हजारीबाग: कोरोना संक्रमण की पहली लहर से लोग उबरे भी नहीं थे कि दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है. दूसरी लहर में रोज कमाने खाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इनमें घरेलू सेवाओं जैसे उपकरणों की मरम्मत, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक सामान, प्लंबर से जुड़े लोगों के अलावा ठेला लगाने वाले, ऑटो चालक शामिल हैं, जिनका रोजगार ठप होने से ये परेशान हैं. झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 3 जून तक बढ़ाया गया है. लोगों को उम्मीद है कि अब लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ेगा और इसके बाद धीरे-धीरे कारोबार पटरी पर लौटेगा.
मंदा गया सीजन, पूरा साल कैसे कटेगा अब इसकी चिंता
हजारीबाग के एसी मैकेनिक मोहम्मद मेराज बताते हैं कि कोरोना काल में हालत बदतर हो चुकी है. पहले दूसरे के घर जाने में डर लगता था लेकिन अब तो ऐसा है कि लोग ही घर के अंदर नहीं आने देते हैं. लोगों को लगता है कि टेक्नीशियन संक्रमित हो सकता है. ऐसी स्थिति में दोहरी मार पड़ रही है. जिन लोगों के घर में कोई उपकरण खराब भी है तो कोरोना के डर से लोग मरम्मत नहीं करा रहे हैं. संक्रमण के दौरान कोई काम नहीं मिल रहा है. चूंकि, गर्मी के महीने में ही एसी का काम होता है और एक सीजन में इतना पैसा कमा लेते थे कि पूरे साल कोई दिक्कत नहीं होती थी. ऐसे में अब पूरा साल कैसे कटेगा यह बड़ी चुनौती है.
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प्लंबर का काम नहीं...तो इससे जुड़े कारोबार भी ठप
प्लंबर से जुड़े कारोबारी बताते हैं कि पिछले एक महीने से दुकान बंद है. सरकार ने दुकान खोलने की इजाजत तो दी है लेकिन संक्रमण के डर से दुकान नहीं खोल रहे हैं. प्लबंर का कारोबार तभी चलेगा जब प्लंबर काम करने जाएगा. प्लंबर अगर काम करने नहीं जाता है तो हमारा कारोबार ठप रहेगा. सामान नहीं बिकेगा तो घर चलाना मुश्किल हो जाएगा. कोरोना काल में स्थिति हर दिन खराब होती जा रही है. प्लंबर का काम करने वाले लोग भी गांव चले गए हैं. जो शहर में हैं उनमें ज्यादातर लोग काम करने नहीं जा रहे हैं.
बिजली के काम से जुड़े अमन कुमार सिंह बताते हैं कि शहर में बहुत कम दुकान खुली हैं. लोग सामान भी कम ही खरीदने आते हैं. बिजली के ज्यादातर सामान तब बिकते हैं जब कोई नया मकान बना रहा हो. कोरोना काल में निर्माण संबंधी काम भी न के बराबर हो रहा है या कम हो रहा है. संक्रमण के चलते लोग घरों में भी बुलाना नहीं चाहते. आर्थिक गतिविधियां कम होने से काफी परेशानी बढ़ गई है. आर्थिक रूप से परेशानी तो हुई ही और अब तो घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है.
संक्रमण के चलते मैकेनिक को घर नहीं बुलाना चाहते लोग
हजारीबाग के अखौरी प्रवीण का कहना है कि घर में कुछ उपकरण खराब हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से टेक्नीशियन को घर नहीं बुला रहे हैं. मैकेनिक कई घरों में जाते हैं और ऐसे में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है. कौन कहां जा रहा है इसकी जानकारी नहीं होती है. ऐसे में अभी सावधानी बरतनी जरूरी है. जब संक्रमण कम हो जाएगा तब मैकेनिक को घर बुलाएंगे. ऐसे लोगों को ही बुलाएंगे जिन्होंने कोरोना वैक्सीन ले लिया है. कोरोना की दूसरी लहर में हर शख्स परेशान है. पहले कहा जाता था कि जिसके हाथ में हुनर है उन्हें दिक्कत नहीं होगी. लेकिन मुश्किल समय में हुनर वाले भी दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हैं.