ETV Bharat / state

शौचालय में रहने को मजबूर सहदेव, घर नहीं होने के कारण पत्नी और बच्चों ने भी छोड़ा साथ

Sahdev forced to live in toilet. हजारीबाग के दारू प्रखंड में एक व्यक्ति शौचालय में रहने को मजबूर है. घर नहीं होने के कारण उसकी पत्नी और बच्चों ने भी उसका साथ छोड़ दिया. सहदेव नाम के इस व्यक्ति को ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल पाया है और ना ही अबुआ आवास का.

Sahdev forced to live in toilet
Sahdev forced to live in toilet
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 15, 2023, 9:30 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 9:43 PM IST

शौचालय में रहने को मजबूर सहदेव

हजारीबाग: गरीबी मजबूरी और लाचारी क्या होती है अगर जानना है तो सहदेव राम से पूछिए, जो आवास के अभाव में अपना सिर शौचालय में छिपा रहे हैं. सुनने में तो अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह सच्चाई है. हजारीबाग जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में सहदेव राम स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय में पिछले 6 सालों से रह रहे हैं और सिस्टम को इस बात का जानकारी भी नहीं.

देश में प्रधानमंत्री आवास योजना है, इसके अलावा झारखंड में भी अबुआ आवास योजना चलाई जा रही है. इसमें बेघरों को घर देने की बात कही जा रही है. लेकिन फिर भी सिस्टम में खामियों की वजह से सहदेव राम जैसे लोगों को घर नहीं मिल पा रहा है और वे शौचालय में रहने को विवश हैं. एक ओर इन दोनों आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ताकि कोई भी वैसा लाभुक नहीं छूटे जो योजना का हकदार है. दूसरी ओर केंद्र सरकार की तरफ से विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली जा रही है जिसमें केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानकारी दि जा रही है. लेकिन यह सिस्टम की ही बेरुखी है कि सहदेव राम शौचालय में रहने को विवश हैं.

शौचालय में ही सहवेद की रसोई है और यही पर वे चादर बिछाकर अपनी रातें भी गुजारते हैं. घर नहीं होने के कारण उसकी पत्नी और बच्चे ने भी उसका साथ छोड़ चुकी हैं. उसकी पत्नी अपने मायके इचाक देवकुली में रह रही है. सहदेव बताते हैं कि घर नहीं है इस यही कारण है कि परिवार को साथ में रखना संभव नहीं था, इस कारण ही परिवार दूर चला गया. वह कहते हैं की आवास दिलाने के नाम पर मुखिया से लेकर पदाधिकारी ने आश्वासन दिया लेकिन घर नहीं मिला.

इस मामले में बीडीओ मनीष कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है. कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपना पद संभाला है इस बारे में वह इसकी और जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि वरीय अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा भी हुई है. बहुत जल्द उसे आवास दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह बाहर का रहने वाला है और वर्तमान में दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में रह रहा है. इस कारण उसका नाम लिस्ट में नहीं आ पाया है. उसे हर संभव मदद कर आवास की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए प्रयास भी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:

सोनिया धीवर का शौचालय में ही है 'घर', जानिए विधवा सोनिया धीवर की पूरी कहानी

2 सालों से शौचालय में वृद्ध महिला रहने को मजबूर, नहीं मिला कोई आशियाना

शौचालय में रहने को मजबूर सहदेव

हजारीबाग: गरीबी मजबूरी और लाचारी क्या होती है अगर जानना है तो सहदेव राम से पूछिए, जो आवास के अभाव में अपना सिर शौचालय में छिपा रहे हैं. सुनने में तो अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह सच्चाई है. हजारीबाग जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में सहदेव राम स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय में पिछले 6 सालों से रह रहे हैं और सिस्टम को इस बात का जानकारी भी नहीं.

देश में प्रधानमंत्री आवास योजना है, इसके अलावा झारखंड में भी अबुआ आवास योजना चलाई जा रही है. इसमें बेघरों को घर देने की बात कही जा रही है. लेकिन फिर भी सिस्टम में खामियों की वजह से सहदेव राम जैसे लोगों को घर नहीं मिल पा रहा है और वे शौचालय में रहने को विवश हैं. एक ओर इन दोनों आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ताकि कोई भी वैसा लाभुक नहीं छूटे जो योजना का हकदार है. दूसरी ओर केंद्र सरकार की तरफ से विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली जा रही है जिसमें केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानकारी दि जा रही है. लेकिन यह सिस्टम की ही बेरुखी है कि सहदेव राम शौचालय में रहने को विवश हैं.

शौचालय में ही सहवेद की रसोई है और यही पर वे चादर बिछाकर अपनी रातें भी गुजारते हैं. घर नहीं होने के कारण उसकी पत्नी और बच्चे ने भी उसका साथ छोड़ चुकी हैं. उसकी पत्नी अपने मायके इचाक देवकुली में रह रही है. सहदेव बताते हैं कि घर नहीं है इस यही कारण है कि परिवार को साथ में रखना संभव नहीं था, इस कारण ही परिवार दूर चला गया. वह कहते हैं की आवास दिलाने के नाम पर मुखिया से लेकर पदाधिकारी ने आश्वासन दिया लेकिन घर नहीं मिला.

इस मामले में बीडीओ मनीष कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है. कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपना पद संभाला है इस बारे में वह इसकी और जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि वरीय अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा भी हुई है. बहुत जल्द उसे आवास दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह बाहर का रहने वाला है और वर्तमान में दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में रह रहा है. इस कारण उसका नाम लिस्ट में नहीं आ पाया है. उसे हर संभव मदद कर आवास की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए प्रयास भी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:

सोनिया धीवर का शौचालय में ही है 'घर', जानिए विधवा सोनिया धीवर की पूरी कहानी

2 सालों से शौचालय में वृद्ध महिला रहने को मजबूर, नहीं मिला कोई आशियाना

Last Updated : Dec 15, 2023, 9:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.