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हजारीबाग में कोर्ट की भी नहीं सुनते भू-माफिया और अफसर, रोक के बावजूद बिक गई जमीन

हजारीबाग के बड़कागांव रोड पर शंकरपुर अवधूत आश्रम पर भू-भूमाफिया की नजर गड़ गई है. आश्रम के ट्रस्टी का आरोप है कि कोर्ट की रोक के बावजूद भूमाफिया ने अफसरों से गठजोड़ कर जमीन बेच दी.

Sankarpur Avadhoot Ashram in Hazaribag on target of land mafia
शंकरपुर अवधूत आश्रम पर भू-भूमाफिया की नजर
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Published : Jul 12, 2021, 10:48 AM IST

Updated : Jul 12, 2021, 11:42 AM IST

हजारीबाग: हजारीबाग के बड़कागांव रोड पर शंकरपुर अवधूत आश्रम है. 100 साल से अधिक पुराने आश्रम के भू-भूमाफिया की नजर गड़ गई है. आश्रम के ट्रस्टी का आरोप है कि भूमाफिया ने जाली दस्तावेज के जरिये आश्रम की 1 एकड़ से अधिक जमीन बेच दी. जब खरीदार ने काम कराना शुरू किया तब आश्रम का जमीन बिकने की खबर हुई. अब आश्रम के ट्रस्टी अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-जिस सरकारी जमीन के चक्कर में नप गए CO, भूमाफिया के दोबारा घेराबंदी की कोशिश पर भी FIR नहीं

माफिया-अफसर गठजोड़ सक्रिय

झारखंड बनने के बाद से यहां जमीन कारोबार तेजी से बढ़ा है. इस कारोबार में मुनाफा देखकर तमाम भूमाफिया भी मैदान में कूद गए हैं, जिन्होंने प्रदेश की निजी प्राइवेट जमीन पर कब्जा शुरू कर दिया है. कब्जे के बाद ये जमीनों की बिक्री कर रहे हैं. इसी कड़ी में जिले के प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर की जमीन का मामला खत्म भी नहीं हुआ था कि अब अवधूत आश्रम शंकरपुर की जमीन की गलत तरीके की बिक्री का मामला सामने आया है. आरोप है कि जमीन माफिया और अंचलकर्मियों ने गठजोड़ कर प्रकाश कटकमदाग अंचल की आश्रम की करोड़ों की जमीन अवैध तरीके से बेच दी. आश्रम प्रबंधन को मामले की जानकारी तब मिली जब आश्रम के पिछले हिस्से की जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि न्यायालय की जमीन पर 144 धारा लगाए जाने के बाद भी जमीन बिक गई.

देखें पूरी खबर

धारा 144 का नहीं कोई असर

आश्रम के ट्रस्टी सुधीर सामंतो ने बताया कि आश्रम के पास लगभग 13 एकड़ जमीन है. 1917 में यह जमीन आश्रम ने ली थी, 1953 से इसकी रसीद कट रही है. 2014 तक हमारे पास जमीन का रसीद भी है. इसके बाद 2018 के आसपास से एक भू माफिया ने जमीन के कागजात में छेड़छाड़ कर अपने नाम से रसीद कटवानी शुरू कर दी. उन्होंने इस बाबत अंचल पदाधिकारी से शिकायत भी की है. मामला कोर्ट में भी लंबित है. जमीन विवादित होने के बाद कोर्ट ने इस पर धारा 144 लागू कर दी है. इसके तहत जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता है.

Sankarpur Avadhoot Ashram in Hazaribag on target of land mafia
शंकरपुर अवधूत आश्रम पर भू-भूमाफिया की नजर

निबंधन पदाधिकारी से रजिस्ट्री रद्द करने की मांग

ट्रस्टी का कहना है कि आश्रम की 1 एकड़ से अधिक जमीन भूमाफिया हड़पना चाहता है. जैसे ही पुलिस की गाड़ी आती है वह फरार हो जाते हैं, पुलिस के जाने के बाद फिर काम शुरू करा देते हैं. ट्रस्टी ने भूमि निबंधन पदाधिकारी को रजिस्ट्री रद्द करने का आवेदन दिया है. उन्होंने अहम दस्तावेज भी पेश किए हैं. लेकिन अभी तक बात आगे नहीं बढ़ी है.

