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हजारीबाग में 10वीं और 11वीं सदी के कई ऐतिहासिक धरोहर मिले, प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया महत्व - भारतीय पुरातत्व विभाग

हजारीबाग के बहोरनपुर का सीतागढ़ा ऐतिहासिक क्षेत्र के रूप में पूरे देश भर में देखा जा रहा है, जहां 10वीं और 11वीं सदी के कई ऐतिहासिक बहुमूल्य धरोहर मिले हैं. जिसका संबंध बुद्ध से बताया जा रहा है. ऐसे में उत्खनन के दौरान जो बहुमूल्य धरोहर मिले हैं, उनका प्रदर्शनी पुरातत्व विभाग ने गांव में लगाया है, जहां से बहुमूल्य धरोहर मिल रहे हैं.

Many historical heritage of 10th and 11th century found in Bahoranpur of Hazaribagh
ऐतिहासिक धरोहर
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Published : Feb 10, 2020, 2:32 PM IST

हजारीबाग: जिला के ऐतिहासिक महत्व को बताने की कोशिश भारतीय पुरातत्व विभाग कर रही है. पिछले 4 से 5 महीने से बहोरनपुर के सीतागढ़ा में उत्खनन का कार्य चल रहा है. जहां से कई ऐतिहासिक बहुमूल्य धरोहर मिले हैं. ऐसे में यह पूरे हजारीबाग समेत राज्य में कुतूहल का विषय बना हुआ है कि आखिर क्या मिल रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इस बात की जानकारी देने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने प्रदर्शनी लगाया है. प्रदर्शनी के दौरान पुरातत्व विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि यह क्षेत्र काफी ऐतिहासिक है और जो उत्खनन के दौरान धरोहर मिल रहे हैं वह स्पष्ट कर रहा है किसका संबंध बुद्ध काल से रहा है. 11वीं से 12वीं सदी के बीच के यह पूरा आकृति उभर कर सामने आया है, जो ऐसा बताता है कि यहां बुद्ध भिक्षु ध्यान लगाते होंगे.

जानकारी देते संवाददाता

ये भी देखें- मानव समाज का मूल्यों से पलायन घातक: द्रौपदी मुर्मू

लगभग 500 बुद्ध भिक्षु का यहां केंद्र रहा होगा. उनका यह भी मानना है कि इस क्षेत्र को अगर सूक्ष्मता से अध्ययन किया जाए तो यह इतिहास के कई राज खुलकर सामने आएंगे. यहां से मिले मृदभांड, मूर्ति के टुकड़े, अष्टदल कमल की आकृति यह सब विशेष महत्व वाले धरोहर है. उन्होंने बताया कि खंडित तारा की जो मूर्ति यहां मिली है इसी तरह की मूर्ति चतरा के भद्रकाली मंदिर के आसपास मिली है.

Many historical heritage of 10th and 11th century found in Bahoranpur of Hazaribagh
ऐतिहासिक धरोहर
वहीं, दूसरी ओर गांव के मुखिया भी कहते हैं कि क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है. सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए विशेष योजना बनानी चाहिए, ताकि छोटे से गांव की पहचान पूरे देश में हो सके. अगर बोहरनपुर पर्यटक स्थल बनेगा तो स्थानीय रोजगार की भी सृजन होगी.

ये भी देखें- मंडर को अनुमंडल बनाने का आया प्रस्ताव, गंगोत्री कुजूर ने कहा- बेड़ो को भी अनुमंडल बनाने के लिए हूं तत्पर

जो धरोहर हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव में मिला है यह यहां के महत्व को दर्शाता है. हजारीबाग का यह क्षेत्र ओल्ड बनारस रोड के रूप में भी जाना जाता रहा है. ऐसे में यह बताया जाता है कि बुद्ध चतरा के भद्रकाली से होते हुए इसी रास्ते से आगे बड़े होंगे. इस कारण यहां इस तरह की आकृति मिल रही है, जो अध्ययन के साथ-साथ शोध का विषय भी है. जरूरत है सरकार को योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्र में काम करने की.

हजारीबाग: जिला के ऐतिहासिक महत्व को बताने की कोशिश भारतीय पुरातत्व विभाग कर रही है. पिछले 4 से 5 महीने से बहोरनपुर के सीतागढ़ा में उत्खनन का कार्य चल रहा है. जहां से कई ऐतिहासिक बहुमूल्य धरोहर मिले हैं. ऐसे में यह पूरे हजारीबाग समेत राज्य में कुतूहल का विषय बना हुआ है कि आखिर क्या मिल रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इस बात की जानकारी देने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने प्रदर्शनी लगाया है. प्रदर्शनी के दौरान पुरातत्व विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि यह क्षेत्र काफी ऐतिहासिक है और जो उत्खनन के दौरान धरोहर मिल रहे हैं वह स्पष्ट कर रहा है किसका संबंध बुद्ध काल से रहा है. 11वीं से 12वीं सदी के बीच के यह पूरा आकृति उभर कर सामने आया है, जो ऐसा बताता है कि यहां बुद्ध भिक्षु ध्यान लगाते होंगे.

