदाधिकारियों पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप लगाया था. जिसके बदन में उभरे हुए दाग इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उसे बहुत ही बेदर्दी के साथ मारा गया है. अब हजारीबाग के एसपी ने इस पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेवारी हजारीबाग एसडीपीओ कमल किशोर को दी थी.

इसे भी पढे़ं:- सरकारी गवाह बनाने के दबाव में पुलिस ने किया थर्ड डिग्री टॉर्चर, 6 पुलिस अधिकारियों पर आरोप

दरअसल ईटीवी भारत ने बीते रविवार को आनंद कुमार की बर्बरता पूर्वक पिटाई की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसमें आनंद ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि 5 पदाधिकारियों ने मिलकर उसकी जमकर पिटाई की और सरकारी गवाह बनने पर मजबूर किया. गवाह नहीं बनने के बाद उसकी पिटाई की गई, आलम यह है कि आज आनंद अस्पताल के बिस्तर पर पड़ा हुआ है. आंनद ने बताया था कि वह रांची में अपनी मौसी घर में रहकर पढ़ाई कर रहा था. वर्तमान में सीसीएल बरकाकाना में ट्रेनिंग भी की थी. अचानक 21 मई को उसे हजारीबाग के बड़कागांव पुलिस ने रांची अरगोड़ा थाना के सामने से उठाकर बड़कागांव ले आई. वहां उसके साथ मारपीट की गई. यही नहीं उसे देर रात मेरु स्थित विष्णुगढ एसडीपीओ कार्यालय लाया गया और वहां थर्ड डिग्री इस्तेमाल किया गया. आनंद ने आरोप लगाया है कि उसके नाखून में भी डंडे से मारा गया और पूरे पैर में बूट से मारा गया. आनंद का कहना है कि पुलिस का दबाव है कि वह सरकारी गवाह बन जाए और सादे पन्ने पर अपना सिग्नेचर कर दे. उसका यह भी कहना कि हाल के दिनों में बड़कागांव में किसी की हत्या हुई थी उसी मामले में मुझे सरकारी गवाह बनाने का दबाव था.


पीड़ित आनंद कुमार के छोटे भाई पर हत्या का आरोप है और वह फरार चल रहा है. उसके पिता का कहना है कि जमीन विवाद के कारण प्रशासन उनके परिवार के पीछे पड़ा है और एक बेटे को हत्यारा घोषित करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरे के ऊपर जुल्म ढा रहा है.

हजारीबाग पुलिस कप्तान ने कार्रवाई करके यह स्पष्ट कर दिया है कि आम जनता हो या पदाधिकारी कानून संबत कार्य नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि सभी पुलिस पदाधिकारी कानून के दायरे मे कार्रवाई करें और कभी भी ऐसा कार्य न करें जिससे दामन पर दाग लगे.

हजारीबाग: जिले के एसपी कार्तिक एक्शन के मूड में दिखे और अलग-अलग मामले में दो थाना प्रभारी और दो प्रशिक्षुक दारोगा को निलंबित कर दिया. पुलिस की थर्ड डिग्री प्रताड़ना को लेकर हजारीबाग एसपी ने बड़कागांव के थाना प्रभारी और दो प्रशिक्षु दारोगा को सस्पेंड कर दिया है. जांच में लापरवाही को लेकर बड़कागांव इंस्पेक्टर को शोकॉज भी किया गया है. वहीं अनियमितता के एक मामले में चुरचू थाना प्रभारी पर भी गाज गिरी है.

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हजारीबाग में दो दिनों से पुलिस की थर्ड डिग्री प्रताड़ना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा था. ऐसे में हजारीबाग एसपी कार्तिक एस ने इस मामले की जांच की जिम्मेवारी हजारीबाग के एसडीपीओ कमल किशोर को दी थी. एसडीपीओ कमल किशोर ने 24 घंटे के अंदर अपनी जांच पूरी कर ली है. जांच में तीन पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं, जिसमें बड़कागांव थाना प्रभारी स्वप्न कुमार महतो, प्रशिक्षु दारोगा शिवदयाल सिंह और अभिषेक कुमार सिंह शामिल हैं. वहीं मामले में सही जांच नहीं करने के आरोप में बड़कागांव इंस्पेक्टर को शोकॉज भी किया गया है.

पुलिस कप्तान ने चुरचू थाना प्रभारी पर कोयला तस्करी में संलिप्तता को लेकर कार्रवाई की है. उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है. हाल के दिनों में कई वीडियो चुरचू थाना का वायरल हुआ था, जिसमें दिखाया गया था कि एक कोयला लदी हुई गाड़ी को छोड़ दिया गया है. वहीं कई महिलाओं ने भी चुरचू थाना प्रभारी तरुण बाखला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.



हजारीबाग के बड़कागांव के रहने वाले आनंद ने हजारीबाग पुलिस के 6 पदाधिकारियों पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप लगाया था. जिसके बदन में उभरे हुए दाग इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उसे बहुत ही बेदर्दी के साथ मारा गया है. अब हजारीबाग के एसपी ने इस पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेवारी हजारीबाग एसडीपीओ कमल किशोर को दी थी.

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दरअसल ईटीवी भारत ने बीते रविवार को आनंद कुमार की बर्बरता पूर्वक पिटाई की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसमें आनंद ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि 5 पदाधिकारियों ने मिलकर उसकी जमकर पिटाई की और सरकारी गवाह बनने पर मजबूर किया. गवाह नहीं बनने के बाद उसकी पिटाई की गई, आलम यह है कि आज आनंद अस्पताल के बिस्तर पर पड़ा हुआ है. आंनद ने बताया था कि वह रांची में अपनी मौसी घर में रहकर पढ़ाई कर रहा था. वर्तमान में सीसीएल बरकाकाना में ट्रेनिंग भी की थी. अचानक 21 मई को उसे हजारीबाग के बड़कागांव पुलिस ने रांची अरगोड़ा थाना के सामने से उठाकर बड़कागांव ले आई. वहां उसके साथ मारपीट की गई. यही नहीं उसे देर रात मेरु स्थित विष्णुगढ एसडीपीओ कार्यालय लाया गया और वहां थर्ड डिग्री इस्तेमाल किया गया. आनंद ने आरोप लगाया है कि उसके नाखून में भी डंडे से मारा गया और पूरे पैर में बूट से मारा गया. आनंद का कहना है कि पुलिस का दबाव है कि वह सरकारी गवाह बन जाए और सादे पन्ने पर अपना सिग्नेचर कर दे. उसका यह भी कहना कि हाल के दिनों में बड़कागांव में किसी की हत्या हुई थी उसी मामले में मुझे सरकारी गवाह बनाने का दबाव था.


पीड़ित आनंद कुमार के छोटे भाई पर हत्या का आरोप है और वह फरार चल रहा है. उसके पिता का कहना है कि जमीन विवाद के कारण प्रशासन उनके परिवार के पीछे पड़ा है और एक बेटे को हत्यारा घोषित करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरे के ऊपर जुल्म ढा रहा है.

हजारीबाग पुलिस कप्तान ने कार्रवाई करके यह स्पष्ट कर दिया है कि आम जनता हो या पदाधिकारी कानून संबत कार्य नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि सभी पुलिस पदाधिकारी कानून के दायरे मे कार्रवाई करें और कभी भी ऐसा कार्य न करें जिससे दामन पर दाग लगे.

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