हजारीबागः अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी झालो कुमारी नौकरी पाने के लिए दर-दर भटक रही है. जबकि 1 माह पहले ही झारखंड सरकार की ओर से कई खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है. झालो कुमारी अपने ससुराल बड़कागांव प्रखंड के बड़कागांव पूर्वी पंचायत के ग्राम कदमाडीह में अपने पति किशन कुमार के साथ खेतों में काम करती है.
2013 से नौकरी के लिए प्रयासरत
झालो कुमारी ने बताया कि उनकी सहेली साथ में अंतरराष्ट्रीय खेल में खेलने वाली संध्या कच्छप, दुलर मरांडी की एसएसबी में नौकरी लग चुकी है, जबकि तेरेसिना सोरेन की भी नौकरी सीआरपीएफ में लग चुकी है, लेकिन अब तक झालो कुमारी की नौकरी नहीं लगी है. उनका कहना है कि तीनों को शायद आरक्षण के तहत नौकरी मिली है. नौकरी के लिए तत्कालीन डीसी से लेकर तत्कालीन खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी तक भी चक्कर लगा चुकी है. सभी ने नौकरी दिलवाने का भी आश्वासन दिया, लेकिन अब तक नहीं मिली. नौकरी के लिए वह 2013 से प्रयासरत है.
विधायक अंबा प्रसाद से उम्मीदें
इसके साथ ही वह बताती है कि हजारीबाग के तत्कालीन डीसी मनीष रंजन एनटीपीसी ने रोजगार देने का आदेश दिया था, लेकिन एनटीपीसी ने डीसी के आदेश को भी नहीं माना. झालो कुमारी ने बताया कि पूर्व खेल मंत्री अमर बाउरी, खेल सचिव मनीष रंजन, राहुल शर्मा, निदेशक नरेंद्र कुमार, सांसद जयंत सिन्हा समेत कई अधिकारियों के समक्ष फरियाद लगाई, लेकिन सभी लोगों ने सिर्फ आश्वासन दिया है. अंडर-19 बालिका फुटबॉल वर्ल्ड कप में फ्रांस में खेलने पर सीसीएल हजारीबाग चरही एसोपी आरएन झा ने आश्वासन दिया था कि सीसीएल इसे गोद लेगी, लेकिन अभी तक नहीं लिया. झालो कहती हैं कि अब सीएम हेमंत सोरेन और बडकागांव की विधायक अंबा प्रसाद से उम्मीदें है. इसलिए विधायक अंबा प्रसाद को आवेदन दी हूं.
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कक्षा 7 से शुरू हुआ था फुटबॉल खेल का सफर
झालो कुमारी का चयन जिला टीम अंडर-14 फुटबॉल में कक्षा 7 में पढ़ाई के दौरान हुआ था. आवासीय खेलकूद छात्रावास में फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में भी चयन हुआ. इंटर तक इसी छात्रावास में रह कर पढ़ाई और फुटबॉल खेली. सातवीं राष्ट्रीय सब जूनियर बालिका फुटबॉल चैंपियनशिप में झारखंड टीम से खेलने उत्तराखंड गई. इसके अलावा महाराष्ट्र, पुणे और अन्य राज्यों में भी फुटबॉल खेली. स्कूल नेशनल प्रतियोगिता में भाग ली. वर्ष 2013 में इंडिया टीम की ओर से खेलने फ्रांस गई. ब्राजील, रोमानिया, डेनमार्क समेत कई देशों के साथ फुटबॉल मैच भी खेल चुकी है. झालो लेफ्टआउट पॉजिशन से फुटबॉल खेलती थी.
खेत में काम करने को मजबूर
वर्तमान में राजकीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच के कई प्रमाण पत्र को लेकर नौकरी पाने के लिए दर-दर भटक रही है. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी झालो कुमारी पेट पालने के लिए खेतों में काम कर रही है.