हजारीबागः झारखंड में कोरोना संक्रमण लगातार फैल रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट करा रहे हैं. कोरोना का एकुरेट पता लगाने के लिए सीटी-स्कैन कराने वालों की संख्या भी बढ़ गई है. स्थिति यह है कि शहर के सीटी-स्कैन सेंटर पर जहां इक्का-दुक्का सीटी-स्कैन होता था, वहां अभी एक दिन में 50 से 100 लोग पहुंच रहे हैं.
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बेवजह सीटी स्कैन बन सकता है परेशानी का सबब
वरीय चिकित्सकों का कहना है कि बेवजह सीटी-स्कैन करना जीवन के लिए खतरनाक है. बार-बार सीटी-स्कैन करने पर गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ संदीप गुलेरिया ने इसको लेकर चेतावनी भी दी है. हजारीबाग में भी लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए सीटी-स्कैन करवाने पहुंच रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है. हजारीबाग सिविल सर्जन कहते है कि सीटी-स्कैन का मापदंड है. आवश्यकता पड़ती है तो मरीज को सीटी-स्कैन कराने के लिए सलाह देते हैं, ताकि लंग्स का इन्फेक्शन देख सकें.
मापदंड के अनुरूप करते हैं सीटी-स्कैन
सीटी-स्कैन सेंटर के लैब टेक्नीशियन बताते हैं कि कई ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो खुद टेस्ट कराने के लिए इच्छुक हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि वे जब तक डॉक्टर का पर्ची नहीं रहती, तब तक सीटी-स्कैन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक टेस्ट है और बिना डॉक्टर की सलाह के इसे कराने की जरूरत नहीं होती है.
डॉक्टर के सलाह पर कराएं सीटी-स्कैन
अगर कोरोना वायरस के हल्के लक्ष्ण हैं, तो सीटी-स्कैन की कोई जरूरत नहीं है. मामूली रूप से संक्रमित होने पर सीटी-स्कैन के बदले आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट कराएं.