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प्रशासनिक लापरवाही के कारण सहिया को नहीं मिली साइकिल, धीरे-धीरे कबाड़ में हो रही तब्दील

हजारीबाग में पिछले 6 साल पहले 300 से अधिक साइकिल मंगवाई गई थी. जिसमें 150 साइकिल बांट दी गई थी और बाकी 150 गिरिडीह और बोकारो जिले के लिए थे. लेकिन गिरिडीह के अभी 70 से अधिक साइकिल धूल फांक रही है और यही पड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही है.

जानकारी देते रामचंद्र चंद्रवंशी
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Published : Feb 22, 2019, 9:44 PM IST

हजारीबाग: जिले में सरकारी पैसे का दुरूपयोग का मामला सामने आया है. जहां पिछले 6 साल से अधिक समय से सहिया को बांटने के लिए आई साइकिल धूल फांक रही है. इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है और सरकार भी अनभिज्ञ है.

बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया एक ऐसी महिला होती है, जिसके कंधे पर स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेवारी रहती है. इन महिलाओं को सरकार ने साइकिल देने का प्रावधान रखा है. ताकि सहिया साइकिल से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा सके. लेकिन साइकिल प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनको नहीं मिल पा रही है.

जानकारी देते रामचंद्र चंद्रवंशी

हजारीबाग में पिछले 6 साल पहले 300 से अधिक साइकिल मंगवाई गई थी. जिसमें 150 साइकिल बांट दी गई थी और बाकी 150 गिरिडीह और बोकारो जिले के लिए थे. लेकिन गिरिडीह के अभी 70 से अधिक साइकिल धूल फांक रही है और यही पड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही है.

सहिया कार्यक्रम के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार केंद्र सरकार को इसके बारे में बताया. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया कि कुछ दिनों में साइकिल ले जाया जाएगा. लेकिन अभी तक साइकिल यूं ही पड़ी हुई है. वहीं, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि उनके संज्ञान में अभी ये बात आई है. साथ ही ये भी कहा कि इसपर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

हजारीबाग: जिले में सरकारी पैसे का दुरूपयोग का मामला सामने आया है. जहां पिछले 6 साल से अधिक समय से सहिया को बांटने के लिए आई साइकिल धूल फांक रही है. इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है और सरकार भी अनभिज्ञ है.

बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया एक ऐसी महिला होती है, जिसके कंधे पर स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेवारी रहती है. इन महिलाओं को सरकार ने साइकिल देने का प्रावधान रखा है. ताकि सहिया साइकिल से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा सके. लेकिन साइकिल प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनको नहीं मिल पा रही है.

जानकारी देते रामचंद्र चंद्रवंशी

हजारीबाग में पिछले 6 साल पहले 300 से अधिक साइकिल मंगवाई गई थी. जिसमें 150 साइकिल बांट दी गई थी और बाकी 150 गिरिडीह और बोकारो जिले के लिए थे. लेकिन गिरिडीह के अभी 70 से अधिक साइकिल धूल फांक रही है और यही पड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही है.

सहिया कार्यक्रम के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार केंद्र सरकार को इसके बारे में बताया. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया कि कुछ दिनों में साइकिल ले जाया जाएगा. लेकिन अभी तक साइकिल यूं ही पड़ी हुई है. वहीं, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि उनके संज्ञान में अभी ये बात आई है. साथ ही ये भी कहा कि इसपर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

Intro:सरकारी पैसा का दुरुपयोग का मामला हजारीबाग में सामने आया है ।जहां पिछले 6 साल से अधिक समय से सईया को बांटने के लिए आया साइकिल धूल फांक रहा है। ना प्रशासन को इसकी जानकारी है और सरकार अनभिज्ञ है ।यह कहना गलत नहीं होगा कि लापरवाही के कारण सरकारी योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही है।


Body:ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया एक ऐसी महिला होती है जिसके कांधे में स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेवारी रहती है ।इन महिलाओं को सरकार ने साइकिल देने का प्रावधान रखा है। ताकि वह महिला साइकिल से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा सके ।लेकिन गिरिडीह में यह सरकारी सुविधा प्रशासनिक लापरवाही के कारण नहीं मिल पा रही है। हजारीबाग में पिछले 6 साल पहले 300 से अधिक साइकिल बांटने के लिए आई थी। जिसमें 150 साइकिल हजारीबाग में बांट दिया गया। शेष 150 गिरिडीह और बोकारो जिले के थे। बोकारो अपना साइकिल ले गया ।लेकिन गिरिडीह के अभी 70 से अधिक साइकिल धूल फांक रही है ।ऐसे में जो सुविधा सहीया को मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पा रही है ।और योजना प्रभावित हो रही है। हजारीबाग सदर अस्पताल परिसर में यह साइकिल पिछले6- 7 साल से पढ़ा हुआ है। और अब यह साइकिल का कबाड़ बनता जा रहा है ।इस साइकिल में झारखंड सरकार का मुहर भी लगा हुआ है, तो साइकिल पर सहिया लिखा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने यह साइकिल बांटने को दिया था। इस बाबत जिला कोऑर्डिनेटर से बात किया गया तो कहा कि कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन किसी भी तरह का जवाब नहीं मिला है ।इस कारण से साईकल पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि टेलीफोन के जरिए भी बातचीत की गई है और आश्वासन दिया है कि कुछ दिनों में ले जाया जाएगा लेकिन साल महीने बीतते चले गए और सामान पड़ा का पड़ा रह गया ।ऐसे में यह साइकिल अब खराब हो रही। वहीं झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि संज्ञान में आई है कार्रवाई की जाएगी।

byte... मुकेश कुमार डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सहिया कार्यक्रम
byte... रामचंद्र चंद्रवंशी स्वास्थ्य मंत्री झारखंड सरकार


Conclusion:निसंदेह सरकार की ना जाने कितने पैसे प्रशासनिक लापरवाही के कारण बर्बाद हो जाते हैं ।अब यह देखने वाली बात होगी प्रशासन की नींद कब खुलती है कब साइकल सहिया को मिल पाता है।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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