हजारीबागः रंगों का त्योहार होली नजदीक है. इसकी खुशियां मनाने की तैयारियां तेज हैं. घरों में पकवान की तैयारियां हो रहीं हैं तो उमंगों के इस त्योहार में रंगों में सराबोर होने का मन कर रहा है, लेकिन त्वचा को बचाने के चलते मन मसोस रहे हैं. तो अब यह चिंता करने की जरूरत नहीं है. हजारीबाग की महिलाएं पलाश के फूल, हल्दी, पालक, चुकंदर आदि से प्राकृतिक रंगों वाला ऐसा गुलाल तैयार कर रहीं हैं, जो आपके चेहरे को खराब नहीं करेगा, बल्कि आपके चेहरे पर निखार ला देगा. इसकी खुशबू भी शानदार है.
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बता दें कि हजारीबाग के दारू प्रखंड के पेटो गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रहीं हैं. आरारोट, पालक, पलाश का फूल, गेंदा फूल, गुलाब फूल, बीट, जैस्मिन तेल, चंदन, मुल्तानी मिट्टी आदि से मिलाकर तैयार किया जा रहा है, जिसकी मांग पूरे राज्य में है. सोमवार को इसकी लॉन्चिंग की गई. उपायुक्त ने भी इनके गुलाल की तारीफ की. इस अवसर पर वहां मौजूद लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाया और होली की शुभकामना दी.
महिलाएं बोलीं-आप बना सकते हैं हमारी होली अच्छीः गुलाल बनाने वाली महिलाओं ने होली के त्योहार पर उनका गुलाल खरीदकर उनकी मदद करने का भी आह्वान किया है. उनका कहना था कि हम लोग बड़ी मेहनत और उत्साह के साथ गुलाल बना रहे हैं. यह गुलाल जहां आपकी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाएगा तो दूसरी ओर हमें कुछ पैसा मिलेगा तो हमारी होली भी अच्छी हो जाएगी. महिलाओं का कहना है कि बाजार में तो कई तरह के गुलाल हैं लेकिन हमारे गुलाल से अच्छा और सुरक्षित गुलाल किसी के पास नहीं है. यही तो कारण है कि सिर्फ हजारीबाग ही नहीं पूरे राज्य भर में हमारा गुलाल पहुंच रहा है.
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की जिला कार्यक्रम प्रबंधक शांति मार्डी ने भी लगाया गुलाल ऐसे तैयार होता है हर्बल गुलाल जेएसएलपीएस के तहत पलाश योजना से मार्केट उपलब्ध कराया जा रहाः दरअसल, महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना (एमकेएसपी) द्वारा संचालित और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोग्राम सोसाइटी (जेएसएलपीएस) ग्रामीण महिलाओं को सहायता समहों के माध्यम से रोजगार मुहैया कराने में मदद करती है. श्रम शक्ति के सम्मान को संचालित पलाश योजना के तहत इनके उत्पादों को बाजार मुहैया कराया जाता है. इसी कड़ी में सदर विधानसभा क्षेत्र के दारू प्रखंड स्थित पेटो में पैकेजिंग एंड प्रोसेसिंग सेंटर ग्रामीण सेवा केंद्र परिसर में ग्रामीण सखी मंडल की महिलाओं के समूह द्वारा वनोपज किसान उत्पादन कंपनी लिमिटेड के माध्यम से कई प्रकार की सामग्री तैयार कराई जा रही है. इसी के तहत होली के मद्देनजर ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल बनाने का युद्धस्तर पर कराया जा रहा है. हजारीबाग के उपायुक्त का कहना है कि महिलाओं का गुलाल आपकी खुशियों को बढ़ा देगा.
हजारीबाग की महिलाएं बना रहीं ऐसा हर्बल गुलाल जो नहीं करेगा चेहरा खराब हजारीबाग की महिलाएं बना रहीं ऐसा हर्बल गुलाल जो नहीं करेगा चेहरा खराब हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय का कहना है कि हर्बल गुलाल बनाने के लिए यहां समूह की दीदियों द्वारा फूल, फल एवं पत्तियों का उपयोग किया जा रहा है. हरे रंग के लिए पालक, गुलाबी के लिए गुलाब के फूल, पीले और भगवा रंग के लिए पलाश एवं गेंदा फूल, लाल रंग के लिए चुकंदर और अन्य रंगों के लिए चंदन सहित अन्य प्रकार प्राकृतिक चीजों का उपयोग किया जा रहा है.
हजारीबाग की महिलाएं बना रहीं ऐसा हर्बल गुलाल जो नहीं करेगा चेहरा खराब ऐसे बनाती हैं गुलालः झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की जिला कार्यक्रम प्रबंधक शांति मार्डी ने बताया कि दीदियां, विभिन्न प्रकार के फूल पत्ती और फलों को सबसे पहले गर्म पानी में उबालती हैं. इसके बाद मिक्सर में पीसकर इसका मिश्रण तैयार करती हैं फिर आरारोट के आटे में मिलाकर इसे अच्छी तरह गूथती हैं और फिर इसे ट्रे में फैलाकर सुखाती हैं. इसके बाद इसे अच्छी प्रकार से पीसती हैं. इसके बाद उसमें चंदन, नायसिल पाउडर और थोड़ा सा नेचुरल फरफ्यूम मिलाकर इससे हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है. गुलाल तैयार होने के बाद से आकर्षक पैकेट में पैकेजिंग कर जेएसएलपीएस के विभिन्न स्थानों पर स्थापित क्रय केंद्र पलाश मार्ट में बिक्री के लिए भेजा जाता है. डेढ़ सौ ग्राम वजन के हर्बल गुलाल के पैकेट की कीमत 90 रुपया निर्धारित है. लॉट में खरीदारी के लिए इन क्रय केंद्रों में ऑर्डर भी लिया जाता है.