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फास्टैग अनिवार्य करने को लेकर स्थानीय लोगों ने किया विरोध, टोल प्रबंधक को सौंपा ज्ञापन

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Published : Feb 17, 2021, 8:59 PM IST

हजारीबाग में फास्टैग की अनिवार्यता को लेकर स्थानीय लोगों ने बुधवार को रसोइया धमना टोल प्लाजा का घेराव किया. साथ ही लोगों ने 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामीणों का टोल टैक्स माफ किए जाने की मांग की है.

local people protest about fastag
फास्टैग अनिवार्य को लेकर स्थानीय लोगों ने किया विरोध

हजारीबागः फास्टैग को अनिवार्य करने को लेकर स्थानीय लोगों ने बुधवार को रसोइया धमना के टाल प्लाजा का घेराव किया. इस दौरान उन्होंने मांग किया है कि एनएचआई की ओर से स्थानीय लोगों को इसमें राहत मिले. इसको लेकर ग्रामीणों ने टोल प्रबंधक को रीजीनल ऑफिसर एनएचआई, प्रोजेक्ट डायरेक्टर हजारीबाग, एसडीओ बरही, और थाना प्रभारी बरही के नाम आवेदन सौंपा है.

देखें पूरी खबर

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ग्रामीणों ने बताया कि फास्टैग जबरन लगाने को कहा जाता है. नहीं, तो 210 रुपये कि अवैध वसूली स्थानीय लोगों से की जाती है. उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीण लगभग 20 किलोमीटर के विभिन्न गांव से आते हैं. वे अक्सर इलाज करवाने बाजार और शादी-विवाह कार्यों के लिए आवागमन करते हैं. इसलिए 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामीणों का टोल टैक्स माफ किया जाए, अगर यह नहीं होता है तो सभी ग्रामीण आंदोलन करेंगे.

फास्टैग के बाद भी लग रहा है जाम

यहां के कुछ स्थानीय लोग फास्टैग लगाने के बाद भी उलझनों में फंसे हुए है, जिसके वजह से भी गाड़ियों की लंबी कतार लग जा रही है. ऐसे ही एक स्थानीय ग्रामीण ने फास्टैग लगवाया बावजूद इसके उनको 220 रुपये का रसीद कटवाकर पार करना पड़ा. क्योकि, उनका अकाउंट ब्लैक लिस्ट हो चुका था. फास्टैग के तहत स्थानीय लोगों को 275 रुपये महीने की सुविधा दी गई है. बावजूद इसके ग्रामीण ये शुल्क भी देने में आनाकानी कर रहे हैं.

हजारीबागः फास्टैग को अनिवार्य करने को लेकर स्थानीय लोगों ने बुधवार को रसोइया धमना के टाल प्लाजा का घेराव किया. इस दौरान उन्होंने मांग किया है कि एनएचआई की ओर से स्थानीय लोगों को इसमें राहत मिले. इसको लेकर ग्रामीणों ने टोल प्रबंधक को रीजीनल ऑफिसर एनएचआई, प्रोजेक्ट डायरेक्टर हजारीबाग, एसडीओ बरही, और थाना प्रभारी बरही के नाम आवेदन सौंपा है.

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ग्रामीणों ने बताया कि फास्टैग जबरन लगाने को कहा जाता है. नहीं, तो 210 रुपये कि अवैध वसूली स्थानीय लोगों से की जाती है. उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीण लगभग 20 किलोमीटर के विभिन्न गांव से आते हैं. वे अक्सर इलाज करवाने बाजार और शादी-विवाह कार्यों के लिए आवागमन करते हैं. इसलिए 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामीणों का टोल टैक्स माफ किया जाए, अगर यह नहीं होता है तो सभी ग्रामीण आंदोलन करेंगे.

फास्टैग के बाद भी लग रहा है जाम

यहां के कुछ स्थानीय लोग फास्टैग लगाने के बाद भी उलझनों में फंसे हुए है, जिसके वजह से भी गाड़ियों की लंबी कतार लग जा रही है. ऐसे ही एक स्थानीय ग्रामीण ने फास्टैग लगवाया बावजूद इसके उनको 220 रुपये का रसीद कटवाकर पार करना पड़ा. क्योकि, उनका अकाउंट ब्लैक लिस्ट हो चुका था. फास्टैग के तहत स्थानीय लोगों को 275 रुपये महीने की सुविधा दी गई है. बावजूद इसके ग्रामीण ये शुल्क भी देने में आनाकानी कर रहे हैं.

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