हजारीबाग: सूचना भवन सभागार में मैराथन बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे विकास योजनाओं की वर्तमान प्रगति को लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की गई. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर खाका तैयार किया गया. 80 करोड़ रूपए पेयजल आपूर्ति में भी खर्च करने की बात कही गई.
जिला उपायुक्त का क्या है कहना
मौके पर उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन हजारीबाग के सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और गांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. जहां के निवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर जिला प्रशासन विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. जागरूकता अभियान से क्षेत्र में अधिक योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.
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जिला डीडीसी का क्या है कहना
बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डीडीसी विजया जाधव ने बताया कि 3 प्रकार के फंड विकास कार्य के लिए दिए जाते हैं. जिसमें डीएफ, डीएमएफटी प्रधानमंत्री खनिज कल्याण निधि से मिलता है, एससीए का फंड मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस और सीएसआर का फंड कॉर्पोरेट सेक्टर से मिलता है. इन तीनों का उपयोग विकास कार्य के लिए किया जाता है, लेकिन, किस विकास कार्य के लिए कौन से फंड का उपयोग किया जाए यह महत्वपूर्ण होता है. इस मुद्दे को लेकर फैसला लिया गया कि डीएमएफटी का उपयोग किया जाएगा.
14वें वित्त आयोग में हर मुखिया को 5 लाख रूपए सोलर आधारित जल मीनार बनाने के लिए फंड दिया गया है. सभी 257 पंचायतों में जल मीनार बनाया जाएगा. साथ ही सुदूर क्षेत्रों में भी 532 ट्राइबल क्षेत्र में 7 जल मीनार बनाए जाएंगे. इसके अलावा भी जिले के कई क्षेत्रों में जलमीनार बनाया जाएगा, जिनकी संख्या लगभग 2 हजार होगी.