हजारीबागः जिला के लिए यह वर्ष काफी सुखमय साबित हो रहा है, जहां एक ओर हजारीबाग के लड़कों ने शहर का नाम रोशन करते हुए हरेक क्षेत्र में कई उप्लब्धियों को अपने नाम किया. वहीं शहर की बेटियां भी इसमें उनसे कम नहीं हैं, इसी कड़ी में हजारीबाग की शिखा सेठी को नेशनल च्वाइस अवार्ड से नवाजा गया है. देश की 51 प्रभावशाली महिलाओं में शिखा का नाम शामिल हुआ है. शिखा को फाइन आर्ट के क्षेत्र में इनफ्लुएंस वूमेन 2021 और 2023 में गेस्ट ऑफ ऑनर से नवाजा गया है
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हजारीबाग की रहने वाली शिखा सतीश चंद्र सेठी की पुत्री हैं. शिखा फाइन आर्ट में एमए है. 26 फरवरी को नई दिल्ली में शिखा सेठी को नेशनल च्वाइस अवार्ड से नवाजा गया. इससे शिखा के परिजनों में खुशी का माहौल है. पिता सतीश चंद्र सेठी बताते हैं कि मुझे अपनी बेटी पर बेहद गर्व है. वह देश में अपनी खुद की पहचान बना रही है. भविष्य में बेटी ने तय किया है कि महिला सशक्तिकरण पर काम करेगी यह सुनकर मेरा सीना चौड़ा हो गया
माता-पिता को बेटी पर गर्वः वहीं शिखा की मां सीमा सेठी कहती हैं कि मैं भी बेहद खुश हूं कि मेरी बेटी दिल्ली में सम्मानित हुई है. बचपन से ही वो तरह-तरह की कलाकृति बनाती थीं, तब मुझे पता नहीं था कि यही पेंटिंग एक दिन उसे पूरे देश भर में पहचान दिलाएगी. वह अपनी कंपनी को आगे बढ़ाएं और कला को नई पहचान दिलाई यही मेरी तमन्ना है. वहीं शिखा सेठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल, महिलाओं को प्रोत्साहित करने, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना से प्रभावित हैं. ऐसे में उनका कहना है कि मेरी भी एक तमन्ना है कि लोकल फॉर वोकल के चीफ गेस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन बने ताकि हम महिलाओं का उत्साह और भी बढ़े
अपनी गृह नगरी पहुंच कर शिखा ने अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि प्रत्येक साल लोकल फॉर वोकल संस्था देश की महिलाओं को प्रमोशन देती है. विभिन्न क्षेत्र की 51 महिलाओं को नेशनल चॉइस अवार्ड दिया जाता है. ये महिलाएं अलग-अलग क्षेत्र में काम करती हैं और पूरे देश भर में इनका क्या प्रभाव है, समाज के लोग कितना इनसे प्रभावित हो रहे हैं उस अध्ययन के आधार पर महिलाओं का चयन होता है. इसमें आर्ट एंड कल्चर को लेकर काम करने पर उनको यह सम्मान दिया गया है
![hazaribag-shikha-won-national-choice-award-under-local-for-vocal-in-art-and-culture-event](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17972637_hzshikha.jpg)
बच्चों को फाइन आर्ट सिखा रहीं शिखाः वतर्मान समय में शिखा लगभग 150 से 200 बच्चों को फाइन आर्ट के कई विधा को सिखा रही हैं. इनमें लगभग 5 से 7 बच्चे स्पेशल चाइल्ड कैटेगरी के हैं. नई दिल्ली में शिखा फ्यूजन एंड क्रिएशन नामक कंपनी चलाती हैं. जिसमें कई महिलाएं काम कर रही है. शिखा की चाहत है कि वह इस कंपनी को उस मुकाम तक ले जाए जहां 50 से अधिक महिलाएं को रोजगार दिया जा सके साथ ही साथ कला को आम जनता तक पहुंचाया जा सके. इस काम में शिखा के पति कुमार विशाल और भाई संदीप शेखर उन्हें मदद कर रहे हैं
नेशनल चॉइस अवार्ड की दौड़ में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों को खुद से नामित करना पड़ता है. जिसमें प्रतिभागियों को अपने बारे में विस्तृत जानकारी देनी होती है, जैसे पढ़ाई, उम्र, किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, आपके काम से कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं, आपके काम से समाज में क्या असर हो रहा है और भविष्य में पड़ेगा. इसके बाद संस्था 51 महिलाओं का चयन करती है जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती हैं
वर्तमान समय में शिखा गुड़गांव स्थित डीपीएस में फाइन आर्ट विभाग की हेड हैं. उन्होंने मास्टर इन फाइन आर्ट्स की पढ़ाई पूरा किया है. उन्हें बचपन से ही आर्ट के प्रति झुकाव था. हजारीबाग के निजी स्कूल से उन्होंने प्लस टू किया और महिला महाविद्यालय से आईएससी और फिर लखनऊ में जाकर बैचलर इन फाइन आर्ट्स का कोर्स किया है. पढ़ाई के अलावा शिखा ने लखनऊ ललित कला अकादमी में योगदान दिया है. इसके अलावा कई जगहों पर उन्होंने आर्ट एंड कल्चर से जुड़ी प्रदर्शनी में अपनी पेंटिंग्स लगाई है.