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हजारीबाग में विकास योजनाओं की मैराथन समीक्षा, 80 करोड़ को होगा निवेश

हजारीबाग में सूचना भवन सभागार में मैराथन बैठक की गई. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्य की समीक्षा को लेकर चर्चा की गई. बैठक में उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह, उप विकास आयुक्त विजया जाधव समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

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Published : Aug 20, 2019, 9:26 AM IST

हजारीबाग सूचना भवन सभागार में की गई मैराथन बैठक

हजारीबाग: सूचना भवन सभागार में मैराथन बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे विकास योजनाओं की वर्तमान प्रगति को लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की गई. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर खाका तैयार किया गया. 80 करोड़ रूपए पेयजल आपूर्ति में भी खर्च करने की बात कही गई.

देखें पूरी खबर


जिला उपायुक्त का क्या है कहना
मौके पर उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन हजारीबाग के सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और गांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. जहां के निवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर जिला प्रशासन विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. जागरूकता अभियान से क्षेत्र में अधिक योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.

ये भी पढ़ें- AIIMS में सीएम रघुवर दास ने अरुण जेटली की तबीयत का जाना हाल, आज पीएम मोदी और अमित शाह से करेंगे मुलाकात


जिला डीडीसी का क्या है कहना
बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डीडीसी विजया जाधव ने बताया कि 3 प्रकार के फंड विकास कार्य के लिए दिए जाते हैं. जिसमें डीएफ, डीएमएफटी प्रधानमंत्री खनिज कल्याण निधि से मिलता है, एससीए का फंड मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस और सीएसआर का फंड कॉर्पोरेट सेक्टर से मिलता है. इन तीनों का उपयोग विकास कार्य के लिए किया जाता है, लेकिन, किस विकास कार्य के लिए कौन से फंड का उपयोग किया जाए यह महत्वपूर्ण होता है. इस मुद्दे को लेकर फैसला लिया गया कि डीएमएफटी का उपयोग किया जाएगा.

14वें वित्त आयोग में हर मुखिया को 5 लाख रूपए सोलर आधारित जल मीनार बनाने के लिए फंड दिया गया है. सभी 257 पंचायतों में जल मीनार बनाया जाएगा. साथ ही सुदूर क्षेत्रों में भी 532 ट्राइबल क्षेत्र में 7 जल मीनार बनाए जाएंगे. इसके अलावा भी जिले के कई क्षेत्रों में जलमीनार बनाया जाएगा, जिनकी संख्या लगभग 2 हजार होगी.

हजारीबाग: सूचना भवन सभागार में मैराथन बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे विकास योजनाओं की वर्तमान प्रगति को लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की गई. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर खाका तैयार किया गया. 80 करोड़ रूपए पेयजल आपूर्ति में भी खर्च करने की बात कही गई.

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जिला उपायुक्त का क्या है कहना
मौके पर उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन हजारीबाग के सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और गांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. जहां के निवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर जिला प्रशासन विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. जागरूकता अभियान से क्षेत्र में अधिक योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.

ये भी पढ़ें- AIIMS में सीएम रघुवर दास ने अरुण जेटली की तबीयत का जाना हाल, आज पीएम मोदी और अमित शाह से करेंगे मुलाकात


जिला डीडीसी का क्या है कहना
बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डीडीसी विजया जाधव ने बताया कि 3 प्रकार के फंड विकास कार्य के लिए दिए जाते हैं. जिसमें डीएफ, डीएमएफटी प्रधानमंत्री खनिज कल्याण निधि से मिलता है, एससीए का फंड मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस और सीएसआर का फंड कॉर्पोरेट सेक्टर से मिलता है. इन तीनों का उपयोग विकास कार्य के लिए किया जाता है, लेकिन, किस विकास कार्य के लिए कौन से फंड का उपयोग किया जाए यह महत्वपूर्ण होता है. इस मुद्दे को लेकर फैसला लिया गया कि डीएमएफटी का उपयोग किया जाएगा.

14वें वित्त आयोग में हर मुखिया को 5 लाख रूपए सोलर आधारित जल मीनार बनाने के लिए फंड दिया गया है. सभी 257 पंचायतों में जल मीनार बनाया जाएगा. साथ ही सुदूर क्षेत्रों में भी 532 ट्राइबल क्षेत्र में 7 जल मीनार बनाए जाएंगे. इसके अलावा भी जिले के कई क्षेत्रों में जलमीनार बनाया जाएगा, जिनकी संख्या लगभग 2 हजार होगी.

Intro:हजारीबाग में सूचना भवन सभागार में विकास कार्य जो क्षेत्र में चल रहे हैं उसके समीक्षा को लेकर मैराथन बैठक किया गया ।इस बैठक में उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह उप विकास आयुक्त विजया जाधव समेत कई पदाधिकारी उपस्थित रहे ।खासकर बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्र और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कैसे हो इसे लेकर खाका तैयार किया गया । 80 करोड रुपैया पेयजल आपूर्ति में खर्च करने की बात कही गई।


Body:बैठक पर फोकस एरिया में चल रहे विकास योजनाओं की वर्तमान प्रगति को लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की गई। मौके पर उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन हजारीबाग के वैसे सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और गांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध है ।जहां के निवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर जिला प्रशासन विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। ताकि वे क्षेत्र से अधिक योजनाओं का लाभ मिल सकें। मौके पर उन्होंने योजनाओं की विभाग बार चर्चा की गई।

बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डीडीसी विजय जाधव ने बताया कि 3 तरह के फंड विकास कार्य के लिए दिए जाते हैं। जिसमें डीएफ डीएमएफटी प्रधानमंत्री खनिज कल्याण निधि से मिलता है , एससीए का फंड मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस सीएसआर का फंड कॉरपोरेट जगत से मिलता है ।इन तीनों का उपयोग विकास कार्य किया जाता है। लेकिन किस विकास कार्य के लिए कौन सा फंड का उपयोग किया जाए यह महत्वपूर्ण होता है। इस बात की चर्चा बैठक में किया गया और फैसला लिया गया डीएमएफटी का उपयोग किया जाएगा।

byte... विजया जाधव उप विकास आयुक्त हजारीबाग




Conclusion:14वें वित्त आयोग में हर मुखिया को 5 लाख रुपैया सोलर आधारित जल मीनार बनाने के लिए फंड दिया गया है। ऐसे में 257 पंचायत हैं। सभी पंचायतों में जल मीनार बनाया जाएगा sc-st क्षेत्र में 532 ट्राईबल क्षेत्र में 7 जल मीनार बनाए जाएंगे। इसके अलावा भी जिले के कई क्षेत्रों में जल मीनार बनाया जाएगा। जिनकी संख्या लगभग 2,000 होगी ताकि पेयजल की समस्या क्षेत्र में ना हो।
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