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मैट्रिक में फर्स्ट डिवीजन से पास करने वाली पहली बिरहोर छात्रा हैं पायल, टीचर बनकर जनजातीय समुदाय में जगाएंगी शिक्षा की अलख

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Published : Aug 7, 2021, 8:54 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 9:02 PM IST

हजारीबाग में पहली बार एक बिरहोर छात्रा पायल ने मैट्रिक में फर्स्ट डिवीजन से पास किया है. पायल जिला की पहली बिरहोर छात्रा बन गईं हैं. परीक्षा में प्रथम श्रेणी पाने पर बस्ती के लोगों ने शुभाकामनाएं दीं. पायल उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती हैं.

Hazaribag first Birhor student Payal got first division in matric exam
डिजाइन इमेज

हजारीबागः आदिम जनजाति बिरहोर की बिटिया पायल बिरहोर ने मैट्रिक में प्रथम श्रेणी में पास कर पूरी बस्ती का नाम रोशन किया है. यह हजारीबाग की पहली बिरहोर बिटिया है, जिन्होंने मैट्रिक में फर्स्ट डिवीजन लाया है. पूरे टोला समेत गांव में खुशी का माहौल है, लोग पायल को शुभकामनाएं और मिठाई खिलाते नहीं थक रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- 'बिरहोर' समुदाय की किसी लड़की ने पहली बार 10 वीं पास की



बेटी किसी भी क्षेत्र में इन दिनों पीछे नहीं है. अब तो आदिम जनजाति बिरहोर भी समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. जंगलों में निवास करने वाले, समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग बिरहोर आज भी उपेक्षा के शिकार हैं. इनकी कम जनसंख्या को देखते हुए सरकार इनको संरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग के सुदूरवर्ती कटकमसांडी प्रखंड के कंसार बिरहोर टांडा की रहने वाली पायल मैट्रिक परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन प्राप्त किया है, जो इस आदिम जनजाति के लिए सम्मान की बात है. यह एक संदेश है कि बिरहोर आज अग्रसर हो रहा है. पायल बिरहोर टांडा समेत पूरे हजारीबाग की पहली ऐसी बिरहोर बिटिया है, जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में सफलता हासिल की और प्रथम श्रेणी में पास किया है.

परियोजना उच्च विद्यालय कंसार की छात्रा पायल बिरहोर के मैट्रिक पास होने की जानकारी जैसे ही लोगों को लगी, उन्होंने पायल को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं ही. पायल कहती हैं कि उसे स्कूल के शिक्षक की ओर से यह बताया गया कि वह फर्स्ट डिवीजन से बोर्ड परीक्षा में पास हुई हैं.


इसे भी पढ़ें- आज भी नहीं बदली बिरहोर जनजाति की स्थिति, जंगली जीवन जीने को हैं मजबूर

पायल की इच्छा है कि वह आगे की शिक्षा जारी रखे और शिक्षक बने, क्योंकि बिरहोर जनजाति में शिक्षा का घोर अभाव है. वहां के बच्चे पढ़ाई नहीं करते हैं, इस कारण वह शिक्षक बनकर अन्य बिरहोर बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं. मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद पायल इन दिनों मजदूरी का काम कर रही हैं और दूसरे के खेत में टमाटर लगा रही हैं. पायल ने कहा कि गांव के मुखिया और स्कूल के प्राचार्य ने उन्हें शुभकामनाएं दी. इसके अलावा कोई और भी व्यक्ति हमारे टांडा में नहीं पहुंचा.

Hazaribag first Birhor student Payal got first division in matric exam
मिठाई खिलाकर लोगों ने पायल को दी शुभकामनाएं

लेकिन अब मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोशिश करूंगी. पायल ने अपनी पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि हमारे पास पैसा कम होता था तो फीस का आधा पैसा स्कूल के शिक्षक की ओर से माफ भी कर दिया जाता था. कई लोगों ने मुझे पढ़ाई में मदद भी की, वहीं जेएसपीएल के सदस्यों का भी पढ़ाई के क्षेत्र में हमारा योगदान रहा है.

Hazaribag first Birhor student Payal got first division in matric exam
खेत में काम करतीं पायल बिरहोर

हजारीबागः आदिम जनजाति बिरहोर की बिटिया पायल बिरहोर ने मैट्रिक में प्रथम श्रेणी में पास कर पूरी बस्ती का नाम रोशन किया है. यह हजारीबाग की पहली बिरहोर बिटिया है, जिन्होंने मैट्रिक में फर्स्ट डिवीजन लाया है. पूरे टोला समेत गांव में खुशी का माहौल है, लोग पायल को शुभकामनाएं और मिठाई खिलाते नहीं थक रहे हैं.

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बेटी किसी भी क्षेत्र में इन दिनों पीछे नहीं है. अब तो आदिम जनजाति बिरहोर भी समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. जंगलों में निवास करने वाले, समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग बिरहोर आज भी उपेक्षा के शिकार हैं. इनकी कम जनसंख्या को देखते हुए सरकार इनको संरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग के सुदूरवर्ती कटकमसांडी प्रखंड के कंसार बिरहोर टांडा की रहने वाली पायल मैट्रिक परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन प्राप्त किया है, जो इस आदिम जनजाति के लिए सम्मान की बात है. यह एक संदेश है कि बिरहोर आज अग्रसर हो रहा है. पायल बिरहोर टांडा समेत पूरे हजारीबाग की पहली ऐसी बिरहोर बिटिया है, जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में सफलता हासिल की और प्रथम श्रेणी में पास किया है.

परियोजना उच्च विद्यालय कंसार की छात्रा पायल बिरहोर के मैट्रिक पास होने की जानकारी जैसे ही लोगों को लगी, उन्होंने पायल को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं ही. पायल कहती हैं कि उसे स्कूल के शिक्षक की ओर से यह बताया गया कि वह फर्स्ट डिवीजन से बोर्ड परीक्षा में पास हुई हैं.


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पायल की इच्छा है कि वह आगे की शिक्षा जारी रखे और शिक्षक बने, क्योंकि बिरहोर जनजाति में शिक्षा का घोर अभाव है. वहां के बच्चे पढ़ाई नहीं करते हैं, इस कारण वह शिक्षक बनकर अन्य बिरहोर बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं. मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद पायल इन दिनों मजदूरी का काम कर रही हैं और दूसरे के खेत में टमाटर लगा रही हैं. पायल ने कहा कि गांव के मुखिया और स्कूल के प्राचार्य ने उन्हें शुभकामनाएं दी. इसके अलावा कोई और भी व्यक्ति हमारे टांडा में नहीं पहुंचा.

Hazaribag first Birhor student Payal got first division in matric exam
मिठाई खिलाकर लोगों ने पायल को दी शुभकामनाएं

लेकिन अब मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोशिश करूंगी. पायल ने अपनी पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि हमारे पास पैसा कम होता था तो फीस का आधा पैसा स्कूल के शिक्षक की ओर से माफ भी कर दिया जाता था. कई लोगों ने मुझे पढ़ाई में मदद भी की, वहीं जेएसपीएल के सदस्यों का भी पढ़ाई के क्षेत्र में हमारा योगदान रहा है.

Hazaribag first Birhor student Payal got first division in matric exam
खेत में काम करतीं पायल बिरहोर
Last Updated : Aug 7, 2021, 9:02 PM IST
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