ये भी पढ़ें-ACB करेगी रघुवर सरकार के कार्यकाल की कई योजनाओं की जांच, सरकारी महकमे में हड़कंप

आश्रम में वृद्धा आश्रम का संचालन
वर्तमान समय में आश्रम में पूजा ध्यान के अलावा वृद्धा आश्रम चलाया जाता है. यहां निशुल्क इलाज की भी व्यवस्था है. इसके अलावा प्रमुख त्योहार में यहां कई कार्यक्रम भी कराए जाते हैं. आश्रम की जमीन पर खेती की जाती है और उस पैसे से ही आश्रम निशुल्क रूप से सेवा कार्य करता है. न्यायालय के आदेश के बाद भी जिस तरह से निर्माण कार्य चल रहा है, यह कई सवाल खड़े करता है.

हजारीबाग: हजारीबाग के बड़कागांव रोड पर शंकरपुर अवधूत आश्रम है. 100 साल से अधिक पुराने आश्रम के भू-भूमाफिया की नजर गड़ गई है. आश्रम के ट्रस्टी का आरोप है कि भूमाफिया ने जाली दस्तावेज के जरिये आश्रम की 1 एकड़ से अधिक जमीन बेच दी. जब खरीदार ने काम कराना शुरू किया तब आश्रम का जमीन बिकने की खबर हुई. अब आश्रम के ट्रस्टी अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-जिस सरकारी जमीन के चक्कर में नप गए CO, भूमाफिया के दोबारा घेराबंदी की कोशिश पर भी FIR नहीं

माफिया-अफसर गठजोड़ सक्रिय

झारखंड बनने के बाद से यहां जमीन कारोबार तेजी से बढ़ा है. इस कारोबार में मुनाफा देखकर तमाम भूमाफिया भी मैदान में कूद गए हैं, जिन्होंने प्रदेश की निजी प्राइवेट जमीन पर कब्जा शुरू कर दिया है. कब्जे के बाद ये जमीनों की बिक्री कर रहे हैं. इसी कड़ी में जिले के प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर की जमीन का मामला खत्म भी नहीं हुआ था कि अब अवधूत आश्रम शंकरपुर की जमीन की गलत तरीके की बिक्री का मामला सामने आया है. आरोप है कि जमीन माफिया और अंचलकर्मियों ने गठजोड़ कर प्रकाश कटकमदाग अंचल की आश्रम की करोड़ों की जमीन अवैध तरीके से बेच दी. आश्रम प्रबंधन को मामले की जानकारी तब मिली जब आश्रम के पिछले हिस्से की जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि न्यायालय की जमीन पर 144 धारा लगाए जाने के बाद भी जमीन बिक गई.

देखें पूरी खबर

धारा 144 का नहीं कोई असर

आश्रम के ट्रस्टी सुधीर सामंतो ने बताया कि आश्रम के पास लगभग 13 एकड़ जमीन है. 1917 में यह जमीन आश्रम ने ली थी, 1953 से इसकी रसीद कट रही है. 2014 तक हमारे पास जमीन का रसीद भी है. इसके बाद 2018 के आसपास से एक भू माफिया ने जमीन के कागजात में छेड़छाड़ कर अपने नाम से रसीद कटवानी शुरू कर दी. उन्होंने इस बाबत अंचल पदाधिकारी से शिकायत भी की है. मामला कोर्ट में भी लंबित है. जमीन विवादित होने के बाद कोर्ट ने इस पर धारा 144 लागू कर दी है. इसके तहत जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता है.

Sankarpur Avadhoot Ashram in Hazaribag on target of land mafia
शंकरपुर अवधूत आश्रम पर भू-भूमाफिया की नजर

निबंधन पदाधिकारी से रजिस्ट्री रद्द करने की मांग

ट्रस्टी का कहना है कि आश्रम की 1 एकड़ से अधिक जमीन भूमाफिया हड़पना चाहता है. जैसे ही पुलिस की गाड़ी आती है वह फरार हो जाते हैं, पुलिस के जाने के बाद फिर काम शुरू करा देते हैं. ट्रस्टी ने भूमि निबंधन पदाधिकारी को रजिस्ट्री रद्द करने का आवेदन दिया है. उन्होंने अहम दस्तावेज भी पेश किए हैं. लेकिन अभी तक बात आगे नहीं बढ़ी है.

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आश्रम में वृद्धा आश्रम का संचालन
वर्तमान समय में आश्रम में पूजा ध्यान के अलावा वृद्धा आश्रम चलाया जाता है. यहां निशुल्क इलाज की भी व्यवस्था है. इसके अलावा प्रमुख त्योहार में यहां कई कार्यक्रम भी कराए जाते हैं. आश्रम की जमीन पर खेती की जाती है और उस पैसे से ही आश्रम निशुल्क रूप से सेवा कार्य करता है. न्यायालय के आदेश के बाद भी जिस तरह से निर्माण कार्य चल रहा है, यह कई सवाल खड़े करता है.

Last Updated : Jul 12, 2021, 11:42 AM IST
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