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धनबाद: बीमा कर्मचारी संघ का प्रदर्शन, श्रम कानून में संशोधन पर जताया विरोध

कोयलांचल में बीमा कर्मचारी संघ ने भारत सरकार के खिलाफ विरोध जताया. संघ का कहना है कि श्रम कानूनों में बदलाव होने से मजदूरों का शोषण होगा. भारत सरकार कोरोना वायरस की आड़ में मजदूरों के साथ छलावा कर रही है. उन्होंने इस कानून के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही.

Insurance workers union protest in dhanbad
बीमा कर्मचारी संघ ने जताया विरोध
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Published : May 24, 2020, 11:47 AM IST

धनबाद: कोयलांचल में बीमा कर्मचारी संघ ने श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव का जबरदस्त विरोध किया है. संघ ने कहा है कि सरकार इस कोरोना काल में भी मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है और राहत पैकेज के नाम पर कर्ज बांट रही है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.

देखें पूरी खबर

बीमा कर्मचारी संघ धनबाद ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया है, जिसमें बताया गया कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस की आड़ में मजदूरों के काम करने के घंटे में बढ़ोतरी कर रही है. संघ के संयुक्त सचिव हेमंत कुमार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई जा रही है, 20 लाख रुपए का आर्थिक पैकेज एक छलावा है, जो राहत नहीं कर्ज है. ऐसे में मजदूर के सभी संगठन केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आवाज उठा रही है. सरकार की इस नीति के खिलाफ सभी संगठन एकजुट है और इसका जमकर विरोध किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- धनबाद: बाघमारा कॉलेज क्वॉरेंटाइन सेंटर में नाश्ता को लेकर मजदूरों ने किया था हंगामा, जायजा लेने पहुंचे उपायुक्त

बीमा कर्मचारी संघ के संयुक्त सचिव ने कहा कि सरकार जानबूझकर सभी सेक्टर को निजीकरण की ओर धकेल रही है. सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के बारे में सोच रही है, मजदूरों की तरफ सरकार का किसी प्रकार का ध्यान नहीं है. सरकार को अपने नीति बदलनी होगी और मजदूरों के हक की भी बात सोचनी होगी.

धनबाद: कोयलांचल में बीमा कर्मचारी संघ ने श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव का जबरदस्त विरोध किया है. संघ ने कहा है कि सरकार इस कोरोना काल में भी मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है और राहत पैकेज के नाम पर कर्ज बांट रही है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.

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बीमा कर्मचारी संघ धनबाद ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया है, जिसमें बताया गया कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस की आड़ में मजदूरों के काम करने के घंटे में बढ़ोतरी कर रही है. संघ के संयुक्त सचिव हेमंत कुमार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई जा रही है, 20 लाख रुपए का आर्थिक पैकेज एक छलावा है, जो राहत नहीं कर्ज है. ऐसे में मजदूर के सभी संगठन केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आवाज उठा रही है. सरकार की इस नीति के खिलाफ सभी संगठन एकजुट है और इसका जमकर विरोध किया जाएगा.

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बीमा कर्मचारी संघ के संयुक्त सचिव ने कहा कि सरकार जानबूझकर सभी सेक्टर को निजीकरण की ओर धकेल रही है. सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के बारे में सोच रही है, मजदूरों की तरफ सरकार का किसी प्रकार का ध्यान नहीं है. सरकार को अपने नीति बदलनी होगी और मजदूरों के हक की भी बात सोचनी होगी.

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