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DC का फरमान, नियमों का पालन नहीं करने पर एक हजार पेड़ लगाने का मिलेगा दंड

हजारीबाग जिले के नवनियुक्त उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की, इस बैठक में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण संबधी जैसी मुद्दों पर चर्चा की. इसके अलावा उन्होंने नियमों का पालन न करने वालों पर 1 हजार पेड़ लगाने के दंड की भी बात की

जल है तो कल है
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Published : Jul 2, 2019, 7:31 PM IST

हजारीबाग: नवनियुक्त उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कार्यभाल संभालने के साथ ही अधिकारियों के साथ बैठक की. अपनी पहली बैठक उन्होंने पर्यावरण संतुलन पर बात की. उपायुक्त ने भू-जल स्तर में गिरावट को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए. इस बैठक में उप विकास आयुक्त, एसडीओ समेत कई विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे.

देखें पूरी खबर

बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि पानी की किल्लत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जल स्तर में गिरावट सबों के लिए एक गंभीर समस्या है. इसका निदान भी सामूहिक भागीदारी से ही संभव है. उन्होंने कहा कि खेतों का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में ही संचित करने की जरुरत है.


भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि बारिश के पानी के संचयन के लिए खेतों की मेढ़, चेकडैम का निर्माण, तालाबों की खुदाई और सफाई, वृक्षारोपण एवं जलाशयों का निर्माण जरूरी है. उन्होंने हजारीबाग जिले के सभी लोगों से आह्वान किया कि 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक चल रहे अभियान में अधिक से अधिक भागीदारी कर इसे जन आंदोलन का स्वरूप दें.

उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर वृक्ष लगायें, जिससे छात्रों के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हर सरकारी भवन के चारदीवारी के किनारे, हर एक कर्मचारी को कम से कम 10 नए पेड़ लगाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: जल संचय अभियान की तैयारियों में जुटा प्रशासन, सभी पंचायतों में चलाया जाएगा विशेष अभियान

जिले के उपायुक्त ने कहा कि जो व्यक्ति जल संरक्षण के बनाए हुए नियम का पालन नहीं करेगा, उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है. प्रारंभिक दौर में दंड के रूप में एक हजार पेड़ लगवाएं जाएगें ताकि लोगों को समझ में आए पर्यावरण संतुलित रखना कितना आवश्यक है और जल संरक्षण मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संतुलित रखना और भू-जल स्तर को ठीक करना अत्यंत आवश्यक है, नहीं तो आने वाले समय में पेयजल एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी.

हजारीबाग: नवनियुक्त उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कार्यभाल संभालने के साथ ही अधिकारियों के साथ बैठक की. अपनी पहली बैठक उन्होंने पर्यावरण संतुलन पर बात की. उपायुक्त ने भू-जल स्तर में गिरावट को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए. इस बैठक में उप विकास आयुक्त, एसडीओ समेत कई विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे.

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बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि पानी की किल्लत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जल स्तर में गिरावट सबों के लिए एक गंभीर समस्या है. इसका निदान भी सामूहिक भागीदारी से ही संभव है. उन्होंने कहा कि खेतों का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में ही संचित करने की जरुरत है.


भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि बारिश के पानी के संचयन के लिए खेतों की मेढ़, चेकडैम का निर्माण, तालाबों की खुदाई और सफाई, वृक्षारोपण एवं जलाशयों का निर्माण जरूरी है. उन्होंने हजारीबाग जिले के सभी लोगों से आह्वान किया कि 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक चल रहे अभियान में अधिक से अधिक भागीदारी कर इसे जन आंदोलन का स्वरूप दें.

उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर वृक्ष लगायें, जिससे छात्रों के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हर सरकारी भवन के चारदीवारी के किनारे, हर एक कर्मचारी को कम से कम 10 नए पेड़ लगाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: जल संचय अभियान की तैयारियों में जुटा प्रशासन, सभी पंचायतों में चलाया जाएगा विशेष अभियान

जिले के उपायुक्त ने कहा कि जो व्यक्ति जल संरक्षण के बनाए हुए नियम का पालन नहीं करेगा, उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है. प्रारंभिक दौर में दंड के रूप में एक हजार पेड़ लगवाएं जाएगें ताकि लोगों को समझ में आए पर्यावरण संतुलित रखना कितना आवश्यक है और जल संरक्षण मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संतुलित रखना और भू-जल स्तर को ठीक करना अत्यंत आवश्यक है, नहीं तो आने वाले समय में पेयजल एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी.

Intro:कार्य संभालने के साथ ही हजारीबाग के नवनियुक्त उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक किया ।पहली बैठक पर्यावरण संतुलन से जुड़ी रही है।


Body: उपायुक्त भूजल स्तर में गिरावट को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया ।इस बैठक में उप विकास आयुक्त, एसडीओ समेत कई विभाग के आला अधिकारी उपस्थित रहे ।उन्होंने कहा कि पानी की किल्लत से जीवन की तबाही हो रही है।जल स्तर में गिरावट हम सबों के लिए एक गंभीर समस्या है ।इसका निदान भी सामूहिक भागीदारी से संभव है ।जरूरत है कि खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में संचित की जाए। बारिश के पानी के संचयन के लिए खेतों की मेढ, चेकडैम का निर्माण ,तालाबों की खुदाई एवं सफाई, वृक्षारोपण एवं जलाशयों का निर्माण जरूरी है। उन्होंने हजारीबाग जिले के सभी लोगों से आह्वान किया कि 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक चल रहे अभियान में अधिक से अधिक भागीदारी कर इसे जन आंदोलन का स्वरूप दें।

उन्होंने विद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर वृक्ष लगाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि हर सरकारी भवन के चारदीवारी के किनारे हर एक कर्मचारी को 10 वर्ष लगाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति जल संरक्षण के बनाए हुए नियम का पालन नहीं करेगा, उस पर कार्रवाई भी करें। प्रारंभिक दौर में दंड के रूप में एक हजार पेड़ लगाएं। ताकि लोगों को समझ में आए पर्यावरण संतुलित रखना कितना आवश्यक है और जल संरक्षण मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

byte.... भुवनेश कुमार सिंह उपायुक्त हजारीबाग


Conclusion:वर्तमान समय में पर्यावरण संतुलित रखना और भू जल स्तर को ठीक करना अत्यंत आवश्यक है ।नहीं तो आने वाले समय में पेयजल एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी। ऐसे में हर एक को आगे बढ़कर इस योजना का हिस्सा बनना चाहिए।
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