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हजारीबाग: अपनी 6 एकड़ जमीन पर कोई फैक्ट्री नहीं फलदार वृक्ष के पौधे लगा रहे कैलाशपति, प्रदुषण मुक्त होगा वातावरण

अगर किसी व्यक्ति के पास ज्याद जमीन होती है तो वो उस जमीन पर फैक्ट्री या कोई बड़ा व्यापार करने की योजना बनाता है, ताकि कुछ ज्यादा कमाई कर सके, लेकिन हजारीबाग के दारू प्रखंड के रहने वाले कैलाशपति देव अपनी परती पड़ी जमीन पर हरित फैक्ट्री लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी कोशिश को मनरेगा योजना ने सहयोग दिया है.

हजारीबाग: 6 एकड़ जमीन पर लग रहे हैं फलदार वृक्ष
Plantation started on 6 acres land in Hazaribag
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Published : Jul 15, 2020, 4:52 AM IST

Updated : Jul 15, 2020, 5:54 AM IST

हजारीबाग: वैसे व्यक्ति जिनके पास गांव में अधिक जमीन रहता है तो वह फैक्ट्री या फिर अन्य कुछ व्यापार करने की योजना बनाते हैं, लेकिन हजारीबाग के दारू प्रखंड के रहने वाले कैलाशपति देव अपनी परती पड़ी जमीन पर हरित फैक्ट्री लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी कोशिश को मनरेगा योजना ने सफलता दिया है.

देखें स्पेशल खबर

6 एकड़ जमीन पर लगा रहा फलदार वृक्ष

समाज में कई तरह के लोग रहते हैं. हर व्यक्ति पैसा कमाने की लालसा रखता है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास काफी जमीन हो तो वह चाहता है कि वहां फैक्ट्री लगाएं और बहुत ज्यादा पैसा कमाए, लेकिन हजारीबाग के दारु के रहने वाले कैलाशपति देव ने अपनी जमीन पर फैक्ट्री नहीं, बल्कि पेड़ों की फैक्ट्री लगाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने अपने 6 एकड़ जमीन पर फलदार वृक्ष समेत भवन निर्माण में जो लकड़ियां काम आती है, उसके पेड़ लगवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-बिहार BJP कार्यालय में कोरोना विस्फोट, राधामोहन शर्मा समेत 30 नेता कोरोना पॉजिटिव

बुढ़ापे का वृद्धा पेंशन बनकर उभरेगा यह योजना

कैलाशपति देव का कहना है कि ये वृक्ष उनके बच्चों को फल तो देगा ही, साथ ही साथ उनके बुढ़ापे का वृद्धा पेंशन भी बनकर उभरेगा. जब फल तैयार हो जाएंगे तो उस फल को वह बाजार में बेचेंगे और उससे पैसे आएंगे. उन्होंने बताया कि 6 एकड़ जमीन में पेड़ लगाया है. इससे समझा जा सकता है कि फल भी कितना ज्यादा मिलेगा. कैलाशपति का यह भी कहना है कि उन्होंने पहले पेड़ लगाने के लिए कई दफ्तरों का चक्कर काटा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब मनरेगा के तहत उनके जमीन पर पेड़ लगाया जा रहा है.

पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए बड़ा कदम

इस वृक्षारोपन में रोजगार सेवक अनिता कुमारी भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. उनका कहना है कि कैलाशपति यादव ने अपने 6 एकड़ जमीन पर फलदार वृक्ष लगाया है. इससे जमीन मालिक को तो फायदा होगा ही, साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को स्वच्छ हवा और भविष्य में फल भी प्राप्त होगा. मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर कहते हैं कि उन लोगों को मजदूरी तो मिल रही है, लेकिन जब उन्होंने सुना कि जमीन मालिक हरित फैक्ट्री लगाना चाहते हैं तो वे लोग भी भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि यह स्कीम सफल हो जाए. हरित फैक्ट्री की परिकल्पना पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए एक बड़ा कदम माना जा सकता है. जरूरत है हर एक व्यक्ति को कैलाशपति से सीख लेने की.

हजारीबाग: वैसे व्यक्ति जिनके पास गांव में अधिक जमीन रहता है तो वह फैक्ट्री या फिर अन्य कुछ व्यापार करने की योजना बनाते हैं, लेकिन हजारीबाग के दारू प्रखंड के रहने वाले कैलाशपति देव अपनी परती पड़ी जमीन पर हरित फैक्ट्री लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी कोशिश को मनरेगा योजना ने सफलता दिया है.

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6 एकड़ जमीन पर लगा रहा फलदार वृक्ष

समाज में कई तरह के लोग रहते हैं. हर व्यक्ति पैसा कमाने की लालसा रखता है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास काफी जमीन हो तो वह चाहता है कि वहां फैक्ट्री लगाएं और बहुत ज्यादा पैसा कमाए, लेकिन हजारीबाग के दारु के रहने वाले कैलाशपति देव ने अपनी जमीन पर फैक्ट्री नहीं, बल्कि पेड़ों की फैक्ट्री लगाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने अपने 6 एकड़ जमीन पर फलदार वृक्ष समेत भवन निर्माण में जो लकड़ियां काम आती है, उसके पेड़ लगवा रहे हैं.

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बुढ़ापे का वृद्धा पेंशन बनकर उभरेगा यह योजना

कैलाशपति देव का कहना है कि ये वृक्ष उनके बच्चों को फल तो देगा ही, साथ ही साथ उनके बुढ़ापे का वृद्धा पेंशन भी बनकर उभरेगा. जब फल तैयार हो जाएंगे तो उस फल को वह बाजार में बेचेंगे और उससे पैसे आएंगे. उन्होंने बताया कि 6 एकड़ जमीन में पेड़ लगाया है. इससे समझा जा सकता है कि फल भी कितना ज्यादा मिलेगा. कैलाशपति का यह भी कहना है कि उन्होंने पहले पेड़ लगाने के लिए कई दफ्तरों का चक्कर काटा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब मनरेगा के तहत उनके जमीन पर पेड़ लगाया जा रहा है.

पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए बड़ा कदम

इस वृक्षारोपन में रोजगार सेवक अनिता कुमारी भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. उनका कहना है कि कैलाशपति यादव ने अपने 6 एकड़ जमीन पर फलदार वृक्ष लगाया है. इससे जमीन मालिक को तो फायदा होगा ही, साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को स्वच्छ हवा और भविष्य में फल भी प्राप्त होगा. मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर कहते हैं कि उन लोगों को मजदूरी तो मिल रही है, लेकिन जब उन्होंने सुना कि जमीन मालिक हरित फैक्ट्री लगाना चाहते हैं तो वे लोग भी भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि यह स्कीम सफल हो जाए. हरित फैक्ट्री की परिकल्पना पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए एक बड़ा कदम माना जा सकता है. जरूरत है हर एक व्यक्ति को कैलाशपति से सीख लेने की.

Last Updated : Jul 15, 2020, 5:54 AM IST

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