हजारीबाग: जिले में सरकारी पैसे का दुरूपयोग का मामला सामने आया है. जहां पिछले 6 साल से अधिक समय से सहिया को बांटने के लिए आई साइकिल धूल फांक रही है. इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है और सरकार भी अनभिज्ञ है.
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया एक ऐसी महिला होती है, जिसके कंधे पर स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेवारी रहती है. इन महिलाओं को सरकार ने साइकिल देने का प्रावधान रखा है. ताकि सहिया साइकिल से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा सके. लेकिन साइकिल प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनको नहीं मिल पा रही है.
हजारीबाग में पिछले 6 साल पहले 300 से अधिक साइकिल मंगवाई गई थी. जिसमें 150 साइकिल बांट दी गई थी और बाकी 150 गिरिडीह और बोकारो जिले के लिए थे. लेकिन गिरिडीह के अभी 70 से अधिक साइकिल धूल फांक रही है और यही पड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही है.
सहिया कार्यक्रम के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार केंद्र सरकार को इसके बारे में बताया. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया कि कुछ दिनों में साइकिल ले जाया जाएगा. लेकिन अभी तक साइकिल यूं ही पड़ी हुई है. वहीं, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि उनके संज्ञान में अभी ये बात आई है. साथ ही ये भी कहा कि इसपर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.