जानकारी देते संवाददाता

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लगभग 500 बुद्ध भिक्षु का यहां केंद्र रहा होगा. उनका यह भी मानना है कि इस क्षेत्र को अगर सूक्ष्मता से अध्ययन किया जाए तो यह इतिहास के कई राज खुलकर सामने आएंगे. यहां से मिले मृदभांड, मूर्ति के टुकड़े, अष्टदल कमल की आकृति यह सब विशेष महत्व वाले धरोहर है. उन्होंने बताया कि खंडित तारा की जो मूर्ति यहां मिली है इसी तरह की मूर्ति चतरा के भद्रकाली मंदिर के आसपास मिली है.

Many historical heritage of 10th and 11th century found in Bahoranpur of Hazaribagh
ऐतिहासिक धरोहर
वहीं, दूसरी ओर गांव के मुखिया भी कहते हैं कि क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है. सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए विशेष योजना बनानी चाहिए, ताकि छोटे से गांव की पहचान पूरे देश में हो सके. अगर बोहरनपुर पर्यटक स्थल बनेगा तो स्थानीय रोजगार की भी सृजन होगी.

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जो धरोहर हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव में मिला है यह यहां के महत्व को दर्शाता है. हजारीबाग का यह क्षेत्र ओल्ड बनारस रोड के रूप में भी जाना जाता रहा है. ऐसे में यह बताया जाता है कि बुद्ध चतरा के भद्रकाली से होते हुए इसी रास्ते से आगे बड़े होंगे. इस कारण यहां इस तरह की आकृति मिल रही है, जो अध्ययन के साथ-साथ शोध का विषय भी है. जरूरत है सरकार को योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्र में काम करने की.

Intro:हजारीबाग का बहोरनपुर का सीतागढ़ा ऐतिहासिक क्षेत्र के रूप में पूरे देश भर में देखा जा रहा है। जहां 10वीं और 11वीं सदी के कई ऐतिहासिक बहुमूल्य धरोहर मिले हैं। जिसका संबंध बुद्ध से बताया जा रहा है। ऐसे में उत्खनन के दौरान जो बहुमूल्य धरोहर मिले हैं उनका प्रदर्शनी पुरातत्व विभाग के द्वारा गांव में लगाया गया है। जहां से बहुमूल्य धरोहर मिल रहे हैं।


Body:हजारीबाग के ऐतिहासिक महत्व को बताने की कोशिश भारतीय पुरातत्व विभाग कर रही है। पिछले 4 से 5 महीने से बहोरनपुर के सीतागढ़ा में उत्खनन का कार्य चल रहा है। जहां से कई ऐतिहासिक बहुमूल्य धरोहर मिले हैं। ऐसे में यह पूरा हजारीबाग समेत राज्य में कुतूहल का विषय बना हुआ है कि आखिर क्या मिल रहे हैं। इस बात की जानकारी देने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने प्रदर्शनी लगाया है। प्रदर्शनी के दौरान पुरातत्व विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि यह क्षेत्र काफी ऐतिहासिक है और जो उत्खनन के दौरान धरोहर मिल रहे हैं वह स्पष्ट कर रहा है किसका संबंध बुद्ध काल से रहा है । 11 वीं से 12 वीं सदी के बीच के यह पूरा आकृति उभर कर सामने आया है ।जो ऐसा बताता है कि यहां बुद्ध भिक्षु ध्यान लगाते होंगे। लगभग 500 बुद्ध भिक्षु का यहां केंद्र रहा होगा। उनका यह भी मानना है कि इस क्षेत्र को अगर सूक्ष्मता से अध्ययन किया जाए तो यह इतिहास के कई राज खुलकर सामने आएंगे। यहां से मिले मृदभांड ,मूर्ति के टुकड़े ,अष्टदल कमल की आकृति यह सब विशेष महत्व वाले धरोहर है। उन्होंने बताया कि खंडित तारा की जो मूर्ति यहां मिली है इसी तरह की मूर्ति चतरा के भद्रकाली मंदिर के आसपास मिली है।

तो दूसरी और गांव के मुखिया भी कहते हैं कि क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है। सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए विशेष योजना बनानी चाहिए। ताकि छोटे से गांव की पहचान पूरे देश में हो सके। अगर बोहरनपुर पर्यटक स्थल बनेगा तो स्थानीय रोजगार की भी सृजन होगी।

byte.... वीरेंद्र कुमार, पुरातात्विक वेता
byte.. महेश तिग्गा, मुखिया बहोरनपुर


Conclusion: जो धरोहर हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव में मिला है यह यहां के महत्व को दर्शाता है। हजारीबाग का यह क्षेत्र ओल्ड बनारस रोड के रूप में भी जाना जाता रहा है। ऐसे में यह बताया जाता है कि बुद्ध चतरा के भद्रकाली से होते हुए इसी रास्ते से आगे बड़े होंगे ।इस कारण यहां इस तरह की आकृति मिल रही है ।जो अध्ययन के साथ-साथ शोध का विषय भी है। जरूरत है सरकार को योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्र में काम करने की।
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