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भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकलने से लोग दुखी, श्रद्धालुओं ने की वैकल्पिक व्यवस्था

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Published : Jul 11, 2021, 8:25 PM IST

हजारीबाग में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकलेगी. इससे लोग काफी दुखी हैं. वहीं, रविवार को सिलवार पूजा समिति की ओर से बैठक आयोजित की गई, जिसमें रथयात्रा को लेकर रणनीति बनाई गई.

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हजारीबाग में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

हजारीबागः कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई है. इससे जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक रथयात्रा नहीं निकलेगी. रथयात्रा नहीं निकलने से श्रद्धालु काफी दुखी है. हालांकि, वे कहते हैं कि कोरोना को लेकर यह कदम भी जरूरी है.


यह भी पढ़ेंःलोहरदगा: भगवान जगन्नाथ का हुआ नेत्रदान अनुष्ठान, कल सांकेतिक रथयात्रा का आयोजन

जिले में इस वर्ष रथयात्रा नहीं निकलेगी, लेकिन भगवान जगन्नाथ को ले जाने के लिए मौसी बाड़ी की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. रविवार को सिलवार पूजा समिति की ओर से बैठक आयोजित की गई, जिसमें रथयात्रा को लेकर रणनीति बनाई गई.

देखें वीडियो

रथयात्रा को लेकर की गई पूरी तैयारी

पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि श्रद्धालु आएंगे, तो उन्हें नियम के अनुसार मंदिर तक ले जाया जाएगा और भगवान जगन्नाथ का दर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि शाम 6:00 बजे भगवान को मौसी बाड़ी ले जाया जाएगा. इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है.

सोशल डिस्टेंसिंग का किया जाएगा पालन

समिकि के सदस्य नेमी चंद्र प्रसाद ने बताया कि मास्क और सैनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति मास्क का उपयोग कर सके. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाएगा. बता दें कि रथयात्रा के दौरान सिलवार जगन्नाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे और मेला भी लगता था. इस मेले में ग्रामीण दुकान लगाते थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मेला नहीं लगेगा.

पिछले दो वर्षों से नहीं निकल रही रथयात्रा

जिले में पिछले 70 वर्षों से लगातार भगवान जगरन्नाथ की रथयात्रा 70 वर्षों से हर वर्ष निकाली जा रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्षों से रथयात्रा नहीं निकाल रही है.

हजारीबागः कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई है. इससे जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक रथयात्रा नहीं निकलेगी. रथयात्रा नहीं निकलने से श्रद्धालु काफी दुखी है. हालांकि, वे कहते हैं कि कोरोना को लेकर यह कदम भी जरूरी है.


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जिले में इस वर्ष रथयात्रा नहीं निकलेगी, लेकिन भगवान जगन्नाथ को ले जाने के लिए मौसी बाड़ी की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. रविवार को सिलवार पूजा समिति की ओर से बैठक आयोजित की गई, जिसमें रथयात्रा को लेकर रणनीति बनाई गई.

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रथयात्रा को लेकर की गई पूरी तैयारी

पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि श्रद्धालु आएंगे, तो उन्हें नियम के अनुसार मंदिर तक ले जाया जाएगा और भगवान जगन्नाथ का दर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि शाम 6:00 बजे भगवान को मौसी बाड़ी ले जाया जाएगा. इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है.

सोशल डिस्टेंसिंग का किया जाएगा पालन

समिकि के सदस्य नेमी चंद्र प्रसाद ने बताया कि मास्क और सैनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति मास्क का उपयोग कर सके. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाएगा. बता दें कि रथयात्रा के दौरान सिलवार जगन्नाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे और मेला भी लगता था. इस मेले में ग्रामीण दुकान लगाते थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मेला नहीं लगेगा.

पिछले दो वर्षों से नहीं निकल रही रथयात्रा

जिले में पिछले 70 वर्षों से लगातार भगवान जगरन्नाथ की रथयात्रा 70 वर्षों से हर वर्ष निकाली जा रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्षों से रथयात्रा नहीं निकाल रही है.

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