हजारीबाग: सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि कोई भी जल स्रोत नहीं भरा जाएगा, लेकिन, हजारीबाग में कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर भू-माफिया बड़े बड़े तालाब को भर रहे हैं ताकि उस जमीन पर अपना कब्जा कर सके. ताजा मामला जिला के कोर्रा थाना क्षेत्र का है, जहां भू-माफिया जबरा छठ तालाब को मिट्टी से भरकर उसे समतल करने की कोशिश कर रहे हैं. बेखौफ भू-माफिया ऐसा करके जमीन पर कब्जा कर लेते हैं और फिर बाद में उसे करोड़ों की कीमत में बेच देते हैं.
पिछले साल ही तालाब में हुई थी छठ पूजा: दरअसल, हजारीबाग का जबरा छठ तालाब गर्मी के कारण सूख गया है. पिछले साल इसी तालाब में ना जाने कितने लोगों ने छठ पूजा भी की थी लेकिन, अब इस तालाब पर भू माफियाओं की नजर पड़ गई है. जिसे मिट्टी भरकर उसे समतल करने का काम किया जा रहा है. भू माफियाओं की हिमाकत इतनी बढ़ गई है कि सूखे तालाब के भीतर तक जाने के लिए बनी सीमेंट की सीढ़ियों को तोड़कर उस पर मिट्टी गिरा दी गई है. जिससे यह पता ही नहीं चले कि वहां कभी तालाब था. अब तक सैकड़ों गाड़ी मिट्टी तालाब में भरी जा चुकी है. ईटीवी भारत के संवादाता गौरव प्रकाश ने इस तालाब का जायजा लिया और मामले में पदाधिकारीयों से भी बात की.
क्या कहते हैं अधिकारी: भू-माफियाओं ने अपने गोरखधंधा के लिए ऐसा समय चुना जब जिला प्रशासन पंचायत चुनाव में व्यस्त है. तालाब की गहराई लगभग 50 फीट है और यह लगभग डेढ़ एकड़ की जमीन में फैली हुई है. हजारीबाग सदर सीओ राजेश कुमार भी बताते हैं कि उन्हें इसकी शिकायत मिली है और इस पर नजर रखी जा रही है. कई कर्मियों को घटनास्थल पर भी भेजा गया था ताकि कार्रवाई की जा सके. हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता प्रत्यूष सौनिक्य का भी कहना है कि जल स्रोत को भरना गैर कानूनी है. इसके बावजूद रांची समेत कई इलाकों में जल स्रोतों को भरने का काम किया जा रहा है. जिससे जुड़ी जनहित याचिका हाई कोर्ट में भी लंबित है.