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शहर को जलने के दर्द से कैसे बचाएगा हजारीबाग का अग्निशमन विभाग, खुद झेल रहा संसाधनों की कमी का दंश

हजारीबाग अग्निशमन विभाग इन दिनों कई समस्याओं का दंश झेल रहा है. दरअसल विभाग कर्मी के साथ-साथ पानी की समस्या से जूझ रहा है. कर्मियों का कहना है कि पानी लाने के लिए झील जाते हैं, अगर एक गाड़ी से आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो फिर से झील जाना पड़ता है, जिसमें घंटों लग जाता है.

shortage of workers and water in hazaribag fire department
हजारीबाग अग्निशमन विभाग
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Published : Mar 30, 2021, 1:49 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 4:39 PM IST

हजारीबागः गर्मी के दिनों में अगजनी की संख्या बढ़ जाती है. ऐसे में आपातकाल के लिए अग्निशमन व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन हजारीबाग अग्निशमन विभाग इन दिनों कर्मी के साथ-साथ पानी की कमी का दंश झेल रहा है. अगर इमरजेंसी हुई तो चुनौती दोगुनी हो जाएगी.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- गिरिडीहः गर्मी शुरू होते ही पानी का संकट, बगोदर में खराब पड़ा है जल मीनार और चापकल


15 दिनों के अंदर 12 आगजनी की घटना
अग्निशमन विभाग आपातकाल के समय बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अपनी जान पर खेलकर विभाग के कर्मी जान-माल की क्षति होने से रोकने के लिए ताकत झोंक देते हैं. अगर कर्मी की कमी के साथ-साथ पानी की कमी हो तो कैसे यह सेवा देंगे. यह बड़ा सवाल है. हजारीबाग अग्निशमन विभाग के पास चार गाड़ी है. जिसमें दो गाड़ी खराब हो चुकी है ऐसे में दो गाड़ी से 13 ब्लॉक में यह सेवा दे रहे हैं. अगर बड़कागांव, केरेडारी, दारू, झूमरा, टाटीझरिया में घटना घटती है तो हजारीबाग से ही दमकल गाड़ी पहुंचती है. सिर्फ बरही के लिए अलग व्यवस्था है. जहां पदमा बरही और बरकट्ठा के लिए अलग कार्यालय बनाया गया है. जहां से आगजनी होने पर दमकल गाड़ी जाती है. ऐसे में विभाग का कहना है कि हम लोग इन दिनों चुनौती से घिरे हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि फोन आते ही हम अपने गंतव्य के लिए निकल जाते हैं. पदाधिकारी का यह भी कहना है कि मात्र 15 दिनों के अंदर 12 आगजनी की घटना हजारीबाग के विभिन्न क्षेत्रों में हो चुकी है.

झील से लाते है पानी
विभाग का कहना है कि कार्यालय में पानी के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी. लेकिन वह भी पिछले कई सालों से खराब है. ऐसे में हम लोग पानी लाने के लिए झील जाते हैं, अगर एक गाड़ी से आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो हम लोग फिर से झील जाते हैं और पानी भरते हैं. जिसमें घंटों लग जाता है और हमारा उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है. वहीं उनका यह भी कहना है कि हजारीबाग की सड़के बहुत संकरी हो गई वह भी हम लोग के सामने चुनौती है.

सड़कों की हालत भी बद से बदतर
दमकल के चालक बताते हैं कि गाड़ी का सायरन देने के बावजूद लोग जगह नहीं देते हैं. जिससे हम लोगों को बहुत परेशानी होती है. हम लोग आम जनता से अपील भी करते हैं कि अगर दमकल गाड़ी आ रही है तो रास्ता दे. लेकिन हजारीबाग में खासकर युवा इस बात को समझते नहीं है और हमें रास्ता नहीं देते हैं. ऐसे में घटना स्थल पर सच में पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है.

हजारीबागः गर्मी के दिनों में अगजनी की संख्या बढ़ जाती है. ऐसे में आपातकाल के लिए अग्निशमन व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन हजारीबाग अग्निशमन विभाग इन दिनों कर्मी के साथ-साथ पानी की कमी का दंश झेल रहा है. अगर इमरजेंसी हुई तो चुनौती दोगुनी हो जाएगी.

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15 दिनों के अंदर 12 आगजनी की घटना
अग्निशमन विभाग आपातकाल के समय बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अपनी जान पर खेलकर विभाग के कर्मी जान-माल की क्षति होने से रोकने के लिए ताकत झोंक देते हैं. अगर कर्मी की कमी के साथ-साथ पानी की कमी हो तो कैसे यह सेवा देंगे. यह बड़ा सवाल है. हजारीबाग अग्निशमन विभाग के पास चार गाड़ी है. जिसमें दो गाड़ी खराब हो चुकी है ऐसे में दो गाड़ी से 13 ब्लॉक में यह सेवा दे रहे हैं. अगर बड़कागांव, केरेडारी, दारू, झूमरा, टाटीझरिया में घटना घटती है तो हजारीबाग से ही दमकल गाड़ी पहुंचती है. सिर्फ बरही के लिए अलग व्यवस्था है. जहां पदमा बरही और बरकट्ठा के लिए अलग कार्यालय बनाया गया है. जहां से आगजनी होने पर दमकल गाड़ी जाती है. ऐसे में विभाग का कहना है कि हम लोग इन दिनों चुनौती से घिरे हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि फोन आते ही हम अपने गंतव्य के लिए निकल जाते हैं. पदाधिकारी का यह भी कहना है कि मात्र 15 दिनों के अंदर 12 आगजनी की घटना हजारीबाग के विभिन्न क्षेत्रों में हो चुकी है.

झील से लाते है पानी
विभाग का कहना है कि कार्यालय में पानी के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी. लेकिन वह भी पिछले कई सालों से खराब है. ऐसे में हम लोग पानी लाने के लिए झील जाते हैं, अगर एक गाड़ी से आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो हम लोग फिर से झील जाते हैं और पानी भरते हैं. जिसमें घंटों लग जाता है और हमारा उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है. वहीं उनका यह भी कहना है कि हजारीबाग की सड़के बहुत संकरी हो गई वह भी हम लोग के सामने चुनौती है.

सड़कों की हालत भी बद से बदतर
दमकल के चालक बताते हैं कि गाड़ी का सायरन देने के बावजूद लोग जगह नहीं देते हैं. जिससे हम लोगों को बहुत परेशानी होती है. हम लोग आम जनता से अपील भी करते हैं कि अगर दमकल गाड़ी आ रही है तो रास्ता दे. लेकिन हजारीबाग में खासकर युवा इस बात को समझते नहीं है और हमें रास्ता नहीं देते हैं. ऐसे में घटना स्थल पर सच में पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है.

Last Updated : Apr 1, 2021, 4:39 PM IST